मुआवजा राशि की गुहार लगा रहे ओला पीडि़त ग्रामीण

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शिवपुरी। ओलावृष्टि से पीडि़त किसान मुआवजा राशि के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे है। इन किसानों का आरोप है कि मुआवजा राशि वितरण में उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है यही कारण है कि मुआवजा राशि के पीडि़तों की सूची में इनका नाम शामिल है।
इन ग्रामों में इमलिया, करसेना, मुडख़ेड़ा, टपरा, भवेढ़, इमलिया, पाटौरन शामिल है। इनमें से अधिकांशत: ग्रामों में स्वयं मु यमंत्री भी ओलावृष्टि के नुकसान का जायजा ले चुके है और इन किसानों को पर्याप्त मुआवजा राशि देने की बात कही लेकिन आज भी इन ग्रामीणों को उनके नुकसान की भरपाई के रूप में मुआवजा राशि नहीं मिली है। इस सबंध में एक शिकायती आवेदन कलेक्टर को सौंपकर न्याय की गुहार लगाई है।

ग्राम इमलिया, करसेना, टपरा, भवेढ़, मुडख़ेड़ा, पाटौरन आदि क्षेत्र के दर्जनों ग्रामीणों तेजो बेबा वेजू आदिवासी, अमर लाल पुत्र सुमेरा आदिवासी, वनबारी पुत्र छोटे आदिवासी, घासी पुत्र छत्ता आदिवासी, सोबरन पुत्र नक्टू आदिवासी आदि ने जिला कलेक्टर को जनसुनवाई में शिकायत कर अपनी व्यथा सुनाई। शिकायती आवेदन में इन ग्रामीणों ने बताया कि शासन के द्वारा प्रदाय मुआवजा राशि में इनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इनकी भूमि पर खड़ी गेहंूॅ व सरसों की फसल ाड़ी थी जहां ओलावृष्टि के कारण इन सभी किसानों की फसल को काफी क्षति पहुंची। 

जिस पर स्वयं मु यमंत्री भी इनमें से कई ग्रामों में दौरा कर चुके और मुआवजा राशि प्रदाय करने की मांग की। ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा जो सर्वे कराया गया उस सर्वे सूची में इन किसानों के नाम शामिल ना होने से इन्हें मुआवजा राशि नहीं दी गई। कृषकों ने इस संबंध में जनसुनवाई के माध्यम से जिला कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई कि उन्हें उनके नुकसान की क्षतिपूर्ति हेतु मुआवजा राशि प्रदाय की जावे साथ ही मांग की है कि जिन कृषि भूमियों को मुआवजा वितरण की सूची में शामिल किया गया है उसकी जांच की जावे ताकि निष्पक्ष कार्यवाही होकर न्याय की आस लगाने वाले ईमानदार कृषकों को उनकी फसल का मुआवजा प्रदाय हो सके।

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