शिवपुरी। अभी सरकारी अस्पताल में एक नर्स द्वारा जिलाधीश को डपटने का सामाचार शांत ही नही हुआ था कि जिला अस्पताल की एसएनसीयू इकाई में पदस्थ एक डॉक्टर की लापरवाही के कारण एक नवजात का मामला प्रकाश में आया है।
जानकारी मिल रही है कि में भर्ती एक नवजात शिशु की उस वक्त मौत हो गई जब उसकी दादी पॉटी साफ कराने के लिए वार्ड से बाहर लेकर आई। दरअसल एसएनसीयू में पदस्थ डॉक्टर ने ही महिला से कहा था कि शिशु ने पॉटी कर ली है आप इसे बाहर ले जाकर गंदगी साफ करा लाओ। परिजन ने डॉक्टर पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।
जानकारी के अनुसार शहर के फतेहपुर निवासी विनोद सोनी की पत्नी गुंजन सोनी ने 27 जून की सुबह 9:40 पर ऑपरेशन से संतान के रूप में बेटे को जन्म दिया। बताते हैं कि गर्भावस्था के दौरान बच्चे के पेट में गंदा पानी चले जाने से उसे जन्म के बाद से ही एसएनसीयू में भर्ती किया गया।
नवजात के पिता विनोद के अनुसार, रविवार की दोपहर लगभग 3:15 बजे एसएनसीयू में ड्यूटी पर तैनात महिला डॉक्टर माधवी ने मेरी मां से बच्चे की दादी, राधा सोनी को बुलाकर कहा कि बच्चे ने पॉटी कर ली है, इसे साफ कर दो।
मेरी मां अपने पोते को गोद में लेकर उसकी पॉटी साफ करने एसएनसीयू से बाहर लेकर गई। दादी ने जब उसकी सफाई कर ली तो बच्चे के शरीर में हरकत होना बंद हो गई। तत्काल पिता दादी बच्चे को लेकर एसएनसीयू प्रभारी डॉ. बृजेश मंगल के पास पहुंचे। जब डॉ.मंगल ने बच्चे का चेकअप किया तो उसकी मौत हो चुकी थी। जैसे ही यह खबर नवजात के परिजन को दी गई तो वे केवल फूट-फूट कर रोने लगे बल्कि मासूम की मौत के लिए अस्पताल स्टाफ को कोसते रहे।
कुछ गलती तो हुई है
भर्ती बच्चे की साफ-सफाई की जिम्मेदारी नर्स की ही रहती है। डा.माधवी ने बच्चे की दादी से क्लीन करने को क्यों कहा यह समझ से बाहर है। मौत की वजह यह भी हो सकती है कि मां का स्तनपान कराने के दौरान बच्चे की सांस नली में दूध चला गया हो। कुछ गलती तो हुई है।
डॉ.बृजेश मंगल
एसएनसीयू प्रभारी, जिला अस्पताल
लापरवाही से गई मेरे बेटे की जान
दो दिन से हमें बच्चा गोद तक में नहीं दे रहे थे। फिर ऐसी क्या मजबूरी पड़ गई कि मेरे बेटे को गंदगी साफ करने के लिए बाहर ले जाने को कह दिया। यह तो अस्पताल स्टाफ की लापरवाही है। जिससे मेरा बेटा दुनिया छोड़ गया।
दीपक सोनी, पिता
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