शिवपुरी। पूर्व मंत्री और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज कलेक्ट्रेट में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश भाजपा सरकार पर तीखे और करारे हमले किए। सिंधिया ने कहा प्रदेश सरकार मेरे द्वारा लाये गये जनहित के प्रोजेक्टो को असफल करने में करने लगी है।
उन्होंने प्रदेश सरकार पर गुना संसदीय क्षेत्र के प्रति पक्षपात और दुर्भावनापूर्ण व्यवहार का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा मंजूर कराई गई विकास योजनाओं को पलीता लगा दिया गया है। 7 साल बाद भी सिंध का पानी शिवपुरी नहीं आ पाया है और निकट भविष्य में इसके आने के आसार भी नजर नहीं आ रहे हैं। सीवेज प्रोजेक्ट का कार्य भी अभी पूर्ण नहीं हुआ है और यही स्थिति 19 करोड़ 80 लाख रूपये की लागत से बनने वाले 300 बिस्तरीय जिला अस्पताल की है। पोलीटेक्निक कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, चांदपाठा तालाब में रिसाव, एनपीटीआई प्रशिक्षण केन्द्र, विद्युत योजनाएं आदि भी प्रदेश सरकार के कारण दुर्दशा की शिकार बनीं हुई हैं।
पत्रकारवार्ता में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक-एक योजना का खाका खींचा और उनकी प्रगति से वह खासे असंतुष्ट नजर आए। उनका आरोप है कि प्रदेश सरकार इसलिए कर रही है, क्योंकि मैं कांग्रेस का सांसद हूं, लेकिन इस तरह से वह क्षेत्र की जनता के साथ अन्याय और पक्षपात का व्यवहार करने पर तुली हुई है। इस अवसर पर श्री सिंधिया ने भाजपा सरकार के झूठ की भी पोल खोली और कहा कि चुनाव के दौरान मेेडीकल कॉलेज की घोषणा से इंकार करने वाली सरकार के पास अब क्या जवाब है कि कॉलेज के लिए मंशापूर्ण के पास जमीन आबंटित हो चुकी है और टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग से उसकी स्वीकृति भी हो चुकी है। वहीं श्री सिंधिया यह बताना भी नहीं भूले कि जिन योजनाओं में क्रियान्वयन एजेंसी केन्द्र सरकार रही है वह समय से पूर्व पूर्ण हो चुकी है।
सिंध परियोजना फुलस्टॉप की स्थिति में!
श्री सिंधिया ने बताया कि मार्च 2008 में मैंने केन्द्रीय मंत्री जयपाल रेड्डी से सिंध पेयजल परिजयोजना को मंजूर कराया था। जिसकी 80 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार ने दी है, लेकिन प्रदेश सरकार ने योजना के लिए एक पैसा भी नहीं दिया। प्रदेश सरकार की लगातार लापरवाही से यह योजना संकट में घिरी हुई है। जिस डीपीआर को सुप्रीम कोर्ट की एम पॉवर कमेटी को भेजा गया। उसमें नेशनल पार्क क्षेत्र में 470 पेड़ों का कोई जिक्र नहीं था। लेकिन अब जब काम शुरू हुआ तो नेशनल पार्क क्षेत्र में 470 पेड़ पाइप लाइन डालने के लिए काटा जाना है और इसके लिए नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड से एम पॉवर कमेटी के माध्यम से नए सिरे से स्वीकृति लेनी होगी और इसका प्रस्ताव जिले से भोपाल फिर दिल्ली तथा इसके पश्चात एम पॉवर कमेटी को भेजा जाएगा और जिसके बारे में नेशनल वाइल्ड लाईफ बोर्ड स्वीकृति देगा। श्री सिंधिया ने प्रदेश सरकार से सवाल किया 6 साल बाद भी यह योजना पूर्ण क्यों नहीं हो पाई?
चांदपाठा रिसाव के बारे में प्रदेश सरकार गंभीर नहीं
श्री सिंधिया ने बताया कि चांदपाठा तालाब के रिसाव को पाटने के लिए उन्होंने विश्व बैंक से 2008 में स्वीकृति दिलाई थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने 65 करोड़ की इस योजना को महज 6 करोड़ तक सीमित कर दिया और इसकी भी अभी बिश्व बैंक से अनुमति नहीं ली गई है।
4 साल में भी नहीं बना अस्पताल
श्री सिंधिया ने कहा कि सन 2011 में उन्होंने 300 बिस्तर वाले अस्पताल के लिए 19 करोड़ 80 लाख रूपये मंजूर कराए थे, लेकिन 4 साल बाद भी यह अस्पताल नहीं बना है और प्रशासन कह रहा है कि 2017 तक इसका निर्माण होगा।
सीवेज प्रोजेक्ट भी दुर्दशा का शिकार
सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि 2007 में उन्होंने शिवपुरी के लिए सीवेज प्रोजेक्ट मंजूर कराया था, लेकिन दो साल तक इस योजना पर रत्तीभर भी काम नहीं हुआ और 2009 में क्रियान्वयन एजेंसी पीएचई को नियुक्त किया था। लगातार विलंब से 70 करोड़ की यह योजना 100 करोड़ की हो गई है और अभी भी काफी काम शेष है।