तीन साल में ABCD भी नही सीख पाया कोलारस पब्लिक स्कूल का छात्र

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शिवपरी। कोलारस मे एक अभिभावक ने कोलारस पब्लिक स्कूल के खिलाफ बीआरसीसी और एसडीएम से एक शपथपत्र देकर शिकायत की है कि इस स्कूल में पढाई का स्तर जीरो है और प्रबंधन बच्चो के भविष्य बनाने की कहता है परन्तु बिगडता है इस स्कूल की कारण मेरे बच्चे का एक साल बर्बाद को रहा है।

कोलारस निवासी मुंशी का कहना है कि मैने अपने बच्चे को तीन साल तक पढाया। मंहगी किताबें खरीदकर दीं जो फिस मांगी वो स्कूल में जमा करवाई। मेरा बेटा एबीसीडी तक नही सीख पाया है मैने समय-समय पर स्कूल प्रबंधन से शिकायत भी की लेकिन  मेंरे बच्चे का पढाई का स्तर नही सुधरा।

परेशान अभिभावक मुंशी का कहना है कि जब मैने स्कूल प्रबंधन से अपने बच्चे के कमजोर शैक्षणिक स्तर के संबंध में बात की तो वे बोले कि चार घंटे में क्या बच्चे को किताब घोलकर पिला दें। स्कूल प्रबंधन का यह रवैया देख मुंशी ने अपने बेटे की टीसी देने के लिए कहा तो पहले सौ रुपए की मांग की गई। 

जब उसने सौ रुपए की रसीद देने को कहा तो बिना पैसों के टीसी काट दी। मुंशी ने बताया कि मैं अपने बेटे का दूसरे स्कूल में एडमिशन कराने गया तो पढाई में कमजोर होने की वजह से उसे नीचे की क्लास में एडमिशन मिल रहा है।

कुल मिलाकर जिले मे ऐसा पहला मामला आया है कि किसी स्कूल के शिक्षा स्तर पर ऐसे आरोप लगे है। की पूरे पैसे देने पर रिजल्ट जीरो है। तीन साल में बच्चा एबीसीडी भी नही सीख पाया और प्रबंधन कह रहा है कि चार घंटे मे हम बच्चे को पूरी किताब घोल कर पिला दे बच्चे को। ईतना ही नही प्रबंधन का कहना है कि बच्चे के पालक बच्चे पर ध्यान नही देते है।

इस मामले में शिवपुरी सामाचार डाट कॉम के स्कुल प्रबंधन से कुछ सवाल, बच्चा आपके पास चार घंटे रहा स्कुल साल में 250 लगभग लगता है और तीन साल में हो गए 750 दिन। चार घंटे की हिसाब से 750 दिन से हो गए 3 हजार घंटे। आप का स्कुल 3 तीन हजार घंटे में एक बच्चे को एबीसीडी नही सीखा पाया है। शिवपुरी के मेले में एक गधा आया है जो कुशलता पूर्वक सीखाने के कारण जोडना घटना और ज्यौतिषी बन गया। कुल मिलाकर आप अपने प्रंबधन का स्तर आप स्वयं की आकलन कर ले।

दूसरा यह है कि अभिवाभक बच्चे पर घर ध्यान नही देते है तो सवाल यह खडा होता है कि आप ने बच्चे के एडमिशन करते समय यह शर्त पालक को नही बताई होगी कि स्कूल तो एक फॉरमलटी है। आप को अपने बच्चे को घर पर ही पढना होगा, आप ने अपने अपने स्कूल के किसी भी बोर्ड हॉर्डिग या पेम्पलैट पर यह नही लिखा होगा कि आपको आपके बच्चे को घर पर भी पढना होगा अन्यथा स्कूल की कोई गांरटी नही है। 

आपने अपने प्रचार में सिर्फ बच्चें का भविष्य उज्ज्वल के लिए लिखा है कृपया करके शर्तें पूरी बताया करें..और हां कोलारस पब्लिक स्कूल के डारेक्टर अशोक ठाकुर से विनम्र अपील इस समाचार से किसी भी बात से असहमत है तो नीचे कमेंट बॉक्स में अवश्य लीखे हमे और आपकी और आपने पाठको के प्रतिक्रिया का इंतजार है।

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