आश्वासन के बाद मिली दुत्कार, कर लिया आत्महत्या प्रयास का मामला दर्ज

शिवपुरी। सच कहा जाता है कि पुलिस की ना तो दोस्ती अच्छी और ना ही दुश्मनी, लेकिन अपने हक की लड़ाई लड़े और न्याय की आस के बाद आश्वासन मिले और फिर दुत्कार उसके बाद भी पुलिस का मन ना भरे तो अपने अधिकारों का प्रयोग कर, कर दे मामला दर्ज,
यह इसलिए क्योंकि बीते कुछ दिनों से भौंती क्षेत्र में आमरण अनशन पर बैठे किशन लाल के साथ ऐसा ही हुआ है पहले तो उसने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अनशन पर बैठने का निश्चय किया, जब यह मामला मीडिया में आया में आया तो पुलिस की किरकिरी होने लगी और कैसे भी मामले को शांत करने के प्रयास किए गए, इसके लिए बकायदा आमरण अनशन पर पहुंचे एसडीओपी ने अनशनकारी किशन लाल को आश्वासन दिया कि उसकी मांग को पूरा किया जाएगा और दोषी पाए जाने पर पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्यवाही भी की जाएगी। इस आश्वासन के बाद किशनलाल अनशन से तो उठ गया लेकिन उसके बाद जो घटित हुए उससे किशनलाल के होश उड़ गए।

यहां गत दिवस भौंती में पुलिस के खिलाफ आमरण अनशन कर रहे किशनलाल का पहले तो अनशन पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने यह आश्वासन देकर तुड़वा दिया कि उसके विरूद्ध ज्यादती करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और बाद में कार्रवाई करना तो दूर उल्टे किशनलाल के खिलाफ पुलिस ने आत्महत्या करने के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया। प्रकरण कायमी से किशनलाल दुखी है और एक बार फिर से आमरण अनशन पर बैठने की तैयारी कर रहा है। मामला बीते शुक्रवार का है जहां कृषक किशनलाल पुलिस के व्यवहार से असंतुष्ट होकर आमरण अनशन पर बैठ गया था और उसने भौंती थाना प्रभारी को वहां से हटाए जाने की मांग करने की हिमाकत की। जिसका खामियाजा उसने अनशन खत्म करने के बाद भुगता और पुलिस ने उस पर अनशन खत्म करते ही आत्महत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया। ऐसी स्थिति में न्याय मांगने की कोई भी हिम्मत नहीं जुटा पाएगा।

...एसपी ने दिखाई हठधर्मिता

इस पूरे मामले में एसपी महेन्द्र सिंह सिकरवार तर्क दे रहें हैं कि ऐसा नहीं है कि यह थाना प्रभारी से जुड़ा हुआ है। इसलिए यह मामला दर्ज किया गया है। क्योंकि उक्त किसान ने आमरण अनशन पर बैठकर आत्महत्या का प्रयास किया है तो उस पर मामला दर्ज करना उचित है। श्री सिकरवार कहते हैं कि दिल्ली में रामदेव बाबा जब आमरण अनशन पर बैठे थे तो उन पर भी 309 का मामला दर्ज किया गया था जो व्यक्ति इस तरह से आत्महत्या करने का प्रयास करेगा उस पर भी मामला दर्ज किया जाएगा। जब उनसे पूछा गया कि इससे पहले भी कई लोग आमरण अनशन पर बैठकर आत्महत्या करने के प्रयास कर चुके हैं उन पर आज तक क्यों मामला दर्ज नहीं हुआ तो उनका कहना था कि जब से मैं यहां पदस्थ हुआ हूं तब से लेकर कोई भी ऐसा अनशन नहीं हुआ अगर होता तो मैं उन पर भी कार्रवाई करता। जबकि एएनएम कार्यकर्ताएं अपनी मांगों को लेकर कई दिनों तक भूख हड़ताल पर बैठी थीं। इसके बाद अध्यापक भी कई दिनों तक धरने पर बैठे रहे, लेकिन उन पर काई कार्रवाई नहीं की गई।

हर मोड़ पर मिली दुत्कार ही दुत्कार, ये कैसे जनसेवक

आमरण अनशन पर बैठे किशनलाल ने अपने व्यथा सुनाते हुए कहा कि उसके खेत से तीन मोटर चोरी हो गई थीं। इसके बाद जब वह चोरी की रिपोर्ट लिखाने थाने पहुंचा तो उसे थाना प्रभारी ने भगा दिया। इसके बाद वह कलेक्टर आरके जैन और एसपी महेन्द्र सिंह सिकरवार से भी मिला और अपनी व्यथा सुनाई, लेकिन इसके बाद भी किसी ने भी उसकी सुनवाई नहीं की। इसी बीच उसे मोटर चुराने वाले कमलू लोधी, डल्लू परिहार और वंशकार नामक युवक पकड़ में आए गए। इसके बाद कमलू लोधी ने मोटर चुराना भी स्वीकार कर लिया। 

इसके बाद जब वह आरोपियों की शिकायत करने थाने पहुंचा तो थाना प्रभारी ने उसके बेटे बाबूलाल की मारपीट कर दी और गालियां देकर भगा दिया। किशनलाल कहते हैं कि जब न्याय के सारे दरवाजे बंद हो गए तो मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा और थाना प्रभारी को बचाने के लिए कल एसडीओपी ने मुझे आश्वासन दिया कि वह इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराएंगे। उनके इस आश्वासन पर मैंने अनशन तोड़ दिया, लेकिन अब उन्होंने मुझ पर ही मामला दर्ज कर लिया है। ऐसी स्थिति मेें लोगों का पुलिस पर से भरोसा उठना स्वाभाविक है।