शिवपुरी। गूजर तालाब को संरक्षित करने के उद्देश्य से एसडीएम डीके जैन द्वारा किया गया फैसला उक्त जमीन पर मकान बनाकर रह रहे ताराचंद जैन पर कहर बनकर टूट पड़ा। फैसले को पढऩे के बाद कल मृतक ताराचंद की अचानक हालत खराब हुई। उन्हें हृदयाघात पड़ा और अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
ताराचंद जैन के सुपुत्र संजय जैन और भाजपा कार्यालय मंत्री हरिओम नरवरिया ने बताया कि जब से यह फैसला आया था और उन्हें लगा था कि अब उनका मकान कभी टूट सकता है तब से वह बहुत दुखी थी तथा प्रत्येक व्यक्ति से पूछ रहे थे कि अब क्या होगा? उन्हें किस गलती की सजा मिल रही है। उन्होंने तो विधिवत् रूप से जमीन खरीदी थी और उसका नामातंरण भी कराया था। मृतक ताराचंद जैन का आज शोकाकुल माहौल में मुक्तिधाम शिवपुरी में किया गया।
विदित हो कि शिवपुरी टुकड़ा नंबर 2 में स्थित गूजर तालाब को भुजरिया तालाब भी कहा जाता है कि इस तालाब की 2.350 हेक्टेयर भूमि में अभी भी तालाब है जबकि शेष 2.162 हेक्टेयर भूमि जो कि सर्वे नंबर 88 और 89 के भाग हैं में पक्के मकान होटल एवं रास्ता बना हुआ है। बताया जाता है कि उक्त जमीन पर लगभग एक सैकड़ा मकान बने हुए हैं। यह जमीन पहले कागजातों में शासकीय दर्ज थी और फिर अचानक रिकॉर्ड गायब हो गया और उक्त जमीन रहस्यमय ढंग से निजी स्वामित्व की दर्ज हो गई।
इस रिकॉर्ड को देखकर ही कॉलोनीवासियों ने निर्दोष क्रेताओं की तरह प्लॉट खरीदे और उनका नामांतरण कराया तथा विधिवत् रूप से नगरपालिका से मकान निर्माण करने की अनुमति भी ली। इसके बाद प्रशासन सक्रिय हुआ और एसडीएम ने माननीय उच्च न्यायालय द्वारा तालाबों को संरक्षण करने के लिए दिए गए निर्देशों के बाद कार्रवाई की।
अनुविभागीय दण्डाधिकारी डीके जैन ने नोटिस जारी करने के बाद 24 फरवरी को दिए गए फैसले में विवादित जमीन पर क्रय-विक्रय की रोक लगा दी तथा उन पर निर्माण अनुमति पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। फैसले में हालांकि जिन लोगों के मकान बने हुए हैं। उनके विषय में चुप्पी साधे रखी गई है, लेकिन मकान मालिक इस आशंका से ग्रसित रहे कि कभी भी उनके मकानों को तोड़ा जाकर तालाब को संरक्षित किया जा सकता है।
इस फैसले के बाद ही एसडीएम के फैसले को पढ़कर ताराचंद जैन उसी दिन से बीमार हो गए थे और कल रात्रि अचानक उन्हें हृदयाघात हो गया और बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी रात्रि में ही मौत हो गई। श्री जैन के एक ही पुत्र संजय है जो शिक्षक है और उनके द्वारा अपने जीवन की पूंजी से बनाए गए इस मकान के टूटने के गम में उनकी जान चली गई। भाजपा के कार्यालय मंत्री हरिओम नरवरिया का इस पूरे मामले में कहना है कि ताराचंद जैन ने अपनी मेहनत से प्लॉट खरीदकर उस पर मकान निर्माण कराया था, लेकिन जब से उन्होंने गूजर तालाब की जमीन पर आए एसडीएम न्यायालय के फैसले को पढा वह बीमार हो गए थे और बीती रात्रि हृदयाघात से उनकी मौत हो गई।