हाई कोर्ट के आदेश बेअसर, अब तक शुरू नहीं हुई सूअर हटाओ मुहिम

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शिवपुरी। माननीय उच्च न्यायालय के शिवपुरी शहर से सूअर हटाने के आदेश के बाद भी नगरपालिका प्रशासन की तंद्रा नहीं जगी है। माननीय हाईकोर्ट के आदेश के तहत तीन माह में शिवपुरी को सूअरों से मुक्त किया जाना है, लेकिन आदेश के लगभग दो सप्ताह बाद भी इस दिशा में नपा प्रशासन ने कोई पहल नहीं की है।

नगरपालिका की कार्रवाई ठण्डे बस्ते में पड़ी हुई है। शहर में सूअरों का आतंक बरकरार है और सूअर पालकों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही। जबकि उच्च न्यायालय के आदेश में साफ लिखा है कि निर्धारित समयावधि में सूअर नहीं हटे तो कलेक्टर और मु य नगरपालिका अधिकारी को जि मेदार ठहराया जाएगा और उनके विरूद्ध उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना का मामला चलेगा। वहीं शहर में कोई व्यक्ति सूअर पालता हुआ मिला तो उसे भी व्यक्तिगत रूप से हाई कोर्ट के आदेश की अवमानना का दोषी ठहराया जाएगा।

शिवपुरी में नगरपालिका की निष्क्रियता के कारण पिछले तीन-चार वर्षों में शहर में निश्चिंत विचरण करते सूअरों की तादात काफी बढ़ी है। इससे बीमारियों का प्रकोप बढ़ा है, गंदगी फैली है और सूअरों के आतंक से जनजीवन त्रस्त हो गया है। शहर में घूमते हुए हजारों सूअर छोटे-छोटे बच्चों को तब निशाना बना रहे हैं जब वे कोई खाने की चीज लेकर बाजार से निकलते हैं। वहीं इन सूअरों की बढ़ती सं या के कारण दुर्घटनाएं भी काफी बढ़ी हंै। सूअरों से टकराने के कारण आए दिन दुपहिया वाहन चालक घायल हो रहे हैं। इन्हीं कारणों से यशोधरा राजे सिंधिया ने विधायक पद का चुनाव जीतने के बाद शहर को सूअरों से मुक्त करने का बीड़ा उठाया था, लेकिन उनके इस प्रयास में नगरपालिका प्रशासन ने कोई रूचि नहीं दशाई और सूअरों की सं या बिल्कुल नहीं घटी।

सूअर समस्या पर निदान न पाने के कारण सीएमओ द्विवेदी का स्थानांतरण भी करा दिया गया था, लेकिन वे न्यायालय से स्टे लेकर पुन: अपनी सीट पर जम गए। इस कारण उन्होंने निडर होकर सूअरों को हटाने की मुहिम से पल्ला झाड़ लिया। इससे बढ़कर भाजपा सरकार की क्या बेइज्जती हो सकती है कि रिश्वत के आरोप में पकड़े जाने और सूअर हटाओ मुहिम में दिलचस्पी न दिखाने के बावजूद भी सीएमओ अपने पद पर बने हुए हैं। लेकिन सूअर समस्या के निदान हेतु शहर के समाजसेवी और भाजपा नेता न्यूब्लॉक निवासी डॉ. राजेन्द्र गुप्ता ने जनहित में माननीय उच्च न्यायालय की शरण ली तथा याचिका दायर की। उनकी याचिका की पैरवी अभिभाषक सुनील जैन ने की। इस याचिका का निराकरण करते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने दो माह में शिवपुरी से सुअरों को हटाना निश्चित किया और यह आदेश दिया कि इसके बाद भी यदि सूअर नहीं हटे तो कलेक्टर और मु य नगरपालिका अधिकारी एक माह के भीतर सूअरों को मारने और उनको दफन करने के लिए अधिकृत होंगे।

लेकिन हर हालत में तीन माह में शिवपुरी से सूअर हट जाने चाहिए। न्यायालय ने यह भी आदेश दिया था कि यदि इस आदेश के बाद भी कोई सूअरपालक शहर में सूअर पालन में व्यस्त रहता है तो उसके विरूद्ध भी न्यायालय की कार्रवाई होगी। नगरपालिका शहर में सूअर पालन करने वाले सूअरपालकों के विरूद्ध बर्खास्तगी की कार्रवाई करने के लिए सक्षम होंगे। लेकिन हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद नगरपालिका की ओर से 15 दिन के भीतर कार्रवाई एक इंच भी नहीं बढ़ी है और सूत्र बताते हैं कि अभी तक इस दिशा में जिला प्रशासन और नगरपालिका प्रशासन के बीच कोई समन्वय नहीं बना है तथा शहर में सूअरों की समस्या यथावत् है और सूअरों के आतंक से आए दिन नागरिक परेशान हो रहे हैं।

नहीं शुरू हुआ विशषे सफाई अभियान
माननीय उच्च न्यायालय ने सूअर हटाने की याचिका का निराकरण करते हुए यह आदेश भी दिया था कि शहर में गंदगी हटाने के लिए तीन माह तक विशेष सफाई अभियान चलाया जाए, लेकिन इस दिशा में भी अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है, बल्कि हालात यह हैं कि नगर में विशेष सफाई अ िायान संचालित करने की बात तो अलग है। नियमित रूप से सफाई भी नहीं हो पा रही।



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