शिवपुरी। क्षेत्रीय व्यवहारिक शब्दावली में इसे गद्दारी कहा जाता है जबकि संवैधानिक शब्दावली में आप लापरवाही भी कह सकते हैं। मामला शहर के 32 मैरिज हाउस के खिलाफ हुई सीलिंग की कार्रवाई का है। व्यापारियों को यह दिन ना देखने पड़ते यदि सीएमओ समय रहते उन्हें सचेत कर देते। यह उनकी जिम्मेदारी भी थी, क्योंकि उनसे टैक्स भी वही वसूलते हैं।
सरल शब्दों में समझिए इस मामले को
शिवपुरी के एडवोकेट विजय तिवारी ने हाईकोर्ट में याचिका क्र.4623/2014 दायर की। जिसमें आरोप था कि शिवपुरी में मैरिज गार्डनों का संचालन अवैध रूप से किया जा रहा है। जिससे आम रास्तों पर जाम की स्थिति, ध्वनीप्रदूषण एवं अन्य कई प्रकार के प्रदूषण फैल रहे हैं।
दिनांक 10 दिसम्बर 2015 को हाईंकोर्ट की डबल बैंच के न्यायमूर्ति श्री एस.के. गंगेले एव श्री शील नागू ने कलेक्टर शिवपुरी और सीएमओ नपा को आदेशित किया कि ऐसे सभी अवैध मैरिज गार्डनों को बंद कराया जाए एवं 4 माह के भीतर नियमावली बनाकर नियमानुसार संचालन की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
हाईकोर्ट के आदेशानुसार इस हेतु कलेक्टर शिवपुरी एवं सीएमओ नगरपालिका शिवपुरी कार्रवाई के लिए पाबंद किए गए थे।
होना यह चाहिए था कि हाईकोर्ट के आदेश प्राप्त होते ही सीएमओ नगरपालिका शिवपुरी सभी मैरिज गार्डन संचालकों की मीटिंग बुलाते और स्थिति से अवगत कराते हुए मैरिज गार्डनों का संचालन बंद करने के आदेश दे देते। ऐसी स्थिति में सबकुछ व्यवस्थित हो जाता और आज व्यापारियों को सीलिंग का सामना नहीं करना पड़ता।
मप्र शासन ने मैरिज गार्डनों के संचालन के लिए नियमावली पहले से ही तैयार कर रखी है जो हाईकोर्ट जबलपुर के आदेश पर तैयार हुई है। उसी नियमावली को शिवपुरी में लागू करवा दिया जाता और हाईकोर्ट की ग्वालियर बैंच को सूचित कर दिया जाता। इससे ना तो कलेक्टर को सीलिंग के आदेश देने पड़ते और ना ही व्यापारियों को इस तरह परेशान होना पड़ता।
ये सारी जिम्मेदारियां व्यवहारिक और वैधानिक दोनों दृष्टियों से सीएमओ नगरपालिका शिवपुरी की ही थीं। चूंकि नगरपालिका इन प्रतिष्ठानों से टैक्स वसूली करता है अत: उसका दायित्व है कि वो संबंधित आदेशों की सूचना भी व्यापारियों तक पहुंचाए और व्यवहारिक यह कि मैरिज गार्डन के अतिक्रमणों के विरुद्ध सीएमओ ने मोटी रिश्वत वसूल रखी है। इसी के चलते अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। अत: सीएमओ की जिम्मेदारी बनती है कि वो उन लोगों को आने वाले संकट की सूचना दे जिनसे उसने काली कमाई वसूल की है।
लेकिन सीएमओ ने ऐसा नहीं किया और सीएमओ की लापरवाही का खामियाजा शहर के 32 मैरिज गार्डन संचालक और उनमें आयोजित होने वाले विवाह समारोहों के आयोजकों को भोगना पड़ रहा है।
ये रहे वो मैरिज गार्डन जो सीएमओ की लापरवाही के चलते सील हो गए
सोन चिरैया होटल, दुर्गामठ, वंदना मेरिज हाउस, दुर्गामठ, शिवम सुदरम सेठ स्टेट, सावित्री सदन, परिणय वाटिका, उत्सव वाटिका, लाल कोठी, ऋषि मेरिज गार्डन, शकुन वाटिका, श्रीराम मेरिज हाउस, प्रेम वाटिका, बाल मेरिज गार्डन, नेताजी मेरिज गार्डन, शिव मेरिज गार्डन, युगल मैरिज हाउस, जल मंदिर मैरिज हाउस, मध्यदेशीय अग्रवाल धर्मशाला, आशीर्वाद भवन, मिलन वाटिका, लवकुश मैरिज हाउस, संजय लॉज, लकी गार्डन, शिवपुरी होटल, चौकसे धर्मशाला, लगन वाटिका, लश्करी मैरिज हाउस, संस्कार मैरिज गार्डन, शुभम होटल का मैरिज हाउस, प्रेम वाटिका, बालाजी गार्डन, कुशवाह मैरिज गार्डन, सूर्य वाटिका, महोत्सव वाटिका आदि पर तालेबंदी कर इन्हें सील किया गया। इनमें से कई मैरिज हाउस में आज विवाह समारोह आयोजित होने हैं इस कारण शिवपुरी में हड़कंपपूर्ण स्थिति निर्मित हो गई। शेष मैरिज हाउस के बारे में प्रशासन ने कहा कि इन्हें कल सील कर दिया जायेगा।