शिवपुरी/करैरा। करैरा विकास खण्ड में सर्व शिक्षा अभियान की राशि का व्यय मापदण्डो के अनुरूप न कर अधिकारियो द्वारा की जा रही मनमानी एंव कमीशन वसूली के परिणाम स्वरूप अपव्यय का पर्याय सिद्ध हो रहा है। जहां कई गांवो में आवष्यकता न होने के पश्चात भी विद्यालय भवन तथा अतिरिक्त कक्ष स्वीकृत कर लााखो रूपये खर्च कर डाले गये है।
जवकि कई जगह आवष्यकता होने के पश्चात भवन भी स्वीकृत नही हो सके है। करैरा मुख्यालय से सटे ग्राम पंचायत मुख्यालय खैराघाट के शास. प्रोन्नत प्राथमिक विद्यालय घोषीपुरा को उदाहरण के तौर पर देखा जा सकता है जहां दर्ज छात्र संख्या के मान से बच्चों की बैठने की समुचित व्यवस्था आज तक नही हो सकी है। सन् 1999 में निर्मित शाला भवन है जहां मात्र दो कमरे ही बच्चो को बैठने के लिये उपलब्ध है जवकि वहां दर्ज छात्र संख्या 100 है जवकिषिक्षा अधिकार कानून के अन्तर्गत 30 छात्र ही एक कक्षा में बैठाये जा सकते है । तथा तीस छात्रो के मान से एक षिक्षक होना आवष्यक है। हालांकि हाल ही मे षिक्षको की भर्ती कर वहां षिक्षको की नियुक्ति तो छात्रो के मान से कर दी गई है। किन्तु बैठने की व्यवस्था न होने के चलते बच्चो की एक ही कक्षा में बैठाकर पढाया जा रहा है।