नपा में उपाध्यक्ष बनाने भाजपा ने की तैयारी, कांग्रेस भी लगा रही जोर

शिवपुरी। नगरपालिका अध्यक्ष पद पर कांग्रेस प्रत्याशी मुन्नालाल कुशवाह की ताजपोशी के पश्चात उपाध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों प्रमुख दलों में जोड़तोड़ शुरू हो गई है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही इस प्रमुख पद के लिए लालायित हैं। नगरपालिका में स पूर्ण वर्चस्व के लिए जहां कांग्रेस के लिए उपाध्यक्ष पद आवश्यक है।

वहीं भाजपा को अपनी गरिमा बचाने के लिए उपाध्यक्ष पद पर वापिसी करना महत्वपूर्ण लग रहा है। उपाध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस की तुलना में भाजपा में गुटबाजी अधिक है। जहां तक कांग्रेस का सवाल है तो उपाध्यक्ष पद के लिए वार्ड क्रमांक 10 के पार्षद अन्नी शर्मा और वार्ड क्रमांक 33 के पार्षद इस्माइल खान सक्रिय हैं। पूर्व नपाध्यक्ष जगमोहन सिंह सेंगर खेमे के पार्षद देवेन्द्र पवन शर्मा भी कांग्रेस से टिकट मांग रहे हैं। जबकि भाजपा में कम से कम आधा दर्जन पार्षद उपाध्यक्ष पद के लिए आतुर हैं।

यही नहीं निर्दलीय पार्षद भी उपाध्यक्ष बनने की उधेड़बुन में लगे हुए हैं। वार्ड क्रमांक 4 से जीती निर्दलीय पार्षद वर्षा गुप्ता के पति संजय गुप्ता का कहना है कि वह कांग्रेस और भाजपा में से उस दल के साथ जाएंगे जो उन्हें उपाध्यक्ष पद के लिए उ मीदवार बनाएगा।
39 सदस्यीय परिषद में भाजपा के 18, कांग्रेस के 12, बसपा का 1 और 8 निर्दलीय पार्षद चुनाव जीतकर आए हैं। अध्यक्ष पद कांग्रेस के खाते में हैं।

उपाध्यक्ष पद के लिए अध्यक्ष सहित 39 पार्षद मतदान करेंगे और सीधे मुकाबले में जीत के लिए 20 प्लस 1 अर्थात 21 मत आवश्यक हैं। जहां तक भाजपा की बात है उसके 18 पार्षद हैं और कम से कम चार पार्षद भाजपा के बागी उ मीदवार के रूप में जीतकर आए हैं। ये हैं वार्ड क्रमांक 28 की श्रीमती अनीता-अजय भार्गव,वार्ड क्रमांक 19 की श्रीमती मनीषा-विनीत गुर्जर, वार्ड क्रमांक 8 की मनीषा गौतम, वार्ड क्रमांक 11 की  श्रीमती नीलम-अनिल बघेल। उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने शिवपुरी प्रवास के दौरान बताया कि इन 22 पार्षदों के साथ भाजपा का उपाध्यक्ष चुना जाना निश्चित है।

बशर्ते कि पार्टी के पार्षद गुटबाजी और संकीर्णता में न पड़ें। टेबिल पर भाजपा की जीत आसान दिख रही है, लेकिन बात इतनी आसान नहीं है। इसी कारण स्थानीय विधायक और प्रदेश सरकार की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने उपाध्यक्ष पद के चुनाव में न पडऩे का फैसला किया है। भाजपा के पार्षदों में से उपाध्यक्ष पद की कतार में विष्णु राठौर से लेकर मनीष गर्ग मंजू, भानु दुबे, चंद्रकुमार बंसल, पंकज महाराज, बलवीर यादव, ममता मदन सेजवार आदि के नाम लिए जा रहे हैं। इनमें से कुछ पार्षद तो 50 लाख रूपये खर्च करने की बात कर रहे हैं।

भाजपा के पार्षदों में किसी एक नाम पर सर्वस मति उभर आए इसके आसार नजर नहीं आ रहे। भाजपा के बागी पार्षदों में नीलम-अनिल बघेल और अनीता अजय भार्गव का भी उपाध्यक्ष पद पर दावा है। नीलम बघेल के पति अनिल बघेल का साफ कहना है कि उपाध्यक्ष पद पर वह भानु दुबे की उ मीदवारी को सहन नहीं करेंगे। भाजपा के खाते में यदि 21 मत मान लिए जाएं तो उनमें दावेदारों की सं या कम से कम 9 है। भाजपा की तुलना में कांग्रेस में उठा-पटक उतनी नहीं है। कांग्रेस के पास 12 पार्षदों का समर्थन है।

जबकि कांग्रेसियों का दावा है कि वार्ड क्रमांक 13 से जीते संजय परिहार, वार्ड 17 से जीते राजेन्द्र यादव उर्फ राजू और वार्ड क्रमांक 4 से जीतीं वर्षा गुप्ता का समर्थन भी उन्हें मिलेगा। उपाध्यक्ष पद के उ मीदवार अन्नी शर्मा का कथन है कि उनके पास इन 15 सदस्यों के समर्थन के अलावा भाजपा के आधा दर्जन से भी अधिक पार्षदों का समर्थन है। पिछली परिषद में उनकी पत्नी बबीता शर्मा पार्षद पद पर निर्वाचित हुई थीं और वह स्वयं सांसद प्रतिनिधि के रूप में कार्यरत् थे। इस तरह से उनके सभी पार्षदों से अच्छे रिश्ते हैं।

सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यदि उनकी उ मीदवारी तय की तो उनकी जीत में कोई शंका नहीं है। लेकिन बात इतनी आसान भी नहीं है। कांग्रेस में एक वर्ग अन्नी शर्मा के खिलाफ मोर्चा खोले है। नगरपालिका अध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह के नजदीकी एक वर्ग का मानना है कि यदि उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा बनने में सफल रहे तो मुन्नालाल कुशवाह महज रबर स्टा प बनकर रह जाएंगे और असली अध्यक्षी अन्नी शर्मा करेंगे।

इसलिए इस वर्ग के नेता अन्नी शर्मा की उ मीदवारी के विरोध में हैं। इसी कारण से अल्पसं यक वर्ग के प्रतिनिधि को मौका देने के नाम पर इस्माइल खान की उ मीदवारी की चर्चाएं चल रही हैं। कुल मिलाकर उपाध्यक्ष पद का चुनाव काफी दिलचस्प रहने के आसार नजर आ रहे हैं।

सिंधिया ने पार्षदो को चंदेरी तलब किया
सांसद और पूर्व मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 20 दिस बर को शाम 7 बजे कांग्रेस के सभी निर्वाचित पार्षदों को चंदेरी बुलवाया है। जहां वह उनसे उपाध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर चर्चा करेंगे और पार्टी की रणनीति बनाएंगे। बताया जाता है कि कांग्रेस ने श्री सिंधिया से मिलने कांग्रेस के बागी निर्दलीय पार्षदों को भी आमंत्रित किया है। इसके साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को भी बुलाया गया है।