नपा में उपाध्यक्ष का रास्ता नहीं हो पा रह साफ, त्रिकोण में उलझा

शिवपुरी। कांग्रेस और भाजपा में उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है। पार्षद भी किसी एक नाम पर सहमत नहीं हैं और दल के नेता भी असमंजस की स्थिति में हैं। यही कारण रहा कि वरिष्ठ भाजपा नेत्री और प्रदेश सरकार की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया को पार्षदों से यह कहना पड़ा कि वे स्वयं मिल बैठकर उ मीदवार का नाम तय करें। यशोधरा राजे ने उ मीदवार चयन हेतु गेंद संगठन मंत्री श्याम महाजन के पाले में फेंक दी।

भाजपा में पार्षदों के स्वागत के बहाने भोज आयोजित कर उ मीदवार के बारे में राय ली गई, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका। कांग्रेस में ाी कमोवेश यही स्थिति है। जहां तक पद के इच्छुक दावेदारों का सवाल है तो इसमें अन्नी शर्मा, इस्माइल खां, देवेन्द्र शर्मा और आकाश शर्मा के नाम लिए जा रहे हैं, लेकिन जिस तरह से विरोध के स्वर उठ रहे है तो प्रमुख दावेदार अन्नी शर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा कि महाराज का आदेश और पार्टी के एकजुट होने पर ही वह चुनाव लड़ेंगे।

सूत्र बताते हैं कि निर्दलीय पार्षदों ने समूह बनाकर संभवत् नीलम बघेल का नाम उपाध्यक्ष के लिए तय किया है। इससे चुनाव में त्रिकोणात्मक संघर्ष की स्थिति निर्मित होने के आसार नजर आ रहे हैं। उपाध्यक्ष पद के चुनाव के लिए विरोधाभाषपूर्ण स्थिति निर्मित हो रही है। पार्षदों का एक वर्ग धनबल के सहारे उपाध्यक्ष का चुनाव जीतने के खिलाफ है। लेकिन अभी तक इसी विशेषता के कारण चुनाव जीते जाते रहे हैं।

भाजपा बहुमत के आंकड़े के करीब है और उसके पार्षदों में फूटन नहीं हुई तो उसे सीधे संघर्ष में जीतने के लिए सिर्फ दो अन्य पार्षदों की आवश्यकता है। लेकिन बात इतनी आसान नहीं है। दल बदल विरोधी कानून का नगरीय निकाय चुनाव में प्रभाव न होने से पार्षदों के पाला बदल की प्रबल संभावना बनी हुई है। इसी कारण भाजपा में भी एक लाइन यह चल रही है कि उसे उपाध्यक्ष पद का उ मीदवार बनाया जाए जिसमें पार्षदों की खरीद-फरो त का सामर्थ हो।

इस आधार पर यशोधरा खेमे के भानु दुबे और जिला महामंत्री ओमी गुरू की पसंद चंद्रकुमार बंसल का नाम लिया जा रहा है। जहां तक कांग्रेस का सवाल है तो इस केटेगरी में अनिल शर्मा अन्नी और इब्राहिम खान का नाम लिया जा रहा है। लेकिन दोनों दलों में एक वर्ग ऐसा है जो चाहता है कि यह चुनाव धनबल के प्रभाव से दूर रहे और साफ-सुथरे ढंग से चुनाव संपन्न हो। चाहे भले ही जीत मिले या हार। इस फॉमूले से कांग्रे्रस और भाजपा में उपाध्यक्ष पद के अनेक दावेदार निकलकर सामने आ सकते हैं।

जहां तक भाजपा का सवाल है तो भाजपा में मनीष गर्ग मंजू और पंकज महाराज चुनाव लडऩे के इच्छुक हैं। जबकि कांग्रेस में वार्ड क्रमांक 9 के पार्षद आकाश शर्मा और वार्ड क्रमांक 25 के पार्षद देवेन्द्र शर्मा का नाम लिया जा रहा है। निर्दलीय पार्षदों ने तो एक बैठक कर ऐलान कर दिया है कि इस बार उपाध्यक्ष के चुनाव में पैसे का प्रभाव नहीं चलने दिया जाएगा।

उनके अनुसार उपाध्यक्ष पद का चुनाव निर्दलीय पार्षदों में से कोई एक लड़ेगा और जीतेगा भी। वार्ड क्रमांक 11 की निर्दलीय पार्षद नीलम बघेल का तो दावा है कि उन्हें भाजपा के कम से कम 8 और कांग्रेस के 3 पार्षदों का सहयोग मिलेगा। लेकिन इतना तय है कि जो भी उपाध्यक्ष पद का चुनाव जीतेगा उससे निश्चित होगा कि अगले पांच साल नगरपालिका कैसे चलने वाली है।