जलावर्धन योजना के विलंब को लेकर हाईकोर्ट हुआ सख्त, मांगा 4 सप्ताह में जबाब

शिवपुरी। अभी हाल ही में शिवपुरी की जीवनदायनी, जलावर्धन योजना शासन प्रशासन से हार कर हाईकोर्ट के दरवाजे पर खडी हो गई थी। हाईकोर्ट ने इस योजना की सुनवाई करने हुए माननीय उच्च न्यायलय ने 4 सप्ताह के अंदर नगरीय प्रशासन विभाग को नोटिस जारी कर जबाब मांगा है।

इस योजना की पूर्णता के लिए जहां गत दिवस शिवपुरी विधायक व वाणिज्य उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने नगरीय प्रशासन मंत्रालय के साथ बैठक कर जानकारी प्राप्त की तो वहीं दूसरी ओर शहर के एड.पीयूष शर्मा द्वारा जनहित याचिका के माध्यम से उच्च न्यायालय में इस योजना की पूर्णता को लेकर शिकायत की गई। जहां यशोधरा राजे सिंधिया ने शीघ्र योजना की पूर्णता कराने को लेकर आश्वासन दिया तो दूसरी ओर उच्च न्यायालय ने 4 सप्ताह के अंदर नगरीय प्रशासन इस योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी मांगी है।

यहां बताना होगा कि एड.पीयूष शर्मा द्वारा डब्ल्यू.पी./130/2014 के माध्यम से दाखिल जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्डपीठ ने शिवपुरी शहर की पेयजल व्यवस्था के लिए मड़ीखेड़ा बांध से शहर तक पाईपलाईन परियोजना लटकने पर शासन से जबाब तलब किया है। न्यायामूर्ति एस.के.गंगेले व न्यायमूर्ति डी.के.पालीवाल की युगलपीठ ने शहरी विकास वि ााग व वन विभाग के सचिव, मु य वन संरक्षक व नगर पालिका के साथ माधव नेशनल पार्क के निदेश को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जबाब दाखिल करने के निर्देश दिए है।

एड.पीयूष शर्मा जनहित याचिका दायर करते हुए कहा था कि परियोजना के लटकने से शहरवासियों को पेयजल समस्या से जूझऩा पड़ रहा है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विवेक जैन ने दलील दी कि वर्ष 2009 में परियोजना मंजूर हुई थी लेकिन चार साल बीतने के बाद भी योजना पूरी नहीं हो पाई है जबकि शिवपुरी शहर में पेयजल की किल्लत पहले से ही बनी हुई है और गर्मियों में सप्ताह में एक बार पीने का पानी मिल पाता है। शहरवासियों की दिक्कत की उपेक्षा कर सभी परियोजना में वन विभाग आपत्ति लगाकर रोड़े अटका देता है तो कभी दूसरे विभाग की ढिलाई से परियोजना लटकी हुई है। पेयजल समस्या दूर करने के लिए यथाशीघ्र पाईपलाईन बिछाने का कार्य पूरा कर जलापूर्ति शुरू की जाए। सुनवाई के बाद न्यायालय ने अधिकारियों को चार सप्ताह में जबाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। 

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