हसन हुसैन की याद में मातमी धुनो में निकाले गए ताजिए

शिवपुरी। हजरत मोह मद के नबासे हसन हुसैन की शहादत की याद में शनिवार को शहर भर में गश्त पर ताजिए निकाले गए वहीं रविवार को रात से इन ताजियों के विसर्जन का सिलसिला करबला शरीफ पर सोमवार की शाम तक जारी रहा।

गश्त के साथ-साथ अगले दिन यह ताजिए या हुसैन की मातमी धुन पर निकाले गए। चैहल्लुम के ताजिए बड़ी तर्ज पर केवल शिवपुरी में ही निकाले जाते है जिसके चलते ग्वालियर, गुना, दतिया व श्योपुर सहित आसपास के ग्रामीण अंचल के मुसलमान लोग हजारों सं या में इन ताजियों को देखने के लिए आए थे।

शहर के करीब दो दर्जन से अधिक इलाको में एक के बढ़कर ताजिए का निर्माण ताजिएदारों किया गया। इसके तहत शहर के कमलागंज, फिजीकल, सईषपुरा, इंद्रा कॉलोनी, इमामबाड़ा आदि स्थानों पर आर्कषक ताजियों का निर्माण कराया गया। इन ताजियों को शनिवार की रात गश्त करने के बाद सुबह इमामबाड़ों पर रखा गया।

ताजियों को रविवार को देखने के लिए जिलेभर के नागरिकों का आना-जाना लगा रहा। शाम को इमामबाड़ों में रखे ताजियों को मातमी धुनों के साथ शहर के प्रमुख मार्गों से निकाला गया। मुस्लिम भाइयों ने मातमी धुन बजाकर ताजिए को देर रात हुसैन टेकरी ले गए यहां पर शहरभर के दो दर्जन ताजियों को रखा गया।

सोमवार अलसुबह इन ताजियों को विसर्जन के लिए मुस्लिम भाई करबला सरीफ ले गए। चहल्लम पर्व को लेकर शहर की मुस्लिम बस्तियों में काफी भीड़भाड़ दिनभर देखी गई। पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी भी पूरी रात पेट्रोलिंग करते नजर आए।

जगह-जगह ताजियेदारों का किया स्वागत
शहर के विभिन्न क्षेत्रों में ताजिया चल समारोह के दौरान मुस्लिम एवं हिन्दू भाइयों ने ताजियेदारों का स्वागत किया। इन नागरिकों ने जनता के लिए खिचड़ा का भी वितरण किया गया। नगर के माधवचौक चौराहे पर राजनैतिक दलों के नेताओं ने भी शामिल होकर कार्यक्रम में शिरकत की।

ताजियों की अधिक ऊंचाई से टूटे बिजली का तार
शहर भर में ताजिएदारों द्वारा निर्धारित ऊंचाई से अधिक ऊंचाई के ताजिए बनाने के कारण जब ये ताजिए शहर के मु य मार्गो से निकले तो कई स्थानों पर बिजली के तार टूटे और रात भर संबंधित क्षेंत्रो में बिजली गुल होने के कारण लोगो को अंधेरे में रात गुजारना पड़ी।

Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!