इस बार अचार संहिता के लपेटे में आ गए अमर क्रांतिकारी शहीद तात्याटोपे

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शिवपुरी। सन् 1857 की क्रांति के प्रमुख नायक शहीद तात्याटोपे के बलिदान दिवस पर शुक्रवार से शुरू हुआ तीन दिवसीय मेला एक दिन में ही समाप्त हो गया। गंभीर बात यह है कि कोई भी अफसर व जनप्रतिनिधि शहीद को पुष्पांजलि देने तक मेले में नहीं पहुंचा।

इसके पीछे अफसर.नेताओं का तर्क है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी है। वहीं शहीद तात्या टोपे के परिजन का कहना है कि आचार संहिता लगी है तो क्या हुआ आचार संहिता में 15 अगस्त व 26 जनवरी के आयोजन नहीं होते।

शुक्रवार से शुरू हुआ तीन दिवसीय शहीद मेला एक दिन में ही संपन्न हो गया। दरअसल इस मेले को गर्व के साथ मनाने की तैयारियां थीं लेकिन पहले ही दिन मेले के शुभारंभ पर न तो कलेक्टर.एसपी या प्रशासन का कोई नुमाइंदा पहुंचा न किसी राजनीतिक दल का प्रतिनिधि। पोहरी विधायक प्रहलाद भारती जरूर आए मगर वह भी भारत विकास परिषद के द्वारा आयोजित सभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर चले गए। शुक्रवार को सुबह श्रद्धांजलि का कार्यक्रम रखा गया था। जिसमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी प्रेमनारायण नागर और तात्याटोपे के वंशज सुभाष टोपे मौजूद रहे। इस मौके पर चंद लोग ही मौजूद रहे।
           
कार्यक्रम की स्वीकृति ही मुश्किल से मिली है
हमने तो तीन दिवसीय कार्यक्रम की स्वीकृति चुनाव आयोग से मांगी थी मगर आयोग ने एक ही दिन के लिए कार्यक्रम की अनुमति दी। जिस तरह की अनुमति मिली है वह कार्यक्रम हम कर रहे हैं। अब हम भी क्या कर सकते हैं हमारी भी मजबूरी है। आचार संहिता में जो कार्यक्रम हो सकता है वही हम कर सकते हैं।
राजेश कोहली
कार्यक्रम संयोजक
स्वराज संस्थान भोपाल
             
समाजसेवी संस्थाओ ने दी श्रद्वांजलि
समाजसेवी संस्था भारत विकास परिषद की श्वीर तात्याटोपेश् शाखा के सदस्यों ने अमर शहीद वीर सेनानी तात्याटोपे बलिदान दिवस पर शुक्रवार को सभा का आयोजन कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। राज राजेश्वरी रोड स्थित तात्याटोपे की समाधि स्थल पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा के इस कार्यक्रम में शाखा सदस्यों ने तात्या को याद करते हुए भारत माता एवं अमर शहीद तात्याटोपे की वीरता अमरता के नारे लगाए।

बिना उद्घाटन के शुरू की प्रदर्शनी
तात्याटोपे के बलिदान स्थल पर स्वराज संस्थान भोपाल द्वारा 1857 के अमर सेनानियों और स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के चित्रों की एक प्रदर्शनी भी लगाई गई है। इस प्रदर्शनी का उद्घघाटन शुक्रवार को किसी नेता या अधिकारी से कराने की बजाय सीधे इसे शुरू कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि इस समय आचार संहिता है इसलिए सादा तरीके से प्रदर्शनी शुरू की गई। इसके प्रचार प्रसार के अभाव के कारण चंद लोग ही इसे देखने के लिए पहुंचे।

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