शिवपुरी। जिला कार्यक्रम अधिकारी शिवपुरी द्वारा पर्यवेक्षकों का पूरे माह का वेतन रोकना न्यायसंगत नहीं है प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कर्मचारी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र पिपलौदा एवं जिला संगठक चंद्रशेखर शर्मा बाबूजी ने बताया कि जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा अंग्रेजों की तर्ज पर निरीह पर्यवेक्षकों की वेतन रोकी जा रही है। जो शासन के नियमों के विपरीत है तथा निलंबन अवधि में भी कर्मचारी को आधा वेतन दिया जाता है।
कर्मचारीद्वय ने प्रेस को जारी बयान में कहा है कि शिवपुरी जिले में हिटलरशाही के तहत पर्यवेक्षकों की अकारण वेतन रोकी जा रही है। इसके पूर्व पोहरी में पर्यवेक्षकों की 4-4 माह की वेतन रोकी गई जो बाद में अभी खोली गई जो जांच का विषय है। क्यों वेतन खोली गई और क्यों रोकी गई। कोलारस में पर्यवेक्षक नियमानुसार मेडिकल अवकाश पर होने के बावजूद उनका मेडिकल अवकाश पर होने के बावजूद उनका मेडिकल अवकाश स्वीकृत नहीं किया जा रहा है और अकारण उनका एक माह का वेतन रोक दिया गया।
महिला बाल विकास अधिकारी पर बोला हमला
कर्मचारी कांग्रेस के राजेन्द्र पिपलौदा और चंद्रशेखर शर्मा ने महिला बाल विकास अधिकारी पर हमला बोलते हुए कहा है कि सबको पता है कि स्वयं अधिकारी तीन दिन शिवपुरी में रहती हैं और तीन दिन ग्वालियर निवास करती हैं। अगर जांच कराई जाये तो सरकारी गाड़ी का दुरूपयोग सामने आ जायेगा। इस प्रकार जिले में पर्यवेक्षकों को 16 साल नौकरी के पश्चात् क्र मोन्नति का लाभ नहीं दिया गया और उन पर्यवेक्षकों को छठवे वेतनमान की दो किश्तें अभी तक अदा नहीं की गई जो जांच का विषय है।
नहीं भरे गए चौकीदारों के रिक्त पड़े 6 पद
कर्मचारीद्वय ने यह भी आरोप लगाया कि शिवपुरी जिले में चौकीदारों के रिक्त पड़े 6 पदों को भरने के आदेश शासन ने दिए थे। इसके बावजूद इन पदों को कंटलसेंसी पद पर लगे हुए लोगों से नहीं भरा जा रहा है तथा इन कर्मचारियों को कलेक्टर रेट का वेतन भी नहीं नसीब हो पा रहा है। पिछोर के परियोजना अधिकारी के प्रमोशन होने के बावजूद जिला अधिकारी से सांठ गांठ कर खनियांधाना एवं पिछोर के प्रभारी बने हुए हैं। जिससे कर्मचारियों को वेतन निकलवाने के लिए शिवपुरी आना पड़ता है जो वर्षों से परियोजना अधिकारी के पद पर हैं प्रमोशन होने के बावजूद इन्हें क्यों प्रभार दिया गया। यह भी जांच का विषय है।