कांग्रेस और भाजपा तीन-तीन सीटों पर लगाएगी पुराने चेहरों पर दाव?

शिवपुरी। शिवपुरी जिले की पांच विधानसभा सीटों में से तीन-तीन सीटों पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल पुराने चेहरों पर दाव लगाएंगे। इस बात की हालांकि अधिकृत रूप से पुष्टि तो नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों का ऐसा ही दावा है।

कांग्रेस में प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। सूत्रों के अनुसार स्क्रीनिंग कमेटी ने तीन सीटों पर सिंगल नाम और दो सीटों पोहरी तथा करैरा में दो-दो नामों का पैनल कांग्रेस कार्यसमिति को पुष्टि हेतु भेजा है। 

भाजपा  में प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया विधिवत् रूप से अभी शुरू नहीं हुई है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि प्रत्याशी चयन में ग्वालियर सांसद यशोधरा राजे सिंधिया को महत्व दिए जाने का पार्टी ने मन बना लिया है। सूत्र यह भी बताते हैं कि मौजूदा चार विधायकों में से एक विधायक का टिकट कटने के आसार बन रहे हैं।

पिछले विधानसभा चुनाव में जिले की पांच सीटों में से कांग्रेस महज एक सीट पिछोर पर सिमट गई थी और चार विधानसभा सीटों शिवपुरी, कोलारस, पोहरी और करैरा में भाजपा ने विजयश्री प्राप्त की। इनमें से कोलारस में कांग्रेस प्रत्याशी रामसिंह यादव महज 238 मतों से भाजपा के देवेन्द्र जैन के हाथों पराजित हुए और शिवपुरी में कांग्रेस प्रत्याशी वीरेन्द्र सिंह रघुवंशी कांटे के संघर्ष में लगभग 1700 मतों से भाजपा प्रत्याशी माखनलाल राठौर के हाथों हारे थे। 

जबकि करैरा और पोहरी दोनों विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस प्रत्याशियों को जमानत से हाथ धोना पड़ा था। इसी कारण इन दोनों क्षेत्रों में कांग्रेस की प्राथमिकता प्रत्याशी बदलाव में है। इसके विपरीत पिछोर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी को कांग्रेस प्रत्याशी केपी सिंह के मुकाबले जमानत गवानी पड़ी थी।

कांग्रेस हलकों से जो संकेत मिल रहे हैं उससे पता चलता है कि पिछोर विधायक केपी सिंह का टिकट सर्वाधिक सुनिश्चित है। उनके टिकट पर संकट के कोई बादल नजर नहीं आ रहे हैं। स्क्रीनिंग कमेटी ने उनका सिंगल नाम अनुमोदन हेतु सीडब्ल्युसी के पास भेजा है। 

सूत्रों के अनुसार स्क्रीनिंग कमेटी ने पार्टी गाईड लाईन के अनुसार पिछले चुनाव में 1000 से कम मतों से हारने वाले कांग्रेस प्रत्याशियों को टिकट देने का फैसला किया है। इस सूची में कोलारस से कांग्रेस टिकट के दावेदार रामसिंह यादव हैं। सूत्रों के अनुसार स्क्रीनिंग कमेटी ने उनका भी सिंगल नाम तय किया है।

जहां तक शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र का सवाल है सूत्रों के अनुसार जिला कांग्रेस और ब्लॉक कांग्रेस के पैनल में पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी, शहर कांग्रेस अध्यक्ष राकेश जैन आमोल और पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन का नाम पैनल में दिया था, लेकिन सूत्रों के अनुसार प्रदेश कांग्रेस और स्क्रीनिंग कमेटी ने वीरेन्द्र रघुवंशी का सिंगल नाम अनुशंसा के लिए कांग्रेस कार्य समिति को भेजा है। करैरा और पोहरी में जातिगत आधार निर्णायक माना जाता है।

इसी समीकरण को ध्यान में रखते हुए सूत्रों के अनुसार स्क्रीनिंग कमेटी ने पोहरी में हरिवल्लभ शुक्ला और सुरेश राठखेड़ा का तथा करैरा में श्रीमती शकुंतला खटीक और जसवंत जाटव का पैनल भेजा है। जिन तीन सीटों पिछोर, कोलारस और करैरा में सिंगल नाम हैं। 

वे सब पिछले चुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे थे और पार्टी की गाईड लाईन उनकी टिकट राह में बाधक नजर नहीं आ रही। जबकि करैरा और पोहरी में पैनल के दोनों नाम नए हैं। सूत्र बताते हैं कि पार्टी की सोच है कि यदि पोहरी में ब्राह्मण उम्मीदवार को टिकट देने का निर्णय होता है तो हरिवल्लभ को और धाकड़ उम्मीदवार को टिकट देने के फैसले पर सुरेश धाकड़ को टिकट दिया जाएगा।

इसी तरह करैरा में टिकट का फैसला खटीक और जाटव उम्मीदवार में से किस जाति के उम्मीदवार को टिकट दिया जाए उस पर आधारित होगा। भाजपा में प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया फिलहाल गुप्त रूप से चल रही है, लेकिन जो संकेत मिले हैं उससे जाहिर है कि प्रत्याशी चयन में यशोधरा राजे सिंधिया की राय को प्राथमिकता दी जाएगी। 10 सितम्बर को इसी उद्देश्य से भोपाल में यशोधरा राजे की उनके बंगले पर प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर से डेढ़ घंटे लंबी मुलाकात हो चुकी है। 

पार्टी का दबाव है कि यशोधरा राजे सिंधिया न केवल जिले में कमान संभालें, बल्कि स्वयं भी शिवपुरी से चुनाव लड़ें। सूत्र बताते हैं कि संकेत इस बात के हैं कि यशोधरा राजे चुनाव लड़ सकती हैं। ऐसी स्थिति में मौजूदा विधायक माखनलाल राठौर का टिकट स्वयं कट जाएगा। श्री राठौर पहले ही कह चुके हैं कि यदि यशोधरा राजे मैदान में आती हैं तो वे टिकट की दौड़ में नहीं हैं। टिकट के अन्य दावेदार भी ऐसी ही मंशा जाहिर कर चुके हैं।

सूत्र बताते हैं कि पोहरी से विधायक प्रहलाद भारती को टिकट मिलने की हरी झण्डी सबसे पहले मिली और उन्होंने अपना प्रचार भी एक तरह से शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार करैरा में भी विधायक रमेश खटीक का अपरहेण्ड माना जा रहा है, लेकिन यदि उनका टिकट कटता है तो जनपद अध्यक्ष गगन खटीक को टिकट मिल सकता है। ठीक ऐसी ही स्थिति कोलारस में विधायक देवेन्द्र जैन की है। उनके  बाद संभावना आलोक बिंदल की बनती है। पिछोर में भाजपा नवप्रभा पडेरिया, विकास पाठक, रमेश खटीक, नरेन्द्र बिरथरे, भैय्या साहब लोधी में से किसी पर दाव लगा सकती है।

हरिवल्लभ और शकुंतला को गाईड लाईन का भय!

पोहरी में हरिवल्लभ शुक्ला और करैरा में शकुंतला खटीक को पार्टी गाईड लाईन का भय सता रहा है। हरिवल्लभ पिछले चुनाव में पोहरी में बसपा से चुनाव लड़े थे और लगभग 20 हजार मतों से पराजित हुए थे। जबकि शकुंतला खटीक करैरा से जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार के रूप में पराजित हुई थीं। फिलहाल दोनों ही कांग्रेस में हैं और टिकट के मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं, लेकिन यदि गाईड लाईन का अक्षरस क्रियान्वयन हुआ तो उनका टिकट खतरे में पड़ सकता है। सूत्रों के अनुसार गाईड लाईन के चलते ही करैरा और पोहरी में क्रमश: जसवंत जाटव और सुरेश राठखेड़ा का नाम जोड़ा गया है। हालांकि कांग्रेस के एक वरिष्ठ  नेता का कथन है कि अंतत: जीतने योग्य उम्मीदवार को टिकट मिले और गाईड लाईन पर सख्ती उतनी महत्वपूर्ण नहीं है।

नाम उजागर होना किसी रणनीति का अंग तो नहीं!

कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी की 17 अक्टूबर को ग्वालियर में आयोजित सभा को जब केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सफल बनाने में जुटे हैं। उसी दौरान स्क्रीनिंग कमेटी के सिंगल और पैनल उजागर होने से पार्टी सकते में हैं। अभी तक भीड़ जुटाने के लिए सभी दावेदार जुटे हुए थे, लेकिन पार्टी को आशंका सता रही है कि जिनके नाम पैनल में नहीं हैं। वे भीड़ जुटाने से किनारा कर सकते हैं। इस कारण नाम उजागर होना कांग्रेस की आंतरिक गुटबाजी की एक रणनीति का अंग भी हो सकता है। ऐसी संभावना राजनैतिक हलकों में व्यक्त की जा रही है।