नील गायों के आतंक से किसान परेशान, दी आंदोलन की चेतावनी

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करैरा। क्षेत्र में बढ़ते नील गायों के आतंक से किसान बेहद परेशान हैं, किसानों की फ सल इन नीलगायों के आतंकं के चलते बुरी तरह बर्बाद हो रही है, लेकिन इनको पकडऩे के लिए वन विभाग व प्रशासन द्वारा कोई भी प्रयास नहीं किया जा रहे हैं।

कस्बे के वार्ड क्रमांक एक से सटे खेतो के किसान नील गाय के आतंक से परेशान हैं। नील गायों का झुंड खेतों में खड़ी गेहूं व सरसों की फ सल को चट कर रहे हैं। इससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि प्रशासन इस दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठा रहा है। इससे किसानों में प्रशासन के प्रति रोष बना हुआ है। किसान दामो कुश्वाह, लखन गुर्जर, बन्टू खान, सिरनाम कुश्वाह, ब्रजेश तिवारी ने बताया कि हमारे खेतों में नील गायों का आतंक बना हुआ है।

नील गाय खेतों में खड़ी गेहूं व सरसों की फ सल को चट कर रही हैं। किसानों ने बताया कि नील गायों का झुंड एक साथ आता है और खेतों में खड़ी फ सलों को नष्ट करना शुरू कर देता है। यदि इन्हें खेतों से भगाने की कोशिश की जाती है तो नील गाय का झुंड लोगों पर हमला कर देता है। किसानों ने बताया कि वन विभाग से कई बार इस समस्या के समाधान की गुहार लगाई, लेकिन विभाग का इस दिशा में सकारात्मक जवाब नहीं मिलता है। इससे किसान इस समस्या से बेहद परेशान हैं। किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि प्राथमिकता के आधार पर इस समस्या का समाधान किया जाये। तांकी किसानों को परेशानी से छुटकारा मिल सके।

दिनों-दिन बढ़ती जनसं या
स्थानीय किसान का कहना है कि नीलगायों की जनसं या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। अकेले दुकेले किसान इनको मारने भगाने की चेष्टा करता है, तो उन पर यह हमला कर देती और उन्हें घायल तक कर देती है। इससे लोगों में इनके प्रति भय बना हुआ है। आलम यह है कि रात तो रात दिन में भी इनका आतंक बराबर रहता है हम अपने घरों पर भी किसी को छोड़कर जा पाते है।

रात भर करते है रखवाली
क्षेत्र के अधिकांश किसान नील गायों के आतंक से इतने दुखी हो चुके है कि डंडा लाठी के साथ-साथ पटाखों के अलावा मिट्टी के तेल में पलीता भिगोकर इनके आने पर जलाकर सारी-सारी रात अपने खेतों पर पहरा देते हैं कि जिससे नील गाय भाग जाएं, लेकिन फि र भी नील गायों द्वारा किसानों की फ सल उजाडऩे में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जा रही है।

इनका कहना है
किसानों को चाहिए कि पटाखे आदि चला कर उनको डरा दे किसान केवल नील गायों को भगा सकते है उनको पकडऩा अपराध की श्रेणी में आता है ना तो किसान ना ही वन विभाग उनको पकड़ सकता है।
व्ही.के.शर्मा रेंजर वन वृत करैरा

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