गौर से देखिए इसे, यही है वो ठग लोगों का बैंक अकाउंट साफ कर जाता है

शिवपुरी। शहर भर मेंं चर्चित सोनालिका ट्रेक्टर ठगी कांड के आरोपी ठग का फोटो शिवपुरी समाचार डॉट कॉम के हाथ लग गया है। हम उसे प्रमुखता से प्रकाशित कर रहे हैं ताकि सनद रहे और लोगों की जागरुकता के काम आ सके। यह वही ठग है जिसने 900 रुपए के चैक को 9 लाख रुपए बना दिया था। यह अभी भी फरार है और किसी भी व्यक्ति किसी भी व्यापारी को वापस अपने झांसे में ले सकता है अत: जरूरी है कि इस फोटो को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जाए।

यूं तो ठगों के खिलाफ आईपीसी में सजा के कई प्रावधान हैं परंतु सभी सजाएं एक ना एक दिन पूरी हो ही जातीं हैं और उसके बाद ये ठग फिर से सक्रिय हो जाते हैं अत: ऐसे ठगों से समाज को बचाने का सिर्फ एक ही उपाय है कि उनके फोटो एवं वीडियो सार्वजनिक कर दिए जाएं, ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा दिए जाएं ताकि लोग सतर्क रहें और शातिर ठगों को दूसरी वारदात करने से रोका जा सके। अपने इसी कर्तव्य का निर्वाह करने के लिए हम इस फोटो को प्रमुखता से प्रकाशित कर रहे हैं।

क्या है मामला
आज से तीन दिन पूर्व सोनालिका ट्रेक्टर ऐंजेसी संचालक से नौ लाख बीस हजार रूपये की ठगी करने वाले अज्ञात ठगों पर कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है इन ठगो ने ऐंजेसी संचालक कल्याण सिंह धाकड़ से कर्नाटका बैंक के लिए अपनी बिल्डिग़ किराए पर देने के एग्रीमेंट साईन करते हुए कर्नाटका बैंक के नाम से मात्र 900 रूपये और 100 रूपये को चेक साईन करके दिया था। ठगों ने 900 रूपये के चैक पर कारगुजारी कर नो लाख बीस हजार रूपये एंकाउंट से अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए।

कल्याण सिंह धाकड़ ने शिवपुरी समाचारी डॉट कॉम के संवाददाता को बताया की मई माह में दो लोग हमारे शोरूम पर आये उन्होने कहा कि तुम्हारा ट्रेक्टर के शोरूम वाली जगह हमे पंसद आई है हम यहां कर्नाटका बैंक से हैडब्रांच से आये है और यहां बैक की शाखा खोलना है हमें यह जगह पंसद है आप हमें यह बिल्डिग़ किराये पर चाहिए, चुकि हमारा ट्रेक्टर शोरूम दुसरी जगह शिफ्ट हो रहा था, हमें भी यह बिल्डिग़ देने में कोई परेशानी नही थी।

आगे की बातचीत में कल्याण धाकड ने कहा उन दोनो युवकों ने हमारे शोरूम की रजिस्ट्री के कागज की फोटो कॉफी और नक्शा लिया और चले गये और कहा कि हम बैंक के बड़े आधिकारियो रजिस्ट्री और नक्शा दिखाकर बताते है। आधिकारियो को लोकेशन पंसद आती है तो आगे की बातचीत करेगें। करीब दस दिन बाद दोनो युवक हमारे पास आये और बोले कि ये लोकेशन पंसद आई है हमारी किराये की बातचीत भी हो गई। उन्होने फर्जी एग्रीमेंट कराया और हमसे हमारी फर्म के खाते के चैक कर्नाटका बैंक के नाम से 100 रूपये का और आईवीएम प्राईवेट लिमिटेड के नाम से 900 रूपये का चैक दिया।

उन्होने कहा कि बैंक हमारा सीआर देखेगा इसलिए आप अपने एंकाउंट में दस लाख रूपये दो-चार दिन रखना। कुछ दिनों बाद हमने हमारी फर्म का स्टैटमेंट निकालवाया तो उसमें दस लाख रूपयेे गायब मिले हमने बैक से जानकारी ली तो बैक प्रबंधन ने बताया की आपने अपने खाते का चैक आईवीएम प्राईवेट लिमिटैड के नाम से चैक क्रमाक 520811 द्वारा नौ लाख बीस हजार रूपये का दिया है जो 26 मई को रकम इस खाते में ट्रांसफर की गई है।

हमने यह चैक क्रमाक अपनी चैक बुक में मिलाया तो यह चैक तो उन कथित बैक के आफिसरों को 900 रूपये का दिया था जिसकी हमने फोटो कॉफी भी की कराई थी, फिर यह नौ सो रूपये का चैक नो लाख बीस हजार रूपये का कैसे हो गया। बाद में ध्यान आया कि जब हमारा मैनेजर इस चैक को भर रहा था, तो उससे स्पैलिंग गलत हो गई तो उन्होने अपने पेने से यह चैक भरा और मुझसे भी उसी पेन से ही साईन कराये थे। जरूर उस पेन की स्याही को किसी कैमिकल से उड़ाकर रकम बदली गर्ई है।

बताया गया है कि उक्त खाता भी फर्जी निकला आईसीसीआई बैंक में जो कागज उन ठगों के लगे है वे दिल्ली के पते के है और वह भी फर्जी है ठगो ने हमारे फर्म का फर्जी लेटरपेड़ बैंक को दिया जिसमें आवेदन स्वरूप लिखा कि फर्म के मालिक का मोबाईल न बर चैंज हो गया है उन्होने अपना नंबर बैंक के खाते के लिए दे दिया इस कारण मेरे पास चैक जमा और निकाले जाने को एसएमएस नही आया यह एसबीआई बैक की गलती रही उन्है वैरिफेंकशन करना था। मेरे नंबर पर फोन करना था।