डॉक्टर के इंतजार मेें तडप-तडप कर मर गया आदिवासी बालक

सतेन्द्र उपाध्याय@शिवपुरी। जिले की पोहरी विधान सभा क्षेत्र के बैराड कस्बे के खौदा गांव के आदिवासी दं पत्ति के बालक को बुखार आने पर बैराड के शासकीय अस्पताल में ले जाया गया वहां उस बालक का ईलाज करने कोई डॉक्टर उपस्थित नही था।

जानकारी के अनुसार बैराढ के कालामढ गांव के खौदा गांव में रहने पप्पू आदिवासी के 4 वर्षीय पुत्र छोटू को आज सुबह तेज बुखार आ गया। बालक छोटू के परिजन और पडौंसी बैराड के प्राथमिक स्वास्थय केन्द पर लेकर गए।

जब सुबह 9 बजे पप्पू आदिवासी अपने बीमारी बेटे को लेकर बैराढ के सरकारी अस्पताल में पहुंचा तो वहां पर कोई भी डॉक्टर नही मिला और स्टाफ से पूछने पर भी कोई भी संतुष्टि पूर्वक जबाब नही मिला।

डॉक्टर का इंतजार करते-करते एक घंटा गुजर गया और ईधर छोटू की तबीयत और खराब होती गई और सुशासन का वादा करने वाले सीएम शिवराज के राज्य में एक आदिवासी बालक ईजाज के अभाव में तडप-पडप के मर गया।

इनका कहना है
हम चिकित्सालय में एसी कोई घटना घटित नही हुई है। मेरे पास ऐसा कोई मामला नही आया है।
डॉ. ए.के मौर्य,चिकित्सक स्वास्थ केन्द्र बैराड


हां लडके को लेकर परिजन यहां आये थे। लेकिन ड्यूटी पर कोई डॉ. नही था। लडके ने तडप-तडप कर दम तोड दिया।
गायत्री बाई परिहार, प्रत्यक्षदर्शीनिवासी कालामढ

अगर ऐसा है तो में मामले की जॉच कराता हूॅ अगर दोषी पाऐं गये तो कार्यवाही की जाएगी
चन्द्रशेखर गुप्ता, बी.एम.ओ. पोहरी



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