शिवपुरी। शिवपुरी में अचानक उद्योग विभाग सक्रिय हो उठा है। यह सक्रियता भी केवल इंडस्ट्रियल एरिया में भाजपा के पूर्व विधायक माखनलाल राठौर एवं भाजपा अध्यक्ष ओमी जैन के प्लाट तक ही सीमित है। कार्रवाई कुछ इस तरह की जा रही है मानो सुप्रीम कोर्ट ने अल्टीमेटम दिया हो।
मामला अतिक्रमण का है। उद्योग विभाग का कहना है कि पूर्व विधायक माखनलाल राठौर के बेटे एवं भाजपा अध्यक्ष ओमी जैन ने अतिक्रमण किया है जिसे हटाने के आदेश कमिश्नर की ओर से आए हैं। विभाग के अधिकारी तमाम अमला लेकर बुधवार को मौके पर पहुंचे और कार्रवाई शुरू कर दी। पूर्व विधायक ने विरोध किया तो उन्हें धमकियां दीं गईं, गिरफ्तारी की तैयारियां तक कर ली गईं। पूर्व विधायक धरने पर बैठ गए। मामला तूल ना पकड़ ले शायद इसलिए अमला वापस लौट आया परंतु आज फिर अधिकारियों की धमचक शुरू हो गई। आदेश दिया गया है कि यदि शुक्रवार की सुबह अतिक्रमण दिखाई दिया तो हिटाची चला दी जाएगी। रोका तो गिरफ्तारियां की जाएंगी। डंडे बरसाएंगे और पता नहीं क्या क्या।
इधर माखनलाल राठौर का कहना है कि उनके बेटे ने कोई अतिक्रमण नहीं किया है। विभाग सीमांकन कराकर देख ले। श्री राठौर पूर्व विधायक हैं, यदि वो सीमांकन की मांग कर रहे हैं तो उसे पूरा किया जाना चाहिए। सीमांकन की मांग करना उनका लोकतांत्रिक अधिकार है और इसमें बुराई ही क्या है।
सवाल यह है कि क्यों कमिश्नर इस मामले में इतने उतावले हुए जा रहे हैं जबकि पूरा का पूरा इंडस्ट्रियल एरिया ही अतिक्रमण की चपेट में है। यदि एरिया को अतिक्रमण मुक्त कराना है तो कार्रवाई शुरू से अंत तक चलाइए। केवल 2 प्लॉट पर कार्रवाई, पक्षपात के आरोपों को हवा देती है।
कहीं ऐसा तो नहीं कि विभाग की माननीय मंत्रीजी के आदेश पर यह कार्रवाई की जा रही है। वैसे भी आजकल श्रीमंत कुछ ज्यादा ही तुनकमिजाज हो गईं हैं। नगरपालिका चुनाव हारने के बाद शायद यह उसका दण्ड निर्धारित किया गया हो, महल की ओर से।
