60 प्रतिशत से ज्यादा वोटिंग, सर्दी में गर्मजोशी से शुरूआत, लेकिन अंत...

शिवपुरी। अंचल की विधानसभा सीट पर आज लोकतंत्र का महापर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। हालांकि शुरूआत सुबह से अच्छी थी लेकिन जिस प्रकार से धीरे-धीरे मतदान का समय बढ़ता गया है वैसे-वैसे मतदान के प्रतिशत में जरूर कमी नजर आई।
शिवपुरी विधानसभा के अतिरिक्त कोलारस, पिछोर, करैरा और कोलारस में सभी क्षेत्रों में शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हुआ। बताया गया है कि पिछोर व कोलारस विधानसभा के कुछेक क्षेत्रों में छिटपुट हिंसा हुई लेकिन बाद में पुलिस बल के एहतियात के चलते सब कुछ सामान्य हो गया। इसीप्रकार से शिवपुरी विधानसभा में भी फतेहपुर कोठी नं.26 के समीप भी मतदान के समय कुछ हंगामा हुआ जहां मौके पर जिला निर्वाचन अधिकारी आर.के.जैन व पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे और हंगामे को शांत किया। इसके अतिरिक्त संपूर्ण विधानसभा क्षेत्र में मतदान शांतिपूर्ण प्रक्रिया के साथ संपन्न हुआ।

पुलिस प्रशासन की मुस्तैदीय के चलते आज पूरे जिले में शांतिपूर्ण मतदान की प्रकिया में प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका रही। हालांकि इस क्रम में प्रशासन की कहें या चुनाव आयोग के निर्देशों की एक-एक मतदान केन्द्र की अपेक्षा एक-एक वार्ड मतदाताओं के अनुरूप 3 से 4 मतदान केन्द्र बनाए गए। जिससे मतदाताओं में भी उत्साह दिखा और ज्यादा कतार भी नहीं लगी। ऐसे में मतदाताओं ने भी  अपनी पहचान पत्र बताकर अपने मत का प्रयोग किया। अधिक मतदान केन्द्र होने के चलते लोगों में मतदान के प्रति जागरूकता भी नजर आई और सुबह 8 बजे से ही लोग मतदान करने के लिए उत्साहित नजर आए। अंचल की बात करें तों शिवपुरी विधानसभा में लगभग 60 प्रतिशत मतदान, करैरा विधानसभा में 56 प्रतिशत, पोहरी विधानसभा में 57 प्रतिशत और पिछोर में 63 प्रतिशत से अधिक मतदान होने की सूचनाऐं प्राप्त हुई है। जिले की 11 लाख 1 हजार 430 मतदाताओं में से लगभग 60 से अधिक प्रतिशत मतदाताओं ने 70 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईव्हीएम में बंद कर दिया है।

इनकी साख लगी है दांव पर
विधानसभा चुनाव की 14वीं विधानसभा के लिए अंचल में सिंधिया परिवार की प्रतिष्ठा सर्वाधिक रूप से दांव पर लगी है। एक ओर जहां स्वयं यशोधरा राजे सिंधिया भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ी तो वहीं उनके भतीजे ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास सिपाहसलार वीरेन्द रघुवंशी ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए चुनाव लड़ा। ऐसे में यहां सिंधिया परिवार की यदि प्रतिष्ठा दांव पर लगे होने की बात कहें तो यह अतिश्योक्ति नहीं होगा। इसके अतिरिक्त पोहरी विधानसभा में वर्तमान विधायक प्रहलाद भारती, कांग्रेस से हरिबल्लभ शुक्ला, बसपा से लाखन सिंह बघेल रहे लेकिन यहां बसपा के अतिरिक्त भाजपा-कांग्रेस के बीच ही मुख्य मुकाबला माना जा रहा है। इसके बाद करैरा विधानसभा में भी भाजपा से ओमप्रकाश खटीक, कांग्रेस से शकुन्तला खटीक, बसपा से प्रागीलाल जाटव भी है यहां भाजपा का प्रभाव कम और बसपा-कांग्रेस के बीच मुकाबला बताया गया है। इसके अतिरिक्त कोलारस क्षेत्र में आज हुए मतदान में बताया गया है कि बीती शाम बसपा के चन्द्रभान सिंह यादव  और कांग्रेस प्रत्याशी रामसिंह यादव के एक हो जाने पर आज रूझान की बात करें तो यहां भाजपा के देवेन्द्र जैन को भी कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ सकता है। पिछोर क्षेत्र में के.पी. सिंह का बीते 20 वर्षेां से दबदबा होने के बाद इस बार यदि लोधी मतदाताओं का झुकाव भाजपा के प्रीतम की ओर झुक गया तो कक्काजू के लिए भी यह चुनाव मुश्किल के समान है। फिलहाल सभी प्रत्याशियों की साख इस चुनाव में दांव पर लगी है।

5 हजार कर्मी 155 मोबाईल पुलिस टीम ने संभाली कमान
इस बार शांतिपूर्ण मतदान में खासतौर से पुलिस प्रशासन को सुकून देने वाली बात हो सकती है इसके लिए यहां 155 पुलिस मोबाईल टीमें गठित की गई, जिसका परिणाम यह हुआ कि शांतिपूर्ण मतदान में पुलिस की भी महती भूमिका रही। जो विभिन्न मतदान दलों पर सुरक्षा प्रबधों के साथ मौजूद थी। क्रिटिकल मतदान केन्द्रों को भी संवेदनशील मानकर यहां पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध होते हुए मतदान की प्रक्रिया संपन्न कराई गई।



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