मारूति हनुमान मंदिर की दुकानों के किराएदारों पर गिरी गाज

शिवपुरी। अनुविभागीय दण्डाधिकारी राजस्व डीके जैन ने नायब तहसीलदार के उस फैसले को बरकरार रखा है जिसमें बड़ा मंदिर श्री मारूति हनुमान शिवपुरी की जमीन पर बनी लगभग 40 दुकानों को किराए पर दिए जाने को अवैध बताया था।
नायब तहसीलदार ने अपने आदेश में उक्त जमीन को दखल रहित भूमि और मांफी की जमीन बताते हुए आदेश दिया था कि ज्ञानाबाई को उक्त जमीन पर बनी दुकानों को किराए पर देने का अधिकार नहीं है तथा जिन लोगों ने पगड़ी देकर और किराए की राशि देकर दुकानें किराए पर ली हैं तथा अनुबंध संपादित किया है वह अनुबंध प्रथम दृष्टि में ही शून्य है। नायब तहसीलदार ने दुकानों को खाली कराने का आदेश देते हुए कथित किराएदारों पर अर्थदण्ड आरोपित किया था। इस फैसले को एसडीएम कोर्ट ने यथावत रखा है। नायब तहसीलदार ने तो दुकान खाली न कराने पर सिविल जेल की कार्रवाई भी कर दी थी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अनुविभागीय दण्डाधिकारी डीके जैन ने अपीलांट कन्हैयालाल पुत्र कालूराम नामदेव, कल्लू उर्फ महेश पुत्र धनीराम शिवहरे, कमलकिशोर पुत्र पूरन सिंह, गोपाल पुत्र महेश कुमार शिवहरे, धीरज पुत्र त्रिवेणी उप्पल सहित अन्य अपीलांट की अपील का निराकरण करते हुए उन्हें राहत देने से इंकार कर दिया था। इनमें से उक्त अपीलांट की एक से लेकर दो तक दुकानें हैं। एसडीएम ने अपने फैसले में लिखा है कि प्रश्नाधीन भूमि सर्वे नंबर 931 मंदिर श्री मारूति हनुमान प्रबंधक कलेक्टर के नाम शासकीय कागजातों में दर्ज है। उक्त जमीन दखल रहित भूमि आबादी तथा मांफी की है। 

उक्त जमीन पर दस बाई दस की दुकानें बनाकर किराए पर देने का ज्ञानाबाई को अधिकार नहीं है। अपीलांट का कहना है कि उन्होंने एक लाख रूपये पगड़ी तथा एक हजार रूपये प्रतिमाह किराए के अनुबंध के साथ उक्त दुकानें किराए पर ली हैं। इसलिए उन्हें अतिक्रामक नहीं माना जाना चाहिए। एसडीएम श्री जैन ने फैसले में लिखा है कि दुकानों को किराए पर लिए जाने का अनुबंध प्रथम दृष्टि में शून्य है। उन दुकानों को न तो भाड़े पर दिए जाने का किसी को अधिकार था और न ही कोई उन्हें भाड़े पर ले सकता है। ऐसी भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए भू राजस्व संहिता की धारा 248 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। इस संदर्भ में कोर्ट ने भवूति बनाव भट्टा 1985 के न्याय दृष्टांत को नजीर बनाया है। 

एसडीएम कोर्ट ने एक दुकान के किराएदार पर 15640 और दो दुकानों के किराएदारों पर 31280 रूपये की राशि का अर्थदण्ड भी आरोपित किया है। अपीलांट ने दलील पेश की थी कि न तो अधीनस्थ न्यायालय ने अर्थदण्ड के लिए पटवारी की रिपोर्ट को आधार बनाया है और न ही अधीनस्थ न्यायालय ने अपने आधार स्पष्ट किए हैं। लेकिन इस दलील को एसडीएम कोर्ट ने नहीं माना और अर्थदण्ड यथावत् रखा। अब सवाल यह है कि क्या दुकानें खाली न होने पर एसडीएम कोर्ट सिविल जेल की कार्रवाई यथावत् रखेगा या फिर अपीलांट उच्च कोर्ट से राहत पाने में सफल रहेंगे। लेकिन इस फैसले से हड़कंप की स्थिति अवश्य निर्मित हो गई है।

युवक कांग्रेस का किसानों की समस्या को लेकर आंदोलन 20 को
पोहरी/शिवपुरी। युवक कांग्रेस पोहरी के विधानसभा अध्यक्ष अरविंद धाकड़ के नेतृत्व में युवक कांग्रेस किसानों की समस्या को लेकर 20 अक्टूबर को बैराड़ में आंदोलन करेंगे। इस अवसर पर धरना प्रदर्शन के साथ तहसीलदार को अनावृष्टि से प्रभावित किसानों को जल्द मुआवजा देने की मांग की जाएगी।
युवक कांगे्रस नेता अरविंद धाकड़ ने बताया कि उन्होंने 7 अक्टूबर को अनावृष्टि से प्रभावित किसानों की फसल का उचित सर्वे कर उन्हें मुआवजा देने के लिए तहसीलदार को ज्ञापन दिया था और अल्टीमेटम दिया था कि  19 अक्टूबर तक किसानों की समस्या हल न होने पर युवक कांग्रेस 20 अक्टूबर को आंदोलन करेगी। श्री धाकड़ ने बताया कि क्षेत्र के किसान वर्षा न होने से भूखो मरने की कगार पर पहुंच गए हैं और शासन तथा प्रशासन की संवेदनहीनता के कारण न तो सर्वे हुआ है और न ही उन्हें उचित मुआवजा मिला है। किसानों की समस्या के लिए युवक कांग्रेस बैराड़ में 20 अक्टूबर को प्रदर्शन कर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपेगी।