सिद्धेश्वर और काली माता मंदिर पर हुआ रावण का दहन

शिवपुरी। इस वर्ष नक्षत्रों को लेकर हुए मतभेद के फेर में दशहरा पर्व को लेकर लोग भ्रमित है जिसमें किसी ने आज तो कोई कल दशहरा मनाएगा। दशहरा पर्व पर प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री सिद्धेश्वर मंदिर प्रांगण में और काली माता मंदिर प्रांगण में क्रमश: पंजाबी परिषद और नरङ्क्षसह मंदिर समिति द्वारा रावण का दहन किया गया।
हालंाकि कुछ जगह आज भी दशहरा पर्व मनाया जाएगा। इस बारे में ज्योतिषों का मानना है कि घनिष्ठ नक्षत्र के साथ-साथ पंचक लगने पर दशहरा मनाया जाता है, लेकिन इस बार मतभिन्नता  के कारण यह स्थिति उपजी है। वहीं तिथि के साथ नक्षत्रों का महत्व रखते हुए न्यूब्लॉक हंस बिल्डिंग चौराहे पर शिवगोपाल शिवहरे परमार्थ समिति द्वारा आज दशहरा मनाया जाएगा। साथ में शहर अन्य जगहों पर भी आज भी रावण दहन किया जाएगा। 

 पंजाबी परिषद और नरसिंह मंदिर दशहरा समिति द्वारा आज दशहरा पर्व मनाया गया और काली माता व सिद्वेश्वर प्रांगण में रावण का दहन किया गया, यहां शाम 4 बजे पंजाबी परिषद द्वारा चल समारोह निकाला गया तो वहीं नरसिंह मंदिर दशहरा समिति द्वारा भी शाम 6 बजे चल समारोह निकला। जल मंदिर से निकले चल समारोह में राम, लक्ष्मण, हनुमान और रावण की झांकियां साथ चलीं और रावण पुतला दहन स्थल पर पहुंचकर रामलीला करते हुए रावण के पुतले को आग लगाई। 

असत्य पर सत्य की जीत का पर्व दशहरे पर रावण दहन के साथ ही आतिशबाजी की गडग़ड़ाहट से पूरा शहर गूंज उठा और भव्य आतिशबाजी हुई। वहीं शिवगोपाल शिवहरे परमार्थ समिति के सदस्यों का कहना है कि हिंदु धर्म ग्रंथों के अनुसार जिस समय भगवान राम ने रावण का वध किया था उस दिन को दशहरे के रूप में सदियों से मनाया जा रहा है। साथ-साथ घनिष्ठ नक्षत्र और पंचक लगने पर रावण का दहन किया जाता है, लेकिन इस बार मतभिन्नता के कारण शहर के कुछ स्थानों पर आज रविवार को दशहरा मनाया जा रहा है जो धर्म संगत नहीं है। इसलिए समिति के सदस्यों ने दशहरा पर्व को आज सोमवार को मनाने का निर्णय लिया है और आज शाम को न्यूब्लॉक चौराहे पर समिति द्वारा 25 फुट ऊंचे रावण का दहन किया जाएगा। वहीं शहर में अन्य जगहों पर भी आज ही दशहरा मनाया जाएगा।