डिंमाड नहीं है फिर भी बेतहाशा बढ़ रहे हैं सीमेन्ट के दाम, जमाखोरी का अंजाम

शिवपुरी। सीमेंट जमाखोरों के रैकेट की रणनीति के चलते बाजार में डिमांड और बिक्री कम होने के बावजूद सीमेंट के दाम बेतहाशा बढ़ते जा रहे हैं।

आम आदमी को अब अपना मकान बनना सपना होकर रह गया है इस कमर तोड़ती महगाई में मकान बनाने की प्रमुख समाग्री सीमेंट ने अपने पूरे रिकोर्ड तोडते हुए 310 रू प्रति बोरी का आंकडा़ छू लिया है।

चुनावो के कारण प्रदेश में आदर्श आचार सहिंता के चलते सभी सरकारी काम लगभग एक माह से बंद हैं। मार्केट में सीमेंट की डिंमाड कम होने के बावजूद भी सभी सीमेंट कम्पनियोे ने अपने-अपने दाम बडा लिये है। मार्केट के जानकारों का कहना है कि अभी पिछले माह मेें सीमेंट की रेटे 240 से 250 प्रति बोरी थी। सीमेंट की रेटे और नीचे ना आ जाये इस कारण सीएमए सीमेंट मार्केटिग एसोसिएशन ने मिलकर रेटे बढाने का निर्णय लिया है।

माह नबम्वर में शहर में प्रमुखता से बिकने वाला ब्रांड जेपी की प्रतिमाह सेल लगभग 2400 टन बताई जा रही है और इनकी रेगुलर सैल 4200 टन के आसपास है, जिले में दूसरा ब्रांड प्रिज्म चैम्पियन की इस माह की सैल 2200 टन बताई जा रही है, इस ब्रांड की भी रेगुलर  सैल 3800 टन के लगभग है, इसी प्रकार सीमेंट के और ब्रांड अल्ट्राटेक, माईसैम, बिरला उत्तम,बिरला गोल्ड, केजेएस की  सैल रेगुलर सैल से आधी हुई है।

माह नबम्वर की 7 तारीख को सीमेंट की कम्पनियो ने सीमेंट की रेट 240 रू बोरी से बढा कर 255 रू बोरी कर दिए थे, फिर 15 तारिख को रेट बडा कर 275 रू बोरी की रेट कर दी थी फिर पुन: 25 तारिख को रेट बढाकर 285 रू प्रति बोरी कर दिए थे।

इस माह की 2 तारिख को सीमेंट की कम्पनियो ने 310 रू प्रति बोरी कर दिए है। कम्पनियो ने रेट तो बढा दी है परन्तु मार्केट ने बढे हुए रेटो को एक्सैपट नही किया है। अभी भी मार्केट मे सीमेंट की बोरी की रेट 270 रू में पुरानी रेटो में बिक रही है।

मार्केट में सीमेंट डिलरो से रेटो के बारे में हमारे मार्केटिंग रिर्पोटर ने बात की तो उन्होने बताया कि कम्पनी की नई रेटो मेें अभी माल नही बिक रहा है पुराना खरीदा हुआ माल ही हम वर्तमान में सैल कर रहै है। अगर मार्केट में नये रेटो में माल बिकना शुरू हो जायेगा तो हम हमारी कम्पनियो से माल लेना शुरू कर देगें। ग्राहको से हमारे रिर्पोटर ने बात की तो उन्होने बताया कि रेटे इसी तरह बढती रही तो हम हमारा निर्माण कार्य बंद कर देगें। रेटो के बढने के कारण सरकारी ठेकोदारो के माथे पर चिंता की लकीरे स्पष्ट रूप से देखी जा रही है।