नपा ने उच्च न्यायालय से सूअर भगाने मांगा तीन माह का समय

शिवपुरी। शहर की गंभीर समस्या बन चुके सूअरों को हटाने के लिए नपा के सभी हथकण्डे फैल हो गए। वहीं इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश को भी तवज्जो नहीं मिली है और सूअरों की सं या घटने के स्थान पर बढ़ती चली गई। जबकि सूअरों को हटाने के लिए हाईकोर्ट ने नपा सीएमओ और कलेक्टर को आदेशित कर सूअरों को शूटआउट करने तक का निर्देश भी दिया।

लेकिन हाईकोर्ट की डेड लाईन ही अब खत्म हो गई और नपा ने अपने बचाव के लिए हाईकोर्ट से समय सीमा बढ़ाने की मांग की है। लेकिन प्रश्र यह उठता है कि जब नपा हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में दिए तीन माह में सूअर नहीं हटा सकी तो समय मांगने का क्या औचित्य है। 

विदित हो कि प्रदेश की उद्योग मंत्री एवं स्थानीय विधायक यशोधरा राजे सिंधिया चुनाव जीतने के बाद शहर को सूअरविहीन बनाने का दृढ़ संकल्प कर चुकी थीं, लेकिन नपा की मनमानी के चलते उनका यह सपना पूर्ण नहीं हो सका। इसके साथ ही प्रभारी मंत्री कुसुम मेहदेले और नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय तक इस मुहिम से जुड़ गए। साथ ही एसडीएम न्यायालय ने भी सूअरों को हटाने के कड़े निर्देश दिए थे और कुछ सूअरपालक नपा कर्मचारियों के विरूद्ध एफआईआर भी दर्ज की गई। लेकिन जिन लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई वह अपने आप को सूअरपालक बताने से इनकार कर रहे थे। 

लेकिन इसके बावजूद भी उन पर कार्रवाई की गई और वास्तविक सूअरपालकों को नपा के कर्ताधर्ताओं ने ब श दिया। इतना कुछ होने के बावजूद भी सूअरों की सं या जस की तस बनी रही। तब समाजसेवी डॉ. राजेन्द्र गुप्ता ने एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में लगाई। जिसकी सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने सूअरों को हटाने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से शहरवासियों ने सूअरों की गंभीर समस्या से निजात पाने के सपने देखने शुरू कर दिए और इस आदेश के बाद प्रदेश की उद्योग मंत्री यशोधरा राजे ने तारीफ की और उन्हें अपना सपना पूरा होता दिखाई देने लगा। 

लेकिन नपा के गैर जि मेदार रवैए के कारण हाईकोर्ट के आदेश को भी ताक पर रख दिया। यहां तक कि हाईकोर्ट के उस आदेश का भी डर नपा अधिकारियों में नहीं रहा जिसमें हाईकोर्ट ने कहा था कि 7 जुलाई तक सूअर नहीं हटे तो हाईकोर्ट की अवमानना की कार्रवाई नपा सीएमओ और शिवपुरी कलेक्टर पर की जाएगी। लेकिन आज डेड लाइन खत्म हुए 14 दिन होने को आ गए हैं। इसके बावजूद न तो नपा ने सूअरों को शूटआउट करने का प्रबंध किया और न ही उन्हें पकडऩे का प्रयास। वहीं अपने आप को बचाने के लिए नपा ने हाईकोर्ट से तीन माह का समय मांगा है। जबकि याचिकाकर्ता डॉ. राजेन्द्र गुप्ता नपा के इस लापरवाहीपूर्ण तरीके से व्यथित हैं और वह हाईकोर्ट के आदेश की अव्हेलना के बाद कंटेम का केस लगाने की तैयारी कर रहे हैं।

इनका कहना है:-
शहर से सूअरों को खदेडऩा एक बहुत बड़ी बात है। इसके लिए नपा द्वारा टेण्डर भी बुलाए गए हैं। जिनकी प्रक्रिया भी चल रही है। शहर में सूअरों की सं या बहुत अधिक है। इस कारण हाईकोर्ट से तीन माह का समय मांगा गया है और समय मिलते ही हम सूअरों को खदेडऩे की कार्रवाई शुरू कर देंगे।
प्रभारी सीएमओ
भारतभूषण पाण्डेय


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