नगर पालिका उपाध्यक्षी को उठापटक शुरू

शिवपुरी। नगर पालिका परिषद शिवपुरी का वर्तमान कार्यकाल 6 जनवरी को पूरा होना है उसके बाद नई परिषद अपना पदभार ग्रहण करेगी। गजट नोटिफिकेशन के बाद उपाध्यक्षी का निर्वाचन किया जाता है और गजट नोटिफिकेशन की राज्य शासन को सूचना नगर पालिका प्रशासन द्वारा भेजी जा चुकी है तो यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जनवरी के प्रथम पखवाड़े में उपाध्यक्ष पद के लिए मतदान कराया जा सकता है।

भारतीय जनता पार्टी में उपाध्यक्षी के पद को लेकर बहुमत स्पष्ट दिखाई दे रहा है लेकिन मेण्डेड के बाद में कलह बढऩे के आसार नजर आने लगे है। यशोधरा राजे सिंधिया ने जहां सारा मामला संगठन के ऊपर छोड़ दिया है और संगठन के निर्णय पर यदि उनकी रजामंदी बनी रही तो कलह के आसार कम होंगें लेकिन अंतिम चरण में उन्होंने कोई निर्णय लिया जो संगठन या वर्तमान भाजपा के पार्षदों को गंवारा नहीं हुआ तो क्रास वोटिंग की भी परिस्थिति बन सकती है।

 जहां तक कांगे्रस का सवाल है कांग्रेस में विरोधाभासी स्वर साफ दिखाई दे रहे है। 12 पार्षदों में से 4 पार्षद कांग्रेस के पुरूष वर्ग से हैं और उनमें से भी अनिल शर्मा अन्नी व ईस्माईल खान के बीच में मेण्डेड मिलने की संभावना बन गई है। इस संभावना के मद्देनजर ही विरोधभास साफ दिखाई कांग्रेस में दिखाई दे रहा है।

नगर पालिका उपाध्यक्षी को लेकर आंकड़ों के हिसाब से भारतीय जनता पार्टी के पास 18 पार्षद है और 05 निर्दलीय भाजपा से विद्रोह करके चुनाव लड़े है। इन पांचों को अगर भाजपा में छोड़ा जाए तो 23 पार्षद उपाध्यक्षी के लिए भाजपा में पर्याप्त सं या में है। वहीं कांग्रेस की तरफ 12 पार्षद होने के बाबजूद भी किसी एक व्यक्ति पर एकजुट दिखाई नहीं दे रहे। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष जगमोहन सिंह सेंगर, पूर्व नपा उपाध्यक्ष अरूण प्रताप सिंह चौहान, पदम चौकसे के अलावा चन्द्रशेखर शर्मा यदि अन्नी शर्मा को लेकर अंर्तविरोध की स्थिति में है तो ईस्माईल खान के प्रति भी उनका पूरा समर्थन नहीं है जबकि इस्माईल खान के मामले में अल्पसं यक के नाम पर वातावरण बनाने की भूमिका पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता के द्वारा अदा की जा रही है।

लेकिन सूत्रों के मुताबिक वह अन्नी शर्मा और इस्माईल खान दोनों को नगर पालिका में उपाध्यक्षी के तौर पर पसंद नहीं कर रहे है। यह विरोधाभास अभी सामने दिखाई देने लगा है। वहीं भाजपा में पूर्व उपाध्यक्ष भानु दुबे को लेकर कुछ पार्षदों व संगठन के कुछ लोगों में विरोधी स्वर सुनाई दे रहे है। यशोधरा राजे सिंधिया भी भानु दुबे को लेकर गंभीर है लेकिन इन परिस्थितियों को भांपते हुए उन्होंने सारा मामला संगठन पर छोड़ दिया है।

सूत्रों के मुताबिक महामंत्री ओमी गुरू से चर्चा में उन्होंने भाजपा के उपाध्यक्ष बनाए जाने की मंशा जाहिर कर दी है और संगठन मंत्री श्याम महाजन को संभागीय संगठन मंत्री प्रदीप जोशीके माध्यम से संदेश भी पहुंचा दिया गया है। यदि संगठन के निर्णय पर यशोधरा राजे सिंधिया ने अपनी मोहरलगाई तो निश्चित तौर पर उपाध्यक्ष भाजपा का बन सकता है। भाजपा में उपाध्यक्ष पद के लिए भानु दुबे के अलावा अन्य नामों में पंकज महाराज, चन्द्रकुमार बंसल, सरोज धाकड़ और विष्णु राठौर का नाम सामने आ रहा है। इसमें संगठन सरोज धाकड़ और चन्द्रकुमार बंसल के मामले में निर्णय कर सकता है।