अच्छे दिन तब आएंगे जब इंसान मांसाहार, शराब और पराई स्त्रियों से दूर रहेगा

शिवपुरी। रावण बलशाली था, कुबेर का खजाना उसके पास था। उसके 1 लाख पूत और सवा लाख नाती थी, लेकिन बुराईयों ने उसके सारे कुनबे को नष्ट कर दिया। रावण का उदाहरण बताता है कि देश में अच्छे दिन तब आएंगे जब इंसान मांसाहार, शराब और पराई स्त्रियों से दूर रहेगा।

उक्त उद्गार बाबा जय गुरुदेव के उत्तराधिकारी बाबा उमाकांत तिवारी ने शिवपुरी प्रवास पर निराश्रित भवन में आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किए। संत ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की केन्द्र सरकार से मांग भी की। संत उमाकांत तिवारी अपने काफिले के साथ देश में धर्म जागरण का आव्हान करते हुए शिवपुरी आए।

संत उमाकांत तिवारी ने कहा कि इंसान बने हो तो इंसान धर्म का पालन भी करो। जीवन के उत्थान के लिए संसार को छोडऩे की आवश्यकता नहीं है।

उन्होंने कहा कि सांसारिक सुख भोगने के साथ-साथ थोड़ा समय अपनी आत्मा के कल्याण के लिए भी प्रत्येक व्यक्ति को निकालना चाहिए। सांकेतिक रूप से उन्होंने कहा कि थोड़ा ध्यान दुनिया की तरफ से हटाओ और मालिक की तरफ लगाओ। इंसान को अपनी इंद्रियों का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। आंखों से बुरा न देखो, कानों से बुरा न सुनो और मुंह से बुरा न बोलो। उन्होंने जीवन के उत्थान के लिए गुरु की महिमा का बखान करते हुए कहा कि वह हमें ठीक रास्ता बताकर उस पर चलने की प्रेरणा देते हैं।

प्रत्येक आत्मा को अपने कर्मों का फल मिलता है और कर्मों की सजा प्रत्येक को भोगनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि जो बीमारियां मौसम के प्रभाव से होती हैं। वे दवा लेने से दूर हो जाती हैं, लेकिन जो बीमारियां कर्मों के फल से उत्पन्न होती हैं। वह हमें भोगनी पड़ती है और दवा लेने से भी वह ठीक नहीं होती। बाबा उमाकांत तिवारी ने कहा कि माता-पिता हमें इस संसार में लाने वाले हैं। उनके ऋणों से हम कभी मुक्त नहीं हो सकते। पहले देवी देवता माता और पिता हैं। उन्होंने कहा कि जिसने हमें जन्म दिया सिर्फ वहीं हमारी माता नहीं है, बल्कि धरती माता और गौ माता भी हमारी माता है। मां तो सिर्फ अपने बच्चे को दूध पिलाती है, लेकिन धरती मां और गौ माता सभी को समान रूप से अंगीकार करती है। उन्होंने दुख व्यक्त किया कि पापों के कारण धरती मां का बोझ बढ़ रहा है और इसका परिणाम अंतत: हमें भोगना पड़ेगा।

गौ माता की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें सारे देवी देवताओं का वास होता है। गौ माता सबको दूध पिलाती है और उसका गोबर भी सबके काम आता है, लेकिन देशभर में कत्लगृह बनाकर गौ माताओं की हत्या की जा रही हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग करते हुए कहा कि इसे मारने वाले को फांसी दी जाए। बाब उमाकांत तिवारी ने बताया कि उनका आश्रम उज्जैन में है और वह देशभर में अपने अनुयायियों के साथ सनातन धर्म और मानव धर्म का प्रचार कर रहे हैं। रक्षाबंधन पर वह कलकत्ता तथा जन्माष्टमी पर मथुरा पहुंचकर धर्म संदेश देंगे।