राष्ट्रीय शर्म कुपोषण से लडऩे के लिए, सरकार का सुपोषण रूपी ब्रहमास्त्र तैयार

शिवपुरी। देश में राष्ट्रीय शर्म का दर्जा पा चुके कुपोषण से निबटने के लिऐ मध्यप्रदेश सरकार ने इससे लोहा लेने के इरादे से एक नई योजना की रूपरेखा तेयार कर ली है। और योजना का नाम सुपोषण रखा गया है।

शिवपुरी जिले मे साढे पांच हजार बच्चे सामान्य से कम बजन बाला आकडां सरकारी रिकार्ड में दर्ज है इस कारण जिले को कुपोषण का ब्रांड-ऐंबेसडर कहा जाये तो कोई अतिशोयक्ति नही होगी। इस कुपोषण से निबटने के लिए सुपोषण रूपी ब्रहमास्त्र रूपी योजना में सरकारी मशीनरी के साथ-साथ सामाजिक सहयोग और सामुदायिक सहयोग को भी प्राथमिकता में रखा गया है।

कैसे चिन्हित होंगे सुपोषण योजना के लिए कुपोषित बच्चे
सुपोषण अभियान के लिए जिले में 578 आंगनबाडी केन्द्रो को चिन्हित किया गया है। यह वह आंगनबाडी केन्द्र है जहां अति कम वजन के  बच्चो की सं या 4 या उससे भी अधिक है। इसी अनुपात को आधार बनाकर ऐसे 76 आंगनबाडी केन्द्रो को चिन्हित किया है। इन चिन्हित आंगनबाडिय़ो में से पोहरी विकासखड़ को प्राथमिकता दी गई है।
 
इस प्रकार की कार्य योजना तैयार की गई है सुपोषण अभियान के लिए
सुपोषण अभियान के तहत चिन्हित आंगनबाड़ी केन्द्रो में लगातार 12 दिन तक सुपरवाइजर वा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ तथा सहायिकाओं की निगरानी में स्नेह शिविर का आयोजन किया जायेगा। जहॉ मा और बच्चे का आवश्यकता के आधार पर पोषण आहार दिया जायेेगा एंव जागरूकता के लिए मां को दिशा निर्देश भी दिऐ जाएगें।

इसके बाद 18 दिन बाद तक गृह भेट द्वारा बच्चो की वृद्वि निगरानी रखी जायेगी। प्रत्येक एक-एक माह तक बच्चे के स्वास्थ्य का परिक्षण किया जायेगा जब तक वह सामान्य वजन का नही हो जायेगा। इस अभियान के लिए रिकार्ड संधारण, प्रशिक्षण समाग्री का निर्माण, मास्टर ट्रेनर नियुक्त करने की प्रकिया जारी है। फरवरी के पहले या दुृसरे सप्ताह में प्रशिक्षण प्रांरभ कर दिये जायेगें और इस प्रकार कुपोषण से निवटने के लिए सुपोषण रूपी ब्रहमास्त्र की कार्य योजना पुर्ण हो जायेेगी और साथ ही चिन्हित आंगनबाडी केन्द्रो पर स्नेह शिविरो का आयोजन किया जायेगा।