वनविभाग के अड़ंगे ने अटकाई जलावर्धन योजना, बढऩे लगा जल संकट

0
शिवपुरी। गर्मियों का मौसम शुरू हो गया है और लोग पानी के लिए परेशान होने लगे हैं। लेकिन अभी तक नगरपालिका ने जल संकट से निपटने के उपाय शुरू नहीं किए हैं। जबकि शहर की जल समस्या निपटाने के लिए शुरू की गई जलावर्धन योजना इस वर्ष तो पूर्ण होती नहीं दिख रही है। क्योंकि नेशनल पार्क के अडंगे के कारण यह बहुप्रतीक्षित योजना अटकी हुई है और राजनेताओं में श्रेय के होड़ के चलते योजना पर निरंतर संकट के बादल गहरा रहे हैं।

विदित हो कि वर्षों से जल समस्या से जूझ रहा शिवपुरी शहर इस वर्ष भी योजना पूर्ण न होने के कारण इस समस्या से जूझेगा। जबकि विधानसभा चुनाव में जल समस्या को दूर करने के लिए शुरू की गई जलावर्धन योजना को भाजपा और कांग्रेस ने मुद्दा बनाया और भाजपा की प्रत्याशी यशोधरा राजे ने जीत हासिल कर ली। साथ ही प्रदेश में भाजपा ने सत्ता हथियाने में सफलता हासिल भी कर ली। इसके बावजूद भी नेशनल पार्क के डायरेक्टर शरद गौड द्वारा नेशनल पार्क सीमा के अंदर होने वाली खुदाई पर लगी रोक को नहीं हटवा सके और अब लोकसभा चुनाव की तारीख भी तय हो गई है और दोनों पार्टियां एक बार फिर जलावर्धन योजना और सीवर प्रोजेक्ट को मुद्दा बनाकर चुनाव जीतने की तैयारी करने में जुटे हुए हैं।

निर्माण एजेंसी बना रही लागत मूल्य बढ़ाने पर दबाब

जलावर्धन योजना के तहत मड़ीखेड़ा डेम से शिवपुरी शहर तक डाली गई पाईप लाईनें भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी हैं और निर्माण एजेंसी लागत मूल्य बढ़ाने के लिए नगरपालिका पर दबाव बना रही हैं। जबकि दोशियान कंपनी काम से ज्यादा भुगतान नगरपालिका से प्राप्त कर चुकी है और अभी तक जो पाईप लाईन कंपनी द्वारा डाली जा चुकी हैं वह भी उखडऩा शुरू हो चुकी हैं। जिसकी शिकायतें भी हुईं, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई निर्माण कंपनी पर नहीं की गई।

श्रेय लेने की राजनीति से अटक रही योजना

बहुप्रतीक्षित जलावर्धन योजना को शहर में लाने का श्रेय जहां भाजपा लेने में जुटी हुई है वही कांग्रेस भी इस योजना को लाने का श्रेय अपने आप को दे रही है। विधानसभा चुनाव पूर्व मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शिवपुरी में जनाशीर्वाद यात्रा लेकर आए तब उन्होंने घोषणा की थी कि बहुत जल्द ही सिंध परियोजना का लोकार्पण करने शिवपुरी आएंगे और उन्होंने अपने उद्बोधन में योजना को लाने का श्रेय भाजपा सरकार को दिया। जिससे जनता की उ मीदें बढ़ गई है, लेकिन बाद में जब स्थानीय सांसद और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शिवपुरी आए तो उन्होंने घोषणा की कि सिंध परियोजना केन्द्र सरकार की देन है और इसका लोकार्पण करने वह केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ को लेकर आएंगे और दोनों पार्टियां लोकार्पण पर ही टकराती हुईं नजर आई। जबकि किसी भी राजनेता ने और पार्टी के  शीर्ष नेताओं ने योजना के क्रियान्वयन में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और अब लोकसभा चुनाव भी होने जा रहे हैं और इसे मुद्दे को लेकर दोनों पार्टियां फिर श्रेय की राजनीति में जुट गई हैं।

दो बार समीक्षा बैठक परिणाम शून्य

जलावर्धन योजना के क्रियान्वयन को लेकर प्रदेश सरकार की उद्योग मंत्री व स्थानीय विधायक यशोधरा राजे सिंधिया ने नेशनल पार्क द्वारा खुदाई पर लगाई गई रोक को हटवाने के लिए भोपाल में दो बार समीक्षा बैठक बुलाईं जिसमें कलेक्टर नेशनल पार्क संचालक, सीएमओ, दोशियान कंपनी के कर्मचारी, पीएचई के अधिकारी भी मौजूद थे और इस बैठक से फॉरेस्ट क्लीयरेंस की उ मीदें बढ़ गईं, लेकिन इसके बाद भी योजना अधर में ही लटकी हुई है।

भुगतान से वंचित ठेकेदार

बताया जाता है कि दोशियान कंपनी ने जिन ठेकेदारों से काम कराया उन ठेकेदारों का करीब 1 करोड़ रूपये की राशि का भुगतान नहीं किया और अब कंपनी के द तर पर ताला लटक जाने से कंपनी के भागे जाने की आशंकाएं भी प्रबल हो गई हैं।

दोशियान मैनेजर और सीएमओ पर दर्ज हो चुकी एफआईआर

विधानसभा चुनाव के पूर्व सिंध का पानी शिवपुरी आने का सपना देख रही शहर की जनता को उस समय झटका लगा जब माधव राष्ट्रीय उद्यान की सीमा में चल रही खुदाई पर रोक लगा दी और पेड़ काटे जाने की क्षतिपूर्ति मांगी और बाद में सीएमओ पीके द्विवेदी और दोशियान कंपनी के मैनेजर पर नेशनल पार्क प्रबंधन ने एफआईआर दर्ज करा दी।

Tags

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!