संत को भरोसा है कि भदैया कुण्ड का कायाकल्प अब अवश्य होगा

शिवपुरी। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जब नवोदित कलेक्टर राजीवचंद्र दुबे ने पूर्ण संवेदनशीलता के साथ जब भदैयाकुण्ड का औचक निरीक्षण किया और समस्याओं को लेकर संत रघुवीर पुरी से चर्चा की तो उनका भरोसा जगा कि भदैया कुण्ड का कायाकल्प अवश्य होगा।

वह कहते हैं कि इसके बाद कलेक्टर ने नगरपालिका की टीम भेजकर यहां सफाई भी कराई है तथा उन्हें आश्वस्त किया है कि भदैयाकुण्ड की अव्यवस्थाओं को दूर करने में वह सहभागी बनेंगे।

संत रघुवीर पुरी ने बताया कि भदैयाकुण्ड प्राकृतिक रूप से एक रमणीय स्थल है, लेकिन देखरेख के अभाव में यह प्राचीन स्थल अपनी प्रासांगिकता खोता जा रहा है। इसकी ओर शासन और प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। यही कारण है कि भदैयाकुण्ड की वर्षों से सफाई नहीं हुई है और यहां व्याप्त गंदगी से पर्यटक आने से किनारा करने लगे हैं।

भदैया कुण्ड में जिन चट्टानों से झरना नीचे गिरता है उनमें काई जमी हुई है। जिसका शिकार यहां से पानी में छलांग लगाने वाले अनेक युवा हो चुके हैं। चट्टानें भी जीर्णोद्धार न होने के कारण टूट रही हैं। इस स्थल को शराबियों ने अपना अड्डा बना लिया है। जिससे महिलाएं यहां आने में झिझकने लगी हैं। महिलाओं के साथ छेड़छाड़ होना आम बात है और इस स्थल पर खुलेआम मछलियों का शिकार होता है जिसे न तो वन विभाग और न ही पुलिस प्रशासन रोक पा रहा है।

यहां न तो पीने के पानी की व्यवस्था है और न ही गोट करने के लिए पर्याप्त साफ स्थान है। वह किंकर्तव्यविमूढ़ थे कि आखिर भदैयाकुण्ड का जीर्णोद्धार कैसे हो? परंतु स्वतंत्रता दिवस पर अचानक या कहें ईश्वरीय आशीर्वाद से नवोदित कलेक्टर राजीवचंद्र दुबे सपत्नीक शाम 7 बजे यहां आए और पूर्ण विनम्रता के साथ उन्होंने मंदिर की आरती में भाग लिया। संत कहते हैं कि पहली बार किसी आईएएस अधिकारी को उन्होंने इतना विनम्र देखा। उनमें कहीं भी अधिकारी होने का दर्प नहीं था और भदैयाकुण्ड की समस्याओं का उन्होंने जायजा लिया। इसका परिणाम यह हुआ कि अगले दिन ही नगरपालिका ने सफाईकर्मियों की टीम भेज दी।