मंहगाई बेअसर: दबा के चल रही है रेडीमेड की शॉपिंग

शिवपुरी। दीपावली के बाजार चलना शुरू हो गए और बाजारों में आज से भीड़ भी बढ़ गई है। आज धनतेरस के चलते बर्तनों के व्यापारी महंगाई और किसानों के न आने से व्यापार में नुकसान होने की बात कहते दिखाई दे रहे हैं। वहीं महंगाई के बावजूद भी कपड़ा व्यापार अपनी चरम सीमा पर और इस व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों का मानना है कि दीपावली तक कपड़ा व्यापार अपने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ देगा।
दुकानों में कपड़े खरीदने वालों की सुबह से ही भीड़ नजर आने लगी है। कपड़े व्यवसाय को छोड़कर अगर अन्य व्यवसायों की बात की जाए तो सभी व्यापारी व्यापार ठप्प होने की बात कह रहे हैं और महंगाई सहित फसल चौपट होना नुकसान का कारण मान रहे हैं।

भले ही अन्य व्यापारी इस वर्ष मायूस हों, लेकिन कपड़ा व्यापारी दीपावली पर्व को लेकर अति उत्साहित नजर आ रहे हैं। कपड़ा व्यापार से जुड़े रेडीमेड ऐसासिएशन के अध्यक्ष उमेश शर्मा जिनकी दुकान गांधी चौक पर पिक एण्ड पैक के नाम से स्थित है। उनका मानना है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कोई ज्यादा फर्क नहीं है। क्योंकि दीपावली पर कपड़े और जूते खरीदने के लिए हर व्यक्ति आता है और महंगाई के बावजूद अच्छे से अच्छा और कीमती कपड़ा ग्राहक लेने के लिए आतुर रहता है। फसल नष्ट होने के कारण व्यापार में 10 से 15 प्रतिशत तक ही फर्क पड़ा है, लेकिन इस कमी को अन्य ग्राहकों ने पूरा कर दिया है। श्री शर्मा कहते हैं कि किसानों के न आने से बड़े दुकानदारों को कोई नुकसान नहीं, लेकिन शहर के छोटे-मोटे दुकानदारों को जरूर व्यवसाय में नुकसान होगा। 

रेडीमेड एवं हौजरी एसोसिएशन के सचिव एवं टुडेज इंप्रेशन के संचालक गौरव खण्डेलवाल का भी मत श्री शर्मा की तरह है, लेकिन वह कहते हैं कि पिछले 5,7 वर्षों से लगातार हर त्योहार की रंगत फीकी होती जा रही है। जहां दीपावली पर्व के चलते लोग खरीददारी के लिए 10 से 15 दिन पहले घरों से निकलते थे और खरीददारी के प्रति आकर्षण नजर आता था, लेकिन धीरे-धीरे ग्राहकों का यह आकर्षण कम होता जा रहा है और ग्राहक 10 से 15 दिन पहले की अपेक्षा दीपावली से एक-दो दिन पहले ही खरीददारी के लिए निकलते हैं।  इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में महंगाई भी करीब 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ी है, लेकिन महंगाई भी कपड़ा व्यवसाय को नहीं डिगा सकी है और लोग महंगे से महंगा कपड़ा खरीद रहे हैं और इस कारण दीपावली तक अंदाजा लगाया जा रहा है कि पूरे शहर का कपड़ा व्यापार पिछले वर्ष के सारे रिकॉर्ड तोड़ देगा। 

कमल फेंसी स्टोर्स के संचालक कमल किशोर हरियाणी अपने अनुभव को साझा करते हुए बताते हैं कि पिछले वर्ष जहां पूरे शहर का कपड़ा व्यापार डेढ़ से दो करोड़ का था जो इस बार बढऩे के आसार हैं। उम्मीद तो यही है कि दीपावली पर पिछले साल का रिकॉर्ड टूटेगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो भी कपड़ा व्यापारियों को नुकसान नहीं होगा, क्योंकि दीपावली के बाद सहालग भी शुरू हो जाएंगे और शादियों के चलते कपड़ा व्यापार का चलना ही है। श्री हरियाणी बताते हैं कि इन दिनों शहर में मॉल भी खुल गया है, लेकिन ग्राहक मॉल से खरीदे गए कपड़ों से संतुष्ट नहीं हैं जिस कारण लोगों का मोह मॉल के प्रति भंग हुआ है और शहर की दुकानों से खरीददारी प्रति ग्राहकों का विश्वास और प्रागण हुआ है।

V Mart में नहीं है दम, ठगे हुए ग्राहक लौट रहे हैं

शहर में कपड़ा दुकानों को चुनौती देने के लिए एबी रोड पर मॉल संस्कृति की एक दुकान खुली थी जिसने पहले-पहले काफी भीड़ बटोरी। इससे कपड़ा व्यापारी आशंकित हुए कि कहीं इससे उनका व्यापार प्रभावित न हो जाए। लेकिन उक्त संस्थान में अधिक रेट होने से खरीददारों का विश्वास टूटने लगा है और इससे स्थानीय दुकानदार उत्साहित हैं और उनकी दुकानों पर भीड़ उमडऩे लगी है।

इनका कहना है-
* मेरे द्वारा शहर में खुले व्ही मार्ट मॉल से एक जींस पेंट 1200 रूपये का खरीदा गया, लेकिन वह जींस एक धुलाई में ही कलर छोड़ गया। जबकि अगर इतना महंगा जींस मैं किसी और दुकान से खरीदता तो उसकी क्वालिटी अलग होती। मॉल द्वारा कंपनियों के कपड़े बेचे जाने का दावा किया जाता है, लेकिन उनका यह दावा झूठा है।
प्रशांत पाठक, खरीददार

* शहर में मॉल खुलने से शहर के नागरिकों को मॉल से अनेकों उम्मीदें थीं और उन्हें विश्वास था कि मॉल में सस्ते और अच्छे कपड़ें उन्हें मिलेंगे, लेकिन कुछ दिनों में ही मॉल ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है। जहां सस्ते कपड़े खरीदने के लिए लोग मॉल में पहुंचते हैं, लेकिन मॉल में घुसते ही उन्हें महंगाई का आभास हो जाता है जबकि मॉल से सस्ते कपड़े तो बाजार में उपलब्ध हैं और उन कपड़ों की क्वालिटी भी मॉल के कपड़ों की क्वालिटी से अच्छी है।
रामसिंह सेन, खरीददार

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