शिक्षा विभाग: सेक्स कांड के बाद अब शराब कांड का हल्ला

शिवपुरी। शिवपुरी का शिक्षा विभाग पहले खराब परीक्षा परिणामों के लिए बदनाम था, लेकिन अब तो सेक्स कांड और शराब कांड के लिए भी कुख्यात होता जा रहा है। कोलारस में XXX पोजीशन में पकड़े गए एक अधिकारी एवं महिला कर्मचारी के किस्से अभी खत्म नहीं हुए थे कि बदरवास में एक शिक्षक ने स्कूल में शराब पीकर हंगामा पेल डाला। शिक्षक ने स्कूल में इतना हंगामा कर दिया कि उसे पुलिस बुलाकर गिरफ्तार करवाना पड़ा।

जानकारी के अनुसार बदरवास विकासखंड़ के प्राथमिक स्कुल श्रीपुरचक्क मेें शनिवार को दोपहर 12 बजे तक सामान्य था तभी स्कुल के एक शिक्षक रंघुनंदन शर्मा ने स्कुल के किसी बच्चे से ही शराब मंगवाई और स्कुल में ही पी डाली। उक्त शिक्षक ने ईतनी शराब पी ली कि उसे होश ही नही रहा उसने स्कुल में जमकर हंगामा किया।

स्कुल के अन्य स्टॉफ ने मोबाईल से जिला शिक्षा अधिकारी को घटना की जानाकरी दी,जिसके बाद डीईओ दोपहर दो बजे मौके पर पंहुचे तो शिक्षक नशे में था। ग्रामीणो ने डीईओ को बताया कि शिक्षक बच्चो से शराब के पैसो की डिमांड करता है। डीईओ ने तत्काल बदरवास थाने से पुलिस को बुलवाया और शराबी शिक्षक को पुलिस अपने साथ थाने ले आई, ओर शराबी शिक्षक का मेंडिकल करवाया गया।

स्टाफ ने शराबी शिक्षक के खिलाफ दर्ज कराई लिखित शिकायत
जानकारी आ रही है कि उक्त स्कुल में इस शराबी शिक्षक के अतिरिक्त शिक्षिका मधु बाथम व राजेन्द्र परिहार भी पदस्थ है। शिक्षिका ने अधिकारियों का बताया कि उक्त शराबी शिक्षक आए दिन इस शिक्षा के मंदिर में बैठकर शराब पीता है और अभद्रता कर जान से मारने की धमकी देता है यहां तक कि स्वंय के बेटे को क्षेत्र का बडा नेता बताते हुए धमकता है और जान से मारने तक की भी धमकी देता रहता है शिक्षिका ने पुलिस को लिखित शिकायत दर्ज कराई है। विभाग ने भी तत्काल शराबी शिक्षक को निलबिंत कर दिया है

सीएसी के खिलाफ क्यों नहीं हुई कार्रवाई
शिक्षा विभाग की एक शादीशुदा महिला कर्मचारी एवं अपनी कथित प्रेमिका को आरबीसी केन्द्र की अधीक्षक बनवाने वाले सीएसी के खिलाफ अभी तक शिक्षा विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है। इस मामले का खुलासा 14 जुलाई को उस समय हुआ जब सीएसी महोदय को लोगों ने महिला कर्मचारी के साथ XXX पोजीशन में पकड़ा। यह मामला सर्वविदित है और सभी जानते हैं कि महिला अधीक्षक की नियुक्ति योग्यता नहीं बल्कि सेक्सुअल रिलेशन के आधार पर की गई। संबंधित सीएसी ने अपने पद का दुरुपयोग किया। अब सवाल यह उठता है कि जिस्म की इस रिश्वतखोरी कांड में आज तक आरोपी सीएसी के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। क्यों रिश्वत में अपना जिस्म सौंपने वाली उस महिला कर्मचारी को पदमुक्त नहीं कर दिया गया। क्या ऐसे मामलों में भी विभागीय अधिकारी किसी लिखित शिकायत की उम्मीद करते हैं, जबकि मीडिया में मामला एक्पोज हो चुका है। कोलारस थाने के रिकार्ड में भले ही प्रकरण पंजीबद्ध ना हुआ हो परंतु दोनों के बयान दर्ज है। वहां की जनता इस कांड की गवाह है।
सवाल यह है कि क्यों वरिष्ठ अधिकारी इस मामले पर पर्दा डाल रहे हैं, क्या उन्हें भी रिश्वत में....।