खतरे में सिंधिया की सदस्यता, फिर खुली फाइल, जांच के आदेश

इंदौर। रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसायटी ने एमपीसीए (मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन) के 20 सदस्यों की सदस्यता की दोबारा जांच कराने के निर्देश दिए हैं। एमपीसीए के प्रेसीडेंट ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित इन 20 लोगों की सदस्यता के मामले की दोबारा जांच के लिए एमपीसीए के सदस्य मनीषी श्रीवास्तव ने शिकायत की थी। शिकायत पर रजिस्ट्रार ने असिस्टेंट रजिस्ट्रार इंदौर को जांच करने के निर्देश दिए हैं।

दरअसल फर्म्स एंड सोसायटी के असिस्टेंट रजिस्ट्रार ने जुलाई 2012 में सिंधिया सहित बीस सदस्यों की सदस्यता शून्य घोषित कर दी थी। इस पर सभी सदस्यों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट ने अक्टूबर 2013 में दिए फैसले में असिस्टेंट रजिस्ट्रार के निर्णय को खारिज करते हुए कहा था कि रजिस्ट्रार चाहें तो इस मामले में नए सिरे से कदम उठाने के लिए स्वतंत्र हैं।

शिकायत में श्रीवास्तव ने इसी तथ्य का हवाला देते हुए कहा है कि नए सिरे से जांच की जाना चाहिए, क्योंकि सदस्यता गलत तरीके से दी गई थी। फम्र्स एंड सोसायटी अधिकारियों ने शिकायत मिलने की पुष्टि की है। उल्लेखनीय है कि श्रीवास्तव नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के करीबी हैं। बीते एमपीसीए चुनाव में वही विजयवर्गीय के पैनल का काम संभाल रहे थे।

दो तिहाई बहुमत से रोकने की रणनीति
अगस्त में एसोसिएशन के चुनाव में यदि सिंधिया फिर प्रेसीडेंट पद के उम्मीदवार बनते हैं तो उन्हें एसोसिएशन के संविधान के तहत दो तिहाई बहुमत की दरकार होगी। अभी एसोसिएशन में 264 सदस्य हैं। ऐसे में सिंधिया को जीत के लिए 175 वोट चाहिए। यदि 20 सदस्यों की सदस्यता फिर मुश्किल में आती है तो सिंधिया पैनल के लिए मुसीबत खड़ी हो जाएगी।

इनकी सदस्यता को लेकर है शिकायत
ज्योतिरादित्य सिंधिया, हमीदउल्ला खान, नरेंद्र हिरवानी, हरविंदरसिंह सोढ़ी, अमय खुरासिया, कपिल फौजदार, राजूसिंह चौहान, मुक्तेशसिंह गिरनार, डॉ. निशिथ पटेल, प्रशांत मेहता, विजेश राणा, महेंद्रसिंह कालूखेड़ा, कीर्ति पटेल, सुनील लाहोरे, कंवलजीतसिंह खनूजा, कमल श्रीवास्तव, कदीर अहमद, सुधीर असनानी व अन्य।