पोहरी के हरिवल्लभ विरोधी कांग्रेसियों ने दिल्ली में डाला डेरा

शिवपुरी। पोहरी में कांग्रेस टिकट के लिए उठापटक लगातार जारी है। पूर्व विधायक हरिवल्लभ शुक्ला को टिकट मिलने की संभावना के मद्देनजर उनके विरोधी कांग्रेसियों ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है। जिसका नेतृत्व सांसद प्रतिनिधि केशव सिंह तोमर कर रहे हैं।
ब्लॉक अध्यक्ष जमील अंसारी भी हरिवल्लभ विरोधी कांग्रेसियों के साथ हैं और वह टिकट के लिए खुलकर जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष सुरेश राठखेड़ा का समर्थन कर रहे हैं। श्री अंसारी के नजदीकियों का दावा है कि राहुल गांधी की ग्वालियर में आयोजित रैली के पश्चात दिल्ली में श्री अंसारी की केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात भी हो चुकी है। जिसमें उन्होंने खुलकर हरिवल्लभ को टिकट देने का विरोध किया है, लेकिन केशव सिंह तोमर, सुरेश धाकड़, अखिल शर्मा, पिपलौदा बंधू, एनपी शर्मा, रामपाल रावत आदि पोहरी के वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री सिंधिया से मिलने के लिए दिल्ली में जमे हुए हैं। कल श्री सिंधिया के देहरादून जाने के कारण उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। आज वह फिर मुलाकात का प्रयास कर रहे हैं और उनकी मांग है कि हरिवल्लभ के स्थान पर किसी को भी टिकट दे दिया जाए।

पोहरी कांग्रेस में गुटबाजी का दौर थमा नहीं है। राहुल गांधी के ग्वालियर दौरे की तैयारी के लिए भी हरिवल्लभ समर्थक और विरोधी एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए थे और दोनों ने प्रथक-प्रथक रूप से दौरे को सफल बनाने के लिए तैयारियां की थीं। पोहरी में भाजपा की ओर से वर्तमान विधायक प्रहलाद भारती को टिकट मिलने की संभावना है। इसके मद्देनजर कांग्रेस ब्राह्मण उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रही है और ब्राह्मण उम्मीदवारों की दौड़ में पूर्व विधायक हरिवल्लभ शुक्ला सिंधिया खेमे में अग्रणी माने जा रहे हैं। हरिवल्लभ विरोधी भी मानते हैं कि संकेतों से स्पष्ट है कि श्री शुक्ला को टिकट दिया जाना तय है। इसे रोकने के लिए ही हरिवल्लभ विरोधियों ने आखिरी कोशिश शुरू कर दी है। राहुल गांधी की सभा के पश्चात ग्वालियर से सीधे हरिवल्लभ विरोधी दिल्ली के लिए रवाना हो गए, लेकिन सूत्र बताते हैं कि जब तक वह श्री सिंधिया के बंगले पर पहुंचे तब तक ज्योतिरादित्य देहरादून के लिए रवाना हो गए थे।

 लेकिन बताया जाता है कि उनके रवाना होने के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष जमील अंसारी, नारायण राजे आदि की श्री सिंधिया से मुलाकात हुई। जिसमें उन्होंने साफ-साफ हरिवल्लभ को टिकट न देने की मांग दोहराई। उधर युवक कांग्रेस कोटे से टिकट मांग रहे पूर्व युवक कांग्रेस अध्यक्ष विजय शर्मा भी दिल्ली में जमे हुए हैं और हरिवल्लभ विरोधियों से भी उनकी मुलाकात हो चुकी है। उनसे जुड़े सूत्रों का कहना है कि ब्राह्मण उम्मीदवार को टिकट दिए जाने की स्थिति में यदि हरिवल्लभ का नाम कटता है तो विजय शर्मा को टिकट मिल सकता है। सूत्र बताते हैं कि हरिवल्लभ विरोधी अभी तक यह मांग कर रहे थे कि उनके स्थान पर किसी को भी टिकट दिया जाए, लेकिन जब से स्पष्ट हुआ है कि स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा तय किए गए पैनल में हरिवल्लभ और सुरेश राठखेड़ा का नाम है तो विरोधियों ने अपनी रणनीति में परिवर्तन करके सुरेश राठखेड़ा को टिकट देने की मांग शुरू कर दी है। उनका तर्क है कि पोहरी में पहले भी कांग्रेस और भाजपा के धाकड़ उम्मीदवारों के बीच मुकाबला हुआ। जिसमें जीत कांग्रेस के धाकड़ उम्मीदवार को मिली। इसलिए कांग्रेस को संकोच छोड़कर धाकड़ उम्मीदवार पर दाव लगाना चाहिए, क्योकि विधायक प्रहलाद भारती का सर्वाधिक विरोध उनकी ही धाकड़ जाति में हो रहा है। ऐसे में धाकड़ मतों का ध्रवीकरण कांग्रेस के धाकड़ उम्मीदवार के पक्ष में होना संभावित है।

अटकलों के बीच अन्य दावेदारों में जागी उम्मीद की किरण

शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा टिकट को लेकर ऊहापोह बना हुआ है और यशोधरा राजे के चुनाव न लडऩे की अटकलों की हवा मिल रही है। हालांकि अधिकृत रूप से इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इससे शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा टिकट के दावेदारों के बीच उम्मीद की किरण जागी है और उन्होंने टिकट प्राप्त करने के लिए अपने-अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। नपाध्यक्ष रिशिका अष्ठाना के पति अनुराग अष्ठाना टिकट की महत्वाकांक्षा में अपने समर्थकों के साथ दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। इनमें अधिकांश भाजपा पार्षद हैं। पूर्व विधायक गणेश गौतम भी नगर मण्डल अध्यक्ष ओमी जैन, मंत्री अभिषेक शर्मा के साथ दिल्ली और भोपाल की दौड़ लगा रहे हैं। युवा नेता धैर्यवर्धन तो टिकट के लिए पूरी तरह आश्वस्त दिख रहे हैं। उनका दावा है कि उनकी सीएम से भी मुलाकात हो चुकी है। नगर महामंत्री भरत अग्रवाल तो टिकट मिलने की खुशी में बधाईयां भी स्वीकार कर रहे हैं। उनका दावा है कि यशोधरा राजे सिंधिया से लेकर गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता ने उनके नाम पर सहमति बनाई है। वहीं यशोधरा राजे खेमे से नगर महामंत्री ओमप्रकाश शर्मा गुरू और नगरपालिका उपाध्यक्ष भानू दुबे टिकट के लिए आतुर हैं और उन्हें भरोसा है कि यशोधरा राजे यदि स्वयं चुनाव नहीं लड़ीं तो उनके नाम पर सहमति आसानी से व्यक्त कर सकती हैं।