अब भितरघात पर निशाना साधेगी भाजपा, समीक्षा बैठक 18 को

शिवपुरी। भाजपा में शिवराज सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के विस्तृत क्रियान्वयन और चुनावी मैनेजमेंट होने के बाद भी इस बार शिवपुरी जिले की पांचों सीटों में से दो परविजय और तीन पर हार क्यों हुई, आखिर कमी कहां रह गई,

कहीं यह भितरघात का परिणाम तो नही, कुछ ऐसे ही सवालों से भाजपाई जूझते नजर आऐंगें आगामी 18 दिसम्बर को जहां स्थानीय भाजपा कार्यालय पर हार के कारणों को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की जा रही है। जिसमें पांचों विधानसभाओं के निकले परिणामों और हार व जीत के अंतर में आई कमी को लेकर भी गहनता से विचार विमर्श किया जाएगा। इसके उपरांत यह रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश भाजपा कार्यालय को भेजी जाएगी।

जिसमें रिपोर्ट के आधार पर कहीं भितरघातियों परप निशाना ना साध जाए, इसकी भी चर्चा है। बताया जाता है कि शिवपुरी में यशोधरा की महज 10 वोटों से और प्रहलाद भारती की महज 3 हजार वोटों से जीत को लेकर मंथन होगाकि आखिर कहां चूक हुई जो इतने कम अंतर से जीते, इसके साथ ही करैरा में सशक्त दावेदार ओमप्रकाश खटीक का हारना, पिछोर में कद्दावर नेता प्रीतम सिंह लोधी ने बढ़ाया भाजपा का जनाधार आगे क्या गुल खिलाएगा, कोलारस में भाजपा के देवेन्द्र जैन की इतने बड़े अंतर से हार के कारणों को भाजपाई खोजेंगें और इसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। 

जिसके आधार पर आगामी कार्यवाही व समीक्षा करना प्रदेश भाजपा कार्यालय का काम है अब यह देखने वाली बात होगी कि 18 दिसम्बर को आयोजित समीक्षा बैठक में क्या-क्या दुष्परिणाम और भितरघाती सामने आऐंगें यह भविष्य के गर्त में छिपा है। जिला भाजपा कार्यालय पर आयोजित समीक्षा बैठक की जानकारी भाजपा जिला महामंत्री ओमप्रकाश शर्मा गुरू ने दी।

सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में संगठनात्मक गतिविधियों के तहत मुख्य रूप से हार के कारणों पर समीक्षा की जाएगी। बैठक में लोकसभा चुनाव के संदर्भ में भी विचार किया जाएगा। शिवपुरी जिले में पिछले विधानसभा चुनावों की तुलना में भाजपा का प्रदर्शन काफी कमजोर रहा। उसे पिछले चुनाव की तुलना में मात्र आधी सीटें मिली हैं। 2008 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को जिले में जहां चार सीटों पर सफलता मिली थी। वहीं इस बार भाजपा की सीटों की संख्या घटकर मात्र दो रह गई। कोलारस और करैरा में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। इसे लेकर भाजपा आला कमान काफी गंभीर है और उसका मानना है कि जिले में भाजपा का शर्मनाक प्रदर्शन पार्टी कार्यकर्ताओं के भितरघात के कारण हुआ है। 

पांचों विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ खुलकर भितरघात हुआ है और भितरघाती गतिविधियों में भाजपा के बड़े-बड़े स्थानीय नेता शामिल हैं। इनमें वे भी शामिल हैं जिन्होंने पार्टी के सत्ता में होने का पूरा लाभ उठाया है और पिछले 10 साल में अपने बारे न्यारे किए हैं। इसके बावजूद भी उन्होंने पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ खुलकर काम किया है और भितरघाती गतिवधियों को अंजाम देकर जहां कोलारस और करैरा में भाजपा प्रत्याशियों को पराजित करने में सफलता प्राप्त की। वहीं भितरघात के कारण ही पिछोर में भाजपा प्रत्याशी की जीत नहीं हो पाई। जबकि पिछोर में शिवराज लहर का वातावरण व्याप्त था। भाजपा ने सबसे पहले शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में कार्रवाई करते हुए भितरघात के आरोप में पार्टी के नगर महामंत्री भरत अग्रवाल को 6 वर्ष के लिए निष्कासित किया। पार्टी के जिला महामंंत्री ओमप्रकाश गुरू ने कहा कि यह तो अभी शुरूआत है तथा भितरघात करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

करैरा में पूर्व विधायक खटीक पर गिर सकती है गाज

करैरा विधानसभा क्षेत्र में सन 2008 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रमेश खटीक को 13 हजार से अधिक मतों से जीत मिली थी। इस बार भाजपा ने प्रत्याशी बदलकर ओमप्रकाश खटीक को उम्मीदवार बनाया, लेकिन वह शिवराज लहर के बावजूद भी 10 हजार से अधिक मतों से चुनाव हार बैठे। करैरा में भाजपा की हार में भितरघात की महत्वपूर्ण भूमिका रही। जिसे पार्टी के बड़े नेताओं ने भी स्वीकार किया। यहां तक कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर की आमसभा में भी पूर्व विधायक रमेश खटीक शामिल नहीं हुए। उनके बारे में पार्टी प्रत्याशी ओमप्रकाश खटीक ने खुले रूप से शिकायत की कि वह बसपा प्रत्याशी का प्रचार कर रहे हैं। ऐसे में पूर्व विधायक रमेश खटीक पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।

शिवपुरी में कई वरिष्ठ नेता कार्रवाई की जद में

शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के अनेक वरिष्ठ नेताओं पर भितरघाती गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। इनमें से अनेक निष्कासित नगर मंत्री भरत अग्रवाल के नजदीकी हैं। जबकि बहुत से पार्टी संगठन के पदाधिकारी हैं। इनमें कुछ महिला नेत्रियां भी शामिल हैं। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने इस संवाददाता को बताया कि लगभग 1 दर्जन भितरघातियों की पहचान कर ली गई है। इनमें वे भी शामिल हैं। जिनके क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी को पराजय का सामना करना पड़ा तथा वे भी हैं जो दंभपूर्वक कह रहे थे कि उनके प्रभाव वाले क्षेत्र में भाजपा को विजय मिलेगी, लेकिन हुआ उल्टा। पूर्व विधायक गणेश गौतम के नजदीकियों पर भी संज्ञान लिया जा रहा है।

कोलारस में भितरघातियों की लंबी-चौड़ी लिस्ट

कोलारस विधानसभा क्षेत्र में लगभग 25 हजार मतों से पराजित भाजपा प्रत्याशी देवेन्द्र जैन ने सूत्रों के अनुसार भितरघातियों की लंबी लिस्ट पार्टी आला कमान को सौंपी है। जिनमें वे कार्यकर्ता भी शामिल हैं जिन्होंने शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के लिए काम किया है। भितरघाती गतिविधियों से दु:खी जिपं अध्यक्ष जितेन्द्र जैन का कहना है कि  जिन वरिष्ठ नेताओं ने सत्ताधारी पार्टी का सर्वाधिक दोहन उसके  सत्ता में रहते हुए किया उन्होंने ही विधानसभा चुनाव में भाजपा को नुकसान पहुंचाया। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो भविष्य में इसका नुकसान भाजपा को उठाना पड़ेगा। सूत्रों के अनुसार पराजित प्रत्याशी देवेन्द्र जैन ने उनके नाम भी भितरघातियों की सूची में लिखाएं हैं जो पार्टी टिकट के दावेदार थे।

पोहरी में भी भितरघात को पार्टी ने स्वीकार किया

2008 के विधानसभा चुनाव में पोहरी में भाजपा को लगभग 20 हजार मतों से विजय मिली थी, लेकिन इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी प्रहलाद भारती की जीत का अंतर 3 हजार मतों पर आ टिका। भाजपा जिला महामंत्री ओमप्रकाश शर्मा गुरू का कहना है कि पोहरी में भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने जबर्दस्त भितरघात किया और इसकी जानकारी जिला संगठन को है। इनमें कई मण्डल पदाधिकारी भी शामिल हैं। जिन्हें बख्शा नहीं जाएगा।

भितरघात नहीं होता तो पिछोर में भाजपा जीतती

इस चुनाव में जिले में भाजपा का सबसे अच्छा प्रदर्शन पिछोर विधानसभा क्षेत्र में रहा। जहां पिछले चार चुनावों से लगातार कांग्रेस प्रत्याशी केपी सिंह आरामदायक बहुमत से जीत रहे थे, लेकिन इस बार उनकी जीत का अंतर घटकर मात्र 6-7 हजार मतों पर आ टिका। जबकि भाजपा ने पिछोर से बाहरी प्रत्याशी प्रीतम लोधी को टिकट दिया था। सूत्र बताते हैं कि पिछोर में यदि भाजपा प्रत्याशी भितरघात का शिकार नहीं हुआ होता तो पिछोर में सन 90 के बाद पहली बार भाजपा का झण्डा फहरता। पिछोर में भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ भितरघात के अनेक जिला  पदाधिकारियों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर आरोप हैं।