पुलिस विभाग को नहीं पता, इलाके में लाइसेंसी हथियार कितने हैं

शिवपुरी। वह पुलिस जो नागरिकों की सुरक्षा की दंभ भरती है और ऐसे में अपराधों को अंजाम देने वाले हथियार नगर में कितने है इसकी जानकारी ही पुलिस को नहीं है।
निश्चित रूप से यह पुलिस के लिए एक मजाक ही समझा जाएगा कि उनकी निगरानी में जमा होने वाले शस्त्रों की गिनती तो है परन्तु उस थानांतर्गत कितने लोग शस्त्रधारक है इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। पुलिस की यह नाकामी पता चलने पर लोग भी दबी जुबान से इस मामले को चुटकीयां लेकर चर्चाओं में बनाए हुए है।

हमें जो जानकारी हासिल हुई उसके अनुसार देहात थानांतर्गत आने वाले क्षेत्र में स्वयं थान प्रभारी व थाने के स्टाफ को ही पता नहीं कि उनकी सीमा में निवासरत कितने लोग शस्त्रधारक है लेकिन जब आचार संहिता की दुंदुंभी बजी और जिला निर्वाचन अधिकारी ने शस्त्र लायसेंस जमा करने की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर घोषित की तो पता चला कि लोग शस्त्र जमा करने तो आ रहे है लेकिन कम संख्या देखते यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि देहात थानांतर्गत शस्त्र जमा करने वालों की संख्या के अतिरिक्त अन्य लोग भी शस्त्र रखते है हालांकि पुलिस थाने में केवल लायसेंस वाले शस्त्र ही जमा कर सकते है इसलिए वहां इनकी गिनती भी जा सकती है लेकिन अभी तक ना तो कोतवाली पुलिस थाना और ना ही देहात थाना यह पता कर सका कि उनकी सीमा में कितने लोग शस्त्रों का इस्तेमाल करते है। 

सूत्रों द्वारा बताया गया है कि पुलिस थाने में जितने शस्त्र जमा हो रहे है उसके अलावा अन्य गैर लायसेंसी शस्त्र भी कई लोगों के पास है लेकिन पुलिस की पतारसी इस ओर नहीं रहती यही कारण है कि केवल जमा होने वाले शस्त्रों को ही पुलिस वैध मानकर चलती है। ऐसे में पुलिस की कार्यवाही और शस्त्रों की गिनती ना होना कहीं ना कहीं पुलिस के लिए मजाक ही साबित जान पड़ता है।