उच्च न्यायालय के आदेश पर अब मैरिज हाउसों पर कसेगी लगाम

शिवपुरी। अभिभाषक विजय तिवारी की याचिका पर माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर खण्डपीठ की डबल बेंच ने शिवपुरी में मैरिज हाउस के संचालन हेतु दिशा निर्देश जारी किए हैं। उन दिशा निर्देशों को लागू करने की समयावधि चार माह निर्धारित की गई है। जिसके बाद मैरिज हाउस के आगे जाम नहीं लगेगा और स्थानीय निवासियों को ध्वनि प्रदूषण से भी मुक्ति मिलेगी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अभिभाषक विजय तिवारी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा था कि शिवपुरी में मैरिज हाउस के सामने आए दिन जाम लगता है और रात 10 बजे के बाद भी डीजे तथा ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग होता है। जिससे स्थानीय निवासियों का जीना मुश्किल हो रहा है। डबल बेंच के न्यायमूर्ति श्री एसके गंगेले और न्यायमूर्ति श्री शीलू नागू ने याचिकाकर्ता को सुनकर याचिका स्वीकार की और विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं।

दिशा निर्देशों के तहत नगरपालिका शिवपुरी नगरपालिका क्षेत्र में बने हुए मैरिज हाउस संचालन के संबंध में चार महा की समयावधि में नियमावली बनाएगी। कलेक्टर ऐसे किसी भी मैरिज हाउस को संचालित करने की अनुमति नहीं देंगे जिसमें मैरिज हाउस के कुल क्षेत्रफल का 35 प्रतिशत खाली भाग पार्किंग के लिए न छोड़ा गया हो।

इस बात की लिखित रूप से अण्डर टेकिंग मैरिज हाउस संचालक से ली जाएगी। प्रत्येक मैरिज हाउस में होने वाली शादी समारोह की तीन दिन पूर्व यातायात प्रभारी को सूचना दी जाएगी तथा यातायात प्रभारी उक्त समय में यातायात को नियंत्रित करने के लिए यातायात आरक्षक नियुक्त करेगा।

मैरिज हाउस में 10 डेसीबल से अधिक के डीजे अथवा ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग मैरिज हाउस में रात्रि 10 बजे से प्रात: 6 बजे तक नहीं किया जाएगा। अपशिष्ट खाद्य पदार्थों के डिस्पोजल की जि मेदारी मैरिज हाउस संचालक की होगी और कलेक्टर तथा शिवपुरी शिवपुरी उक्त दिशा निर्देशों का कठोरतापूर्वक पालन सुनिश्चित करेंगे।

विदित हो कि याचिकाकर्ता विजय तिवारी इसके पूर्व भी सीवर लाइन के लिए खोदी गई सड़कों की दशा सुधारने हेतु जनहित याचिका उच्च न्यायालय में प्रस्तुत कर चुके हैं जो विचाराधीन हैं। नगरपालिका के विरूद्ध उनके द्वारा उच्च न्यायालय में पेश की गई जनहित याचिका के तारत य में करोड़ों रूपये के क्वार्टर खाली हो चुके हैं और उनका कब्जा नगरपालिका को मिल चुका है।