लीजिए पढिए शिवपुरी के लिए एक और बुरी खबर

ललित मुदगल@शिवपुरी। आजकल लगता है कि शिवपुरी की कुंडली पर शनि आ बैठा है, एक के बाद एक बुरी खबर शिवपुरी के लिए आ रही है। पहले तो मेडिकल कॉलेज कांड, दूसरा टेलीकॉम कंपनी के मैनेजर का शिवपुरी से अपहरण और तीसरी सबसे बुरी खबर यह है कि जिले के प्रस्तावित एनपीटीआई के कॉलेज को सिंगरौली शिफ्ट करने की तैयारी मप्र शासन कर रहा है।

विदित हो कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने ऊर्जा राज्य मंत्री रहते यह संस्थान शिवपुरी के लिए मंजूर कराया था। इसके लिए राज्य सरकार ने 12:5 एकड़ जमीन भी श्यामपुर सतनबाड़ा में आरक्षित कर दी थी, जहां सिंधिया ने एनपीटीआई के लिए भूमिपूजन भी किया था।

सितंबर में भोपाल आए केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री पीयूष गोयल से चर्चा के बाद राज्य सरकार ने एनपीटीआई सिंगरौली में स्थापित करने का निर्णय लिया। कभी यह संस्थान विदिशा भी शि ट करने की बात चली थी, लेकिन सिंगरौली में सबसे ज्यादा पॉवर प्रोजेक्ट होने के कारण इसे वहां ले जाने पर सहमति बनी।

एनपीटीआई वह संस्था है जो देश के पॉवर इंजीनियरिंग से संबंधित प्रशिक्षण देती है। नेवली, दुर्गापुर व बदरपुर,दिल्ली, नागपुर एवं गुवाहाटी के बाद देश का छठा इंस्टीटयूट शिवपुरी मप्र में खुलना है।

सिंधिया ने राज्यमंत्री रहते शिवपुरी जिले को मेडिकल कॉलेज, एनटीपीसी का इंजीनियरिंग कॉलेज और नेशनल पॉवर ट्रेनिंग इंस्टीटयूट दिए थे। दो प्रोजेक्ट पर संकट के बादल छाने के बाद यहां एनटीपीसी का इंजीनियरिंग कॉलेज ही बचा है। इसे भी कहीं ओर शिफ्ट करने का विचार चल रहा है, हालांकि अभी मामला उच्च स्तर पर ही है। प्रदेश में कांग्रेस को केवल दो संसदीय सीटे मिली हैं जिनमें शिवपुरी और छिंदवाड़ा शामिल है।

मप्र में स्थापित होने वाले देश के तीसरे इंस्टीटयूट की स्थापना 12:5 एकड़ में की जाएगी, जिस पर 60 करोड़ खर्च आएगा। जो पूरा केन्द्र सरकार करेगी। इसके स्थापित होने से प्रदेश ही नहीं देश भर के पॉवर कंपनियों के इंजीनियरों को प्रशिक्षित किया जाएगा। वहीं एमबीए और इंजीनियरिंग की तर्ज पर पॉवर सेक्टर का कोर्स कराया जाएगा। इससे रोजगार का नया क्षेत्र खुलेगा।

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