विघ्र हरने घर-घर विराजे विध्नहर्ता

शिवपुरी। पिछले कई दिनों से गणेश महोत्सव पर्व की तैयारियां शिवपुरी सहित अंचलभर में की जा रही थी और आज गणेश चतुर्थी पर अंचलवासियों का इंतजार खत्म हो गया और शहरवासी अपने-अपने घरों, गली, मोहल्लों और चौराहों पर विघ्रहर्ता का स्थापित किया गया।

सुबह से ही ढोल-बाजे और डीजे की धुनों पर भगवान गणेश के विमान निकाले गए। जिनके स्वागत में शहरवासियों ने पलक पावड़े बिछा दिए और पूजा पाठ कर भगवान की प्रतिमा को पाण्डालों में स्थापित किया गया। दस दिनों तक महोत्सव की धूम रहेगी और सुबह शाम आरती के साथ-साथ झांकियों का प्रदर्शन भी किया जाएगा और जगरात्रों का सिलसिला भी चलेगा।

सुबह से ही प्रतिमा निर्माण स्थलों पर भक्तों का जमावड़ा लगा रहा। जिसमें ज्यादातर नन्हें-मुन्ने बालक मौजूद थे जो अपने प्रिय गजानन को घर ले जाने के लिए आतुर नजर आ रहे थे जो जोर-जोर से भगवान गणेश के जयकारे लगा रहे थे वहीं कुछ लोग ढ़ाले-नगाड़े और डीजे लेकर सुंदर विमानों में भगवान की प्रतिमा को लेकर शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए अपने-अपने पाण्डालों की ओर रवाना हो रहे थे।

शहर में आज उत्सव का माहौल दिखाई दे रहा था। चारों ओर धार्मिक गीतों के स्वर गूंज रहे थे। यह सिलसिला देर रात तक चलेगा। शहर में प्रतिमा निर्माण स्थलों के साथ मु य बाजारों में भगवान गणेश की प्रतिमाओं की बिक्री दुकानदारों द्वारा की जा रही थी। बहुत से लोग अपनी पसंद की प्रतिमा की बुकिंग पहले ही कर चुके थे जो अपने विमान सजाकर भगवान की प्रतिमा को लेकर अपने घरों और पाण्डालों की ओर रवाना होते देखे गए। शहर में अनेक स्थानों पर भगवान गणश जी की प्रतिमा स्थापित की गईं हैं और बड़े-बड़े पाण्डाल लगाकर विद्युत साज-सज्जा भी की गई।

 दस दिनों तक शिवपुरी शहर सहित जिलेभर में उत्सव का माहौल रहेगा और इसके साथ-साथ सुंदर और मनमोहक झांकियां भी कई स्थानों पर लगाई जाएंगी। जिन्हें देखने के लिए रात्रि में लोग उमड़ पड़ते हैं जिससे रात्रि में भी चहल-पहल बनी रहती है।

विभिन्न मुहूर्तों में हुई एकदंत की पूजा
आज गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्मदिन को शहरभर में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया और विभिन्न मुहूर्तों में भगवान की पूजा की गई। सुबह 6 बजे से 7:30 बजे तक चर मुहूर्त में अधिकांश घरों में पूजन शुरू किया गया। वहीं लाभ मुहूर्त 7 बजे से 9 बजे तक रहा। जिसमें भी पूजन का सिलसिला चलता रहा। अमृत मुहूर्त सुबह 9 बजे से 10:30 बजे तक रहा। दोपहर 12 बजे से 1:30 बजे तक शुभ मुहुर्त में पूजा-पाठ चलते रहे। शाम को 4 बजे से लेकर 6 बजे तक चर मुहूर्त में अनेकों स्थानों पर भगवान की पूजा की गई और रात्रि 9 बजे से 10 बजे तक लाभ मुहूर्त के चलते पूजन का सिलसिला चलता रहेगा।