बेटा अगर भाग्य तो बेटियां सौभाग्य: एसपी छारी

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शिवपुरी। बेटे द्वारा मां से पिता को अपनी लीवर ना देना और दो बेटियो का आपस में इस बात के लिए झगडा करना की मै अपने पिता को लीवर दान  दुंगी मेरे को जीवन देने वाले पिता, मेरी लीवर से जीवन मिले ये मेरा सौभाग्य इस नाटक के मंचन को देखकर सभी श्रोताओ की आंखे भर आई।

डॉ.रतिराम धाकड़ द्वारा लिखा गया एकांकी नाटक जिसका शीर्षक मर्दबाद ने ध्यान आकर्षित ही नहीं अपितू दिमाग को झंकझोरते हुए दिल को स्पर्श कर उपस्थित महिलाओं को आंशू बहाने के लिए विवश किया। उक्त कार्यक्रम शा.उ.मा.उत्कृष्ट विद्यालय, शिवपुरी के प्राचार्य श्री अशोक श्रीवास्तव के निर्देशन में डॉ.रतीराम धाकड़ द्वारा संचालित इंग्लिश अशोशिएशन के निर्णायक कार्यक्रम में मु य अतिथि के रूप में पुलिस अधीक्षक श्री एम.एल.छारी उपस्थित थे,इस नाटक को देखकर उन्होने कहा कि बेटिया पैदा होना सौभाग्य है।

कार्यक्रम में प्रस्तुत सभी आईटम जैसे अंग्रेजी काव्यपाठ्य, वाद-विवाद, वक्तत्व कला आदि के साथ-साथ कन्या भ्रूण हत्या एवं लिंगानुपात पर आधारित नाटक मर्दबाद में पिता को लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत पडऩे पर लड़के की मां ने बेटे से पूछा और बेटे ने बिना हिचकिचाहे दो टूक मना कर दिया और कहा कि मैं पिता के इलाज में धन खर्च तो कर सकता हूं।

मगर लिवर नहीं दे सकता। वहीं दूसरी ओर उसी पिता की दो बेटियां आपस में इसलिए झगड़ती है कि पिता के लिए लिवर डोनेट करने का सौभाग्य दोनों को ही प्राप्त हो। परन्तु यह शौभाग्य किसी एक को ही प्राप्त होगा। प्रत्येक पुत्री को लिवर डोनेट करने का सौभाग्य संभव नहीं है।

अंत तो गत्वा बड़ी बहन छोटी बहन को राजी कर अपना लिवर डोनेट कर नया इतिहास रचते हुए समूचे समाज को संदेश देती है कि लड़कों से लड़की किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है। नाटक में अभिनय करने वाले संजय जैन, अंशू कुशवाह, अपूर्वा भार्गव, वविता शर्मा, आंचल सक्सेना, मनीष, जितेन्द्र राठौर एवं देवेन्द्र धाकड़, उक्त विद्यालय के छात्र-छात्रा थे।

उक्त नाटक को विशिष्ठ अतिथियों के साथ-साथ मु य अतिथि ने भी हृदय विदारक एवं करूणामय दृश्य बताते हुए लिंगानुपात एवं कन्या रूण हत्या का उन्मूलन करने का सफल प्रयास बताया। कार्यक्रम में संस्था के पूर्व तीन विद्यार्थी अमित सिंघल, गोविन्द सिंह धाकड़ एवं अभिषेक विरथरे जिन्होंने क्लैट, आई.आई.टी. एवं पी.ओ. जैसी राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में सफलता हासिल की, को स मानित किए जाने पर संस्था के प्राचार्य श्री अशोक श्रीवास्तव एवं डॉ.रतिराम धाकड़ को साधुवाद देते हुए मु य अतिथि एवं विशिष्ठ अतिथियों ने कहा कि शासकीय विद्यालय में इस प्रकार के कार्यक्रम कदापि नहीं देखने को नहीं मिलते है।

यह संस्था का अनूठा प्रयास है। इसमें संस्था का समस्त स्टाफ प्रशंसा का पात्र है। साथ ही डॉ. रतिराम धाकड़, डॉ.चंदपाल सिंह सिकरवार द्वारा प्रारंभ किए गए इग्लिश अशोसिएशन की पर परा को बखूबी निभा रहे है। कार्यक्रम का संचालन डॉ.रतिराम धाकड़ ने व आभार संस्था के प्राचार्य श्री अशोक श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों द्वारा मिस्टर इंग्लिश ग्रामर की उपाधि प्राप्त छात्र को 501 रूपए का नगद पुरस्कार, द्वितीय को 301 रूपए, तृतीय को 251 रूपए और चतुर्थ को 151 व पांचवा स्थान प्राप्त करने वाले छात्र को 101 रूपए का नगद पुरस्कार भी प्रदान किया गया।
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