नगर में उत्साह से मना शरदपूर्णिमा महोत्सव

शिवपुरी-नगर के विभिन्न क्षेत्रों में आज शरदपूर्णिमा महोत्सव बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। जिसमें नगर में जगह-जगह खीर वितरण कार्यक्रम हुआ। नगर के लुधावली क्षेत्र में भी ग्वाल समाज द्वारा खीर का प्रसाद वितरित किया गया। शरद पूर्णिमा का त्योहार नगर में बडी ही धूमधाम से मनाया गया ।
शरद पूर्णिमा को भगवान श्री कृष्ण ने जगत कि भलाई के लिऐ बताया है। कि इस दिन रात्री मे चंद्रमा कि किरणो से अमृत बरसता है। इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना कि जाती है। भगवान को खीर का भोग लगाया जाता है। चॉदनी मे श्रंृगार कर चंद्र देव के दर्शन कर अमृत प्राप्त करना चाहिऐ । वही नगर के टेकरी मंदिर पर कथा श्रवण एवं खीर वितरण का कार्यक्रम संपन्न हुआ एवं अस्पताल चौराहा पर मनोज परिहार के द्वारा खीर वितरण का कार्यक्रम रखा गया। एवं गोविन्द बिहारी मंदिर पर भी विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इसलिए मनाई जाती है शरद पूर्णिमा

इसके पीछे एक कथा है। कि एक साहूकार था जिसकी दो पुत्रियॉ थी । एक इस दिन का व्रत पूरा करती थी और एक अधूरा करती थी । दूसरी जो अधूरा व्रत करती थी। उसकि संतान जीवित नही रहती थी। तब पंडितो से इसका कारण पूछा तो उन्होने बताया कि तुम अधूरा व्रत करती हो इसलिऐ तुम्हारी संतान जीवित नही रहती है। तव वह पूरा व्रत करने लगी तो उसके यहा एक पुत्र कि प्राप्ती हुई । लेकिन वह जन्म लेते ही मर गया। तब उसे दूसरी बहिन के पास ले गये और दूसरी बहिन कि साडी छू जाने से उसका पुत्र जीवित हो उठा । 

यह व्रत संतान और पति को लंबी आयु देने वाला है। इस दिन महिलाऐ निरहार रहकर बिना कुछ खाऐ शाम को तीन पाव के लडडू जिसमे डेढ पाव मावा डेढ पाव शक्कर मिलाकर 6 लडडू बनाकर चंद्र देव के समक्ष  रखकर पूजा करे फिर एक लडडू किसी भी नई सखी को देना चाहिऐ। देवालय जाकर एक लडडू भगवान को सर्मपित करे एक लडडू गर्भवती नारी को दिया जाता है। एक गाय चराने वाले को देते है। एक लडडू पति को दे एवं एक लडडू महिला को स्वयं ग्रहण करने से उसे इस व्रत का पूरा लाभ प्राप्त होता है।