भक्तों के दु:खों को हर लेते है भगवान : पं.सुमतिकृष्ण

शिवपुरी-इस संसार में रहने वाले हरेक प्राणी के दु:खों को हरने वाले कोई और नहीं बल्कि ठाकुर जी है अपनी ईश्वरीय भक्ति से ठाकुरजी को मना लो तो यह जीवन सार्थक हो जाएगा, जीवन में आने वाले में दु:खों को दूर करने के लिए हम हमेशा ईश्वर को याद करते है लेकिन ठाकुरजी का स्मरण करने से ही सारे दु:ख कलेश दूर हो जाते है
इसलिए श्रीमद् भागवत कथा में ठाकुरजी के हरेक उपदेश से मनुष्य को सीख लेना चाहिए और उसे अपने आचरण में उतारकर उसे ग्रहण करना चाहिए। ईश्वरीय भक्ति का यह पाठ पढ़ा रहे थे पं.सुमतिकृष्ण शास्त्री जो स्थानीय श्री बड़े हनुमान मंदिर तुलसी आश्रम पर आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करा रहे थे। कथा के पांचवें चरण में श्री गोवर्धन पर्वत कथा का वृतान्त सुनाया गया व गोवर्धन पूजा का महत्व और उससे मिलने वाले फल प्राप्ति का ज्ञान भी व्यासपीठ से आचार्य पं.सुमति कृष्ण शास्त्री द्वारा प्रदाय किया गया। इस अवसर पर मंचासीन  तुलसी आश्रम मंदिर के महंत पुरूषोत्तमदास जी महाराज ने भी अपने आर्शीवचनों से धर्मप्रेमीजनों को कृतार्थ किया और समस्त धर्मप्रेमीजनों से आह्वान किया कि वह सपरिवार आगामी 2 सित बर को राधाष्टमी के दिन आयोजित विशाल भण्डारे में शामिल होकर प्रसाद ग्रहण करें।  इस दौरान कथा समापन के बाद देर शाम को श्रीहित मण्डल की भव्य रासलीला का आयोजन भी मंदिर प्रांगण पर किया जा रहा है जहां कथा के अनुसार भगवान की विभिन्न लीलाओं का वर्णन कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है। शहर ही नहीं अपितु अंचल भर के सैकड़ों धर्मप्रेमीजन श्री बड़े हनुमान मंदिर तुलसी आश्रम पहुंचकर कथा का धर्मलाभ ले रहे है और मंदिर महंत पुरूषोत्तमदास जी महाराज से भी आर्शीवाद ग्रहण कर रहे है। मु य यजमन एम.एन.तिवारी-श्रीमती निर्मला तिवारी द्वारा कथा प्रारंभ से पूर्व श्रीमद् भागवत कथा का पूजन अर्चन किया गया साथ ही महंत से आर्शीवाद लिया। तुलसी आश्रम पर इन दिनों हो रही श्रीमद् भागवत कथा व रासलीला का धर्मलाभ लेने के लिए नगर के विभिन्न क्षेत्रों से लोग आकर देर रात तक पुण्य लाभ प्राप्त कर रहे है। कथा व रासलीला के समापन पर प्रसाद वितरित किया जाता है।

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