ज्वलंत सवाल: कैदी ने आखिर आत्महत्या की कोशिश क्यों की

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शिवपुरी। शहर का देहात थाने में आखिर ऐसा क्या है कि यहां आने वाला कैदी स्वत: ही मौत के मुंह में जाना चाहता हो, ऐसी क्या मजबूरियां है कि वह इस दुनिया को अलविदा कहना चाह रहा हो, कहीं पुलिस की प्रताडऩा या पुलिस का अड़ीयल रवैया तो इसके लिए जि मेदार नहीं, कहीं पुलिस की व्यवस्था और पुलिसिया कार्यवाही तो इसके लिए जबाबदेह नहीं, ऐसे ही कुछ बिन्दु सामने आ रहे है जिनसे यह आभास होता है कि यहां आने वाला कैदी इन्हीं कुछ कारणों से फांसी लगाने का कदम उठाता हो, खैर यह तो पुलिस को स्वयं समझना होगा कि आखिर वह कहां चूंक कर रही है सुरक्षा व्यवस्था इसके लिए जि मेदार है या स्वयं उनकी कार्यप्रणाली।

बीते लगभग एक माह पूर्व ही देहात थाने में एक कैदी ने नाड़े से फांसी लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया था इस मामले में पुलिस ने अपने बचाव के लिए कई बिन्दु तैयार किए और पुलिस काफी हद तक बच भी गई। लेकिन एक बार पुन: इसी प्रकार की घटना  बीती रात्रि सामने आई जब लॉकअप में बंद एक युवक ने आत्महत्या करने का प्रयास किया इस बार युवक ने नाड़ा तो नहीं लेकिन अपनी पहनने वाली बनियान का फंदा लगाकर फांसी लगाने की कोशिश की। फिलहाल पुलिस इस मामले को फांसी का भले ही ना माने लेकिन युवक द्वारा इस तरह की घटना घटित की गई है यह जरूर अनुमान लगाया है आखिर ऐसी क्या वजह है कि देहात थाने में ही एक नहीं बल्कि दो-दो कैदी किन्हीं अज्ञात कारणों के चलते जबरन मौत के मुंह में जाने को बेताब हुए जा रहे है। इस पूरे मामले पर यदि गौर करें तो यह पुलिस की व्यवस्था पर भी प्रश्रचिन्ह् लगाता है हालांकि स्थिति और थाने में क्या हो रहा है यह कह पाना आसान ना होगा।

बताया गया है कि बीती रात्रि देहात थाने में लॉकअप में बंद एक युवक ने संदिग्ध परिस्थितियों में अपनी बनियान से फांसी लगा ली, लेकिन समय पर पुलिस के सचेत हो जाने के कारण युवक की जान बच गई। हालंाकि पुलिस बचाव की मुद्रा में हैं और फांसी की घटना से इंकार कर रही है। वहीं युवक का मेडीकल करने वाले डॉक्टर सिरौठिया का भी कहना है कि जांच में उन्हें ऐसा नहीं लगा कि युवक ने फांसी लगाई है।

डॉक्टर और पुलिस दोनों ने यह अवश्य कहा कि युवक नशे में हैं और मामले को फांसी का न बताते हुए युवक द्वारा शराब पिए जाने के बाद देवता आने की बात कह रही है जबकि युवक के बेहोश हो जाने के बाद टीआई देहात थाना सहित पूरे थाने फोर्स अस्पताल में उसका इलाज कराने के लिए पहुंच गया था। इससे पहले भी 23 दिस बर को एक हत्या के आरोप में गिर तार रमेश धाकड़ नामक युवक ने थाने में स्थित लॉकअप में फांसी लगा ली थी। जिससे थाने की सुरक्षा-व्यवस्था पर सवालिया निशान लग गया था।

पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कल शाम 4 बजे धर्मेन्द्र उर्फ कल्ला चिराड़ शराब पीकर बजरिया मोहल्ले में उत्पात मचा रहा था। जिसे चीता पुलिस पकड़कर थाने ले आई। जहां उसकी मारपीट कर उसे लॉकअप में बंद कर दिया। जहां धर्मेन्द्र ने शराब के नशे में अपनी बनियान से गले में फंदा डालकर आत्महत्या करने का प्रयास किया, लेकिन इससे पहले ही वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे ऐसा करते देख लिया और आनन-फानन में उसे शाम करीब 7:30 बजे अस्पताल ले आए। उ

सके इलाज के लिए देहात थाना टीआई संजीव तिवारी सहित थाने का पूरा पुलिस फोर्स अस्पताल पहुंच गया और उसे  व्हीआईपी ट्रीटमेंट की सुविधा उपलब्ध करा दी। सूचना लगते ही मीडियाकर्मी भी अस्पताल पहुंच गए। जहां पुलिस ने धर्मेन्द्र को सिक्योरिटी में रखा और उससे मिलने पर भी पाबंद लगा दिया। बाद में टीएनटी डॉक्टर डीके सिरौठिया को उसके गले के चैकअप के लिए वहां बुलाया। जहां डॉक्टर ने अपने कक्ष में उसका चेकअप किया।

परिजनों को भी नहीं दी घटना की सूचना
सूत्र बताते हैं कि धर्मेन्द्र द्वारा शराब के नशे में फांसी लगाने के बाद पुलिसकर्मियों के हाथ-पैर फूल गए और आनन-फानन में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। युवक की हालत को देखते हुए पुलिस ने उसके परिजनों को सूचना नहीं दी और उसे अस्पताल में कड़ी सुरक्षा के बीच भर्ती कराया गया। जहां किसी को भी उससे मिलने नहीं दिया जा रहा था। पुलिस के अनुसार युवक अगर शराब अत्याधिक पीने से बीमार हुआ था तो उसे पुलिसकर्मी ही मेडीकल के लिए लाते, लेकिन उसे व्हीआईपी सुरक्षा में अस्पताल लाने से फांसी लगाने की सूचना को और अधिक बल मिला है।

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