हार के सदमे से उभर नहीं पा रही कांग्रेस, गिर सकती है भितरघातियों पर गाज

शिवपुरी। शिवपुरी जिले की पांच विधानसभा सीटों में भले ही पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार कांग्रेस ने काफी अच्छा प्रदर्शन कर एक से बढ़ाकर अपनी सीटों की संख्या तीन की हो, लेकिन इसके बाद भी शिवपुरी और पोहरी विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी की हार से कांग्रेस गहरे सदमे में है।
शिवपुरी में कांग्रेस की काफी अच्छी स्थिति मानी जा रही थी और पोहरी में भी अंदाज था कि इस इलाके का इतिहास कायम रहेगा तथा दोबारा भाजपा विधायक प्रहलाद भारती नहीं चुने जा सकेंगे, लेकिन शिवपुरी और पोहरी में भाजपा ने अपना कब्जा बरकरार रख कांग्रेस को चौंका दिया है। दोनों विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी की हार का सदमा तीन विधानसभा क्षेत्रों में जीत की खुशी से कहीं गहरा है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ने अपनी हार की समीक्षा शुरू कर दी है और कई कांग्रेसियों पर भितरघात का शक है। पार्टी उम्मीदवारों की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद इनके खिलाफ कार्रवाई संभावित है।

6 साल पहले हुए उपचुनाव में शिवपुरी से कांग्रेस प्रत्याशी बीरेन्द्र रघुवंशी लगभग 7 हजार मतों से विजयी हुए थे और डेढ़ साल बाद हुए चुनाव में वह भले ही हार गए, लेकिन उनकी हार का अंतर मात्र 1700 मतों का था तथा यह भी कहा जाता था कि बीरेन्द्र रघुवंशी को टेबिल पर हराया गया। पिछले पांच सालों से बीरेन्द्र रघुवंशी क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं और उन्होंने हर स्तर पर भाजपा की चुनौती का सामना करने के लिए प्रयास किए थे। यहां तक कि हर पोलिंग पर उन्होंने कांग्रेस के अलावा भी अपनी एक समानांतर टीम गठित की थी। सामाजिक आयोजनों से जुड़े रहकर भी उन्होंने इलाके में अपनी मजबूत पेठ बनाई थी।

ग्रामीण क्षेत्रों में वह निरंतर सक्रिय रहे थे और अपने चुनावी मैनेजमेंट का उन्होंने सभी को कायल कर दिया था। चुनाव से पहले पूर्व विधायक गणेश गौतम के कांग्रेस में आने से भी उन्हें मजबूती मिली थी और उनका आत्मविश्वास इस हद तक बढ़ गया था कि वह प्रदेश में कांग्रेस की एक सीट आने पर भी उस सीट को शिवपुरी की गिन रहे थे। बढ़ता भी क्यों नहीं? शिवपुरी में भाजपा ने यशोधरा राजे सिंधिया की उम्मीदवारी घोषित कर दी थी। वह लंबे समय से शिवपुरी से बाहर रहीं थीं और उनकी चुनावी तैयारी लगभग न के बराबर थी। भाजपा के अधिकांश कार्यकर्ता उनके विरूद्ध भितरघाती गतिविधियों में लिप्त थे, लेकिन चुनाव परिणाम ने कांग्रेस को काफी निराश किया और बीरेन्द्र रघुवंशी 10 हजार से अधिक मतों से चुनाव हार बैठे।

पोहरी में भी कांग्रेस प्रत्याशी हरिवल्लभ शुक्ला को सबसे मजबूत ब्राह्मण उम्मीदवार बताया जा रहा था। हालांकि पार्टी के कार्यकर्ता उनके खिलाफ थे और उनके विरूद्ध चुनाव के पहले ही कमान संभाल ली थी, लेकिन इसके बाद भी हरिवल्लभ ने अपनी क्षमताओं से चुनाव को काफी रोचक बना दिया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी हरिवल्लभ शुक्ला की जीत को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया था, लेकिन इसके बाद भी हरिवल्लभ चुनाव नहीं जीत सके और अनुकूलताओं के बावजूद वह चुनाव हार बैठे। ऐसा क्यों हुआ? इसे लेकर कांग्रेस में मंथन शुरू हो गया है और सार यही है कि पार्टी कार्यकर्ताओं के भितरघात ने उन्हें हार का मुंह देखने पर बिबश किया। शिवपुरी से कांग्रेस प्रत्याशी बीरेन्द्र रघुवंशी का आरोप है कि उनके विरूद्ध 90 प्रतिशत कांग्रेसियों ने भितरघात किया।

जब उनसे पूछा गया कि भितरघात करने वाले कांग्रेसी कौन-कौन हैं? तो उनका जबाव था कि मैं किस-किस का नाम बताऊं। हर कोई मुझे संदिग्ध चेहरा नजर आ रहा है। शिकायत करने से भी क्या होगा। जब तक यह स्पष्ट न हो कि भितरघात करने वालों को किन-किन वरिष्ठ नेताओं का संरक्षण  प्राप्त है। सूत्रों के अनुसार भितरघातियों में कई कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हैं। वहीं पोहरी में तो लगभग समूची कांग्रेस हरिवल्लभ को हराने में जुटी थी। सूत्र बताते हैं कि भितरघातियों में से कुछ ने बसपा प्रत्याशी तो कुछ ने भाजपा प्रत्याशी का समर्थन किया था, लेकिन अंतिम क्षणों में जब भाजपा प्रत्याशी प्रहलाद भारती जीतने की स्थिति में पहुंचे तो बसपा का समर्थन करने वाले कांग्रेस कार्यकर्ता भी उनके पाले में जा बैठे।

पोहरी में बसपा ने पहुंचाया कांग्रेस को नुकसान

पोहरी में बसपा प्रत्याशी लाखन सिंह बघेल ने कांग्रेस प्रत्याशी हरिवल्लभ शुक्ला की हार सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। बसपा प्रत्याशी बघेल ने 34 हजार से अधिक मत बटोरे। जिसका परिणाम यह हुआ कि 3 हजार मतों से भाजपा प्रत्याशी प्रहलाद भारती चुनाव जीत गए। राजनैतिक समीक्षकों का मानना है कि यदि बसपा प्रत्याशी 25 से लेकर 30 हजार वोट ही बटोरता तो परिणाम भिन्न हो सकता था, लेकिन बसपा प्रत्याशी को मिली मतों की बढ़ी संख्या और कांग्रेसियों के भितरघात ने हरिवल्लभ शुक्ला की राह रोक दी।


Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!