नाबालिग से छेडछाड के तीन आरोपियों को सजा

शिवपुरी।  जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजुली पालो ने बुधवार को दिए एक महत्वपूर्ण फैसले में दस साल की मासूम बच्ची का अपहरण कर उसके साथ छेडछाड करने वाले तीन आरोपियों को ढाई-ढाई साल के सश्रम कारावास एवं आठ-आठ हजार के अर्थदंड से दंडित किया है।

अर्थदंड न देने पर अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा अभियोजन की ओर से पैरवी लोक अभियोजक मदन बिहारी श्रीवास्तव ने की।

फरियादी बाबू आदिवासी ने 11 मई 2014 को पोहरी थाने में शिकायत दर्ज कराई कि वह ग्राम मायापुर थाना पोहरी निवासी अपने बहनोई की बेटी की शादी में भात लेकर गया था उसके साथ उसकी 10 वर्षीय नातिन भी गई थी।

फरियादी के अनुसार शाम को भात पहनाने के बाद रात में सभी लोग सो गए उसकी 10 वर्षीय नातिन बच्चों के साथ सो रही थी, तभी रात में राजू पुत्र शिवनारायण आदिवासी उम्र 20 वर्ष निवासी मायापुर थाना पोहरी, शिशुपाल पुत्र माखन आदिवासी उम्र 20 वर्ष निवासी भेंसदा थाना पोहरी, नेपाल पुत्र श्रीलाल आदिवासी उम्र 20 वर्ष रामपुरा थाना पोहरी ने उसे उठाकर उसके साथ अश्लील हरकतें की।

इसकी जानकारी सुबह पीडिता ने फरियादी बाबू को दी, पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ धारा 354, 363, 456,34 आईपीसी सहित पीसीएसओ एक्ट की धारा 8 के तहत प्रकरण कायम कर विवेचना उपरांत सुनवाई के लिए न्यायालय में पेश किया।

न्यायाधीश ने मामले में आए समस्त तथ्यों एवं साक्ष्यों पर विचारण उपरांत तीनों आरोपियों को धारा 354 में ढाई वर्ष के सश्रम कारावास व दो हजार के अर्थदंड, धारा 456 में ढाई वर्ष के सश्रम कारावास एवं दो हजार के अर्थदंड, पीसीएसओ एक्ट में ढाई वर्ष के सश्रम कारावास एवं दो हजार के अर्थदंड, धारा 366 में दो वर्ष के सश्रम कारावास व दो हजार के अर्थदंड से दंडित किया है अर्थदंड न देने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।