फिजीकल कॉलेज प्रमाणित: अधिकारियों पर FIR की सिफारिश

शिवपुरी। फिजीकल कॉलेज शिवपुरी प्रंबधन की वित्तीय अनिमिताओ और कॉलेज के समान गायब कर घर की शोभा बढाने, कॉलेज की भूमि पर अतिक्रमण कराने और बिजली चोरी की गई शिकायत जांच अधिकारी ने सिद्ध कर दी है, जांच अधिकारी ने अपनी जांच में यह भी लिखा है कि दोषियो के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने और धोखाधडी का भी मामला दर्ज किया जा सकता है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अभिभाषक आनंद धाकड़ ने कलेक्टर को की गई शिकायत में फिजीकल कॉलेज की वित्तीय अनियमितताओं की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया था। जिसमें श्री धाकड़ ने तथ्यात्मक रूप से कॉलेज की वित्तीय अनियमितताओं का जिक्र किया था तथा बताया था कि किस तरह महाविद्यालय की सामग्री और संपत्ति खुर्दबुर्द की जा रही है।

महाविद्यालय का गेट, टेबिल टेनिस की टेबिल, ट्रेड मिल सहित अन्य सामग्री खुर्दबुर्द कर दी गई है। महाविद्यालय का सागौन का बेशकीमती फर्नीचर अधिकारियों के घरों की शोभा बढ़ा रहा है। महाविद्यालय की जमीन पर अतिक्रमण कराया जा रहा है तथा विद्युत चोरी का आरोप भी लगाया गया था। यह भी शिकायत की गई थी महाविद्यालय में स्वीकृत पदों से अधिक पद होने के बाद भी पढ़ाई नहीं कराई जा रही।

इस पर कलेक्टर ने नायब तहसीलदार मनीष जैन को जांच के लिए अधिकृत किया। जांच में पाया गया कि संस्था के सात व्या याताओं में से चार पद विरूद्ध पदस्थ हैं। प्राचार्य अपनी सेवाएं नियमित रूप से नहीं दे रहे तथा माह में एक बार संस्था में आते हैं। भौतिक सत्यापन में रजिस्टर अनुसार सामग्री महाविद्यालय में नहीं पाई गई।

पुराने सामान का कोई रिकॉर्ड नहीं है। ऑडिटोरियम के ठेकेदार को बिना अनुमति के बिजली उपलब्ध कराई गई। इस पर विशेष न्यायालय शिवपुरी में विद्युत अधिनियम के तहत प्रकरण भी कायम किया गया है। कॉलेज में पुराने सागौन फर्नीचर का न तो कोई रिकॉर्ड है और न ही सामान।

बैंड इंस्टूमेंट जो कि पीतल के थे नहीं पाये गये। जांच में यह भी पाया गया कि महाविद्यालय में कक्षाएं कभी-कभी लगती है। अध्यापक अपनी मर्जी से आते-जाते हैं। फिजीकल कॉलेज की बेसकीमती जगह पर अतिक्रमण हो चुका है जिसे रोकने का महाविद्यालय प्रबंधन ने कोई प्रयास नहीं किया। प्रभारी प्राचार्य को शासकीय संपत्ति को खुर्दबुर्द किये जाने और संपत्ति की सुरक्षा न किये जाने के लिए जि मेदार ठहराया गया है।

 जांच अधिकारी ने अपनी जांच में प्रभारी प्राचार्य सिकरवार, व्या याता विजय भार्गव और गणक मीना मित्तल को दोषी पाया है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि प्रभारी प्राचार्य एवं गणक श्रीमती मित्तल पर शासकीय कार्य में बाधा का प्रकरण दर्ज किया जा सकता है।

प्रभारी प्राचार्य श्री सिकरवार, विजय भार्गव और गणक श्रीमती मित्तल पर चार्ज को प्रभावित करने के लिए पुन: सामान को महाविद्यालय में रखे जाने एवं तथ्य छुपाने पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया जा सकता है।

कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने पर हॉस्टल प्रभारी शकील खान व्या याता एवं अन्य स्टाफ सदस्यों के विरूद्ध मप्र आचरण नियम 1965 के तहत कार्यवाही की जा सकती है।

जांच में यह भी पाया गया कि दोषी अधिकारी महाविद्यालय की सामग्री को निजी उपयोग के लिए अपने घर पर ले गये थे। टेबिल टेनिस की टेबिल, साइकिल तथा टे्रड मिल विधिवत तरीके से आवंटन कराये प्रभारी प्राचार्य श्री सिकरवार, विजय भार्गव और श्रीमती मीना मित्तल निजी उपयोग हेतु अपने घर ले गये।

जांच अधिकारी की रिपोर्ट अपर कलेक्टर ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दिये हैं। जिसमें अपर कलेक्टर ने पूछा है कि  क्यों न उनके विरूद्ध जांच कार्य में बाधा डालने/अभिलेख उपलब्ध न कराने के कारण अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराया जाये।

महाविद्यालय की सामग्री बिना अधिकार, अवैधानिक उपयोग करने उसे खुर्दबुर्द करने के कारण उन पर आपराधिक प्रकरण क्यों न पंजीबद्ध कराया जाये तथा शासकीय निर्देशों के उल्लंघन में आपके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने हेतु वरिष्ठ कार्यालयों को क्यों न लिखा जाये।