प्रलेसं ने मनाई शहीद भगत सिंह की जयंती

शिवपुरी। विगत दिवस म. प्र. प्रगतिशील लेखक संघ की शिवपुरी इकाई ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 107वीं जयंती पर एक परिचर्चा का आयोजन किया। परिचर्चा की शुरूआत क्रांतिकारी भगत सिंह के विचारों पर केन्द्रित लेखक विजय गुप्त के लेख 'हां फरिश्ते भी फिदा जिन पर ये वो इंसान हैंÓ के वाचन से हुई।
लेख का वाचन इप्टा जिला इकाई के अध्यक्ष डॉ. रामकृष्ण श्रीवास्तव ने किया। लेख के वाचन के बाद इस पर बात करते हुए एडवोकेट अशरफ जाफरी ने कहा, जब तलक लोगों में वर्ग चेतना पैदा नहीं होती, तब तक उन्हें शोषण से मुक्ति नहीं मिलेगी। 'नौजवान भारत सभाÓ के घोषणापत्र में भगत सिंह और उनके साथियों ने कई मूल्यवान बातें कहीं थीं, लेकिन इन महान बातों को ही हमने बिल्कुल से बिसरा दिया है।

लेखक, पत्रकार जाहिद खान ने कहा शहीद भगत सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि ये होगी कि हम उनके विचार जन-जन तक पहुंचाएं। आजादी के बाद से केन्द्र में जो भी सरकारें रही हैं, उनकी हमेशा ये कोशिश रही है कि भगत सिंह के क्रांतिकारी विचार लोगों तक नहीं पहुंचे। यदि ये विचार लोगों तक पहुंच गए, तो वे जागरूक हो जाएंगे। उन्होंने कहा, आज की जो भी समस्याएं और चुनौतियां हैं, उनके समाधान भगत सिंह के विचारों में ही मौजूद हैं। म. प्र. प्रगतिशील लेखक संघ की शिवपुरी इकाई के अध्यक्ष लेखक डॉ. पुनीत कुमार ने कहा, शहीद भगत सिंह ने छोटा जीवन पाया। जब उनको फांसी लगी, तब उनकी उम्र महज साढ़े तेईस साल थी, लेकिन इतने कम समय में भी उन्होंने खूब पढ़ा और खूब लिखा। भगत सिंह और उनके साथी राजनैतिक आजादी के साथ-साथ देश में आर्थिक और बौद्धिक आजादी भी चाहते थे। इसके लिए उन्होंने अपने जीवन के आखिर तक प्रयास किए।