नपा की केबीनेट मीटिंग सम्पन्न, कमीशनवाले सारे प्रस्ताव पास

शिवपुरी। नगरपालिका शिवपुरी की पहली केबीनेट मीटिंग सम्पन्न हुई। इस मीटिंग में वो सभी प्रस्ताव पास कर दिए गए जिन पर सीएमओ सहित अध्यक्ष एवं पार्षदों को कमीशन मिलने के आरोप लगते रहे हैं। ईमानदारी जताने के लिए पीआईसी ने एक प्रस्ताव खारिज भी किया।

10 लाख रुपये की बिजली सामग्री खरीद करने का प्रस्ताव पारित किया गया, वहीं निर्माण कार्यों में अधिक दर आने पर पुन: टेंडर करने का प्रस्ताव पारित किया गया। पीआईसी की बैठक में सीएमओ कमलेश शर्मा सहित सभी सदस्य मौजूद थे।

आज संपन्न हुई पीआईसी की बैठक में तय किया गया कि प्रत्येक वार्ड में पार्षद को एक-एक टेंडर दिया जायेगा जिसकी व्यवस्था वह स्वयं करेगा तथा इसके अलावा प्रभावित इलाकों में नपा प्रशासन पेयजल सप्लाई अलग से करेगा।

हाईडेंटों पर पानी के स्टोरेज के लिये 30 लाख लीटर की टंकियां खरीदने का प्रस्ताव भी पारित किया गया तथा वार्डों में पूर्व से चल रहे टेंकरों के अलावा प्रभावित इलाकों में टेंकरों की संख्या बढ़ाने के प्रस्ताव को स्वीकृत किया गया।

पुलिया निर्माण और प्रतिमाओं पर लाइट लगाने के टेंडर को अधिक मानते हुए पीआईसी ने पुन: टेंडर आमंत्रित करने के प्रस्ताव को स्वीकृत किया। बताया जाता है कि पूर्व के टेंडर सीएसआर दर से 18 प्रतिशत अधिक दर के थे। 10 लाख रुपये तक की विद्युत सामग्री अब खरीदी जा सकेगी। इसके अलावा कई नामांतरणों के प्रस्तावों को मंजूरी मिली।

​कुल मिलाकर पहली मीटिंग की समीक्षा में कहा जा सकता है कि सबका ध्यान रखने का प्रयास किया गया है ताकि भविष्य में कोई बवंडर ना हो। पुन: दोहरा दें कि नगरपालिका शिवपुरी में कमीशनखोरी की परंपरा बहुत पुरानी रही है। पूर्व नपाध्यक्ष जगमोहन सिंह सेंगर भी इससे इंकार नहीं कर सके, यह बात इतर है कि उन्होंने मिलने वाला कमीशन जनहित के कार्यों में खर्च किया। पूर्व नपाध्यक्ष रिशिका अनुराग अष्ठाना पर तो मोटा कमीशन वसूलने के आरोप तक लगे हैं अत: नई परिषद को अपनी ईमानदारी साबित करनी होगी और पहली मीटिंग से यह कतई नहीं लगता कि कमीशनखोरी की परंपरा को तोड़ने का प्रयास भी किया गया है। सूत्रों का कहना है कि सभी निर्णय सीएमओ की योजनानुसार हुए हैं और सेटिंग का खेल जारी रहेगा।