अब हाईकोर्ट के फरमान से दुरूस्त होंगी शहर की सड़कें

शिवपुरी। माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर खण्डपीठ के न्यायमूर्तिगण श्री एसके गंगेले और श्री शील नागू ने अभिभाषक विजय तिवारी की जनहित याचिका पर फैसला देते हुए शासन तथा नगरपालिका शिवपुरी को आदेश दिया है कि शिवपुरी की सड़कों को दुरूस्त किया जाये तथा प्रत्येक माह की 9 तारीख को इस वावत् उच्च न्यायालय में रिपोर्ट पेश की जाये। उक्त जनहित याचिका में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आगामी पेशी दिनांक 9 फरवरी 2015 को नियत की गई है।

अभिभाषक विजय तिवारी ने अपनी जनहित याचिका में कहा था कि सीवर लाइन की खुदाई के कारण शहर की सड़कों की हालत इतनी खराब हो गई है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा था कि सीवर लाइन के तहत शहर के मु य मार्गों की लगभग 35 किमी सड़कों की खुदाई कर पाइप डाल दिये गये हैं, लेकिन इसके बाद भी सड़कों की दशा नहीं सुधारी जा रही।

उन्होंने खासतौर पर इस संबंध में नबाव साहब रोड, कोर्ट रोड, माधवचौक, गांधी चौक आदि प्रमुख मार्गों के नाम गिनाये। उनकी जनहित याचिका का निराकरण करते हुए न्यायमूर्तिगण ने आदेश दिया कि सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर नगरपालिका शिवपुरी एवं राज्य शासन शहर की जर्जर सड़कों को दुरूस्त करायें तथा प्रत्येक माह सड़कों की रिपेयरिंग रिपोर्ट से उच्च न्यायालय को अवगत करायें।

विदित हो कि इसके पूर्व भी अभिभाषक विजय तिवारी ने नगरपालिका के क्वार्टरों में अवैध रूप से रह रहे लोगों से क्वार्टर खाली कराने की याचिका प्रस्तुत की थी जिसके तारत य में नपा क्वार्टरों से अवैध कब्जे हटा दिये गये। उनकी एक अन्य याचिका पर शहर में मैरिज हाउस संचालन को लेकर भी कड़ेे निर्देश उच्च न्यायालय ने जारी किये थे।

जागरूकता और सक्रियता से कर सके 90 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग
शिवपुरी। बदरवास जनपद पंचायत के ग्राम ढेंकुआ में जमकर विवाद की स्थिति निर्मित हुई जब मतदान केन्द्र क्रमांक 137 पर 90 मतदाताओं को यह कहकर वोट डालने से मना कर दिया गया कि उनके नाम मतदाता सूची में नहीं है जबकि मतदाताओं के पास बीएलओ द्वारा दी गई पर्चियां थीं।

मतदाताओं के नाम एजेंटों को दी गई सूची में भी थे। बाद में कांग्रेस नेता हरवीर सिंह रघुवंशी और सोहन गौड तथा मीडिया के हस्तक्षेप के बाद मतदाताओं को वोट डालने दिया गया। वोट डालने से वंचित हुए मतदाताओं में सरपंच पद का उ मीदवार राजू विक्रम सिंह आदिवासी भी था जिसका मतदाता क्रमांक 1499 था। बाद में उसे भी वोट डालने दिया गया।

हुआ यह कि उक्त मतदान केन्द्र पर जो सूची भेजी गई उसमें दो पन्ने गायब थे। वह गायब कैसे हुए इसका कोई खुलासा प्रशासन ने नहीं किया, लेकिन मतदाता सूची के आधार पर बीएलओ ने 90 मतदाताओं को पर्ची भी दे दी थी, लेकिन पीठासीन अधिकारी के पास मौजूद मतदाता सूची में नाम न होने पर उन्हें मतदान नहीं करने दिया गया जिससे दो घंटे तक विवाद की स्थिति बनी रही। यह तर्क दिया गया कि सरपंच पद के उ मीदवार राजू विक्रम सिंह आदिवासी का नाम मतदाता सूची में नहीं है तो उनका नामांकन कैसे स्वीकार हो गया।

संयोग से उसी समय सांसद प्रतिनिधि हरवीर सिंह रघुवंशी, कोलारस कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष सोहन गौड़ और मीडियाकर्मी उक्त मतदान केन्द्र पर पहुंचे। उन्होंने वहां मौजूद नायब तहसीलदार को समझाने की कोशिश की, लेकिन परिणाम कुछ नहीं निकला। फिर कांग्रेस नेताओं तथा मीडिया ने कोलारस एसडीएम बीपी माथुर से मोबाइल पर बातचीत की और उन्हें पूरी बात बताई।

इसके बाद श्री माथुर ने उक्त मतदान केन्द्र की मतदाता सूची निकलवाकर दिखाई तो उसमें सभी 90 मतदाताओं के नाम थे। इसके पश्चात श्री माथुर ने आश्वस्त किया कि सभी मतदाताओं को मतदान करने दिया जायेगा और वह पूरी सूची पीठासीन अधिकारी के पास पहुंचा रहे हैं। इसके बाद सरदारों और आदिवासी मतदाताओं ने मतदान किया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका कि इसमें गलती किसकी थी।

इनका कहना है
मतदाता सूची के दो पेज पीठासीन अधिकारी के पास नहीं पहुंच पाये इससे भ्रमपूर्ण स्थिति निर्मित हुई, लेकिन जैसे ही गलती का पता चला, भूल सुधार ली गई और सभी 90 मतदाताओं ने मतदान किया।
बीपी माथुर,
एसडीएम कोलारस