ओमप्रकाश की हठधर्मिता बनी गगन खरीट की राह का रोड़ा

शिवपुरी। ग्वालियर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली आरक्षित विधानसभा सीट करैरा में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सांसद यशोधरा राजे सिंधिया ने युवाओं के नेतृत्व को आगे लाने के नाम पर जनपद अध्यक्ष शिवपुरी गगन खटीक को प्रमोट किया है।

स्व.राजमाता ङ्क्षसधिया सभागार के लोकार्पण समारोह में उन्होंने इशारे ही इशारे में इस बात के संकेत दिए कि करैरा विधानसभ को लेकर उनके मन में गगन खटीक का नाम भाजपा की उम्मीदवारी में प्रथम दृष्टया शुमार है। गगन खटीक के पिता ओमप्रकाश खटीक भी करैरा विधानसभा में पिछले चुनाव से ही दावेदार रहे हैं लेकिन यशोधरा राजे सिंधिया ने पिछली विधानसभा में ही उनको सिरे से खारिज करते हुए रमेश खटीक के नाम पर सहमति जताई थी।

 रमेश खटीक पुराने राजनैतिक खिलाड़ी हैं उन्होंने विधायक बनने के बाद न केवल राजे की बंधुआगिरी से मुक्ति के लिए काम किया बल्कि उन्होंने प्रदेश के आला नेताओं के साथ अपने संबंधों को भाजपा के जिलाध्यक्ष रणवीर रावत के सहारे आगे मजबूत बनाया है। ओमप्रकाश खटीक भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष हैं और उनकी उम्मीदवारी यदि उन्हें विजयश्री दिलाती है तो भाजपा की सरकार बनने पर शिवपुरी जिले में मंत्री पद के प्रबल दावेदार भी होंगे। बस यही कामना ने उन्हें पिता हट के लिए मजबूर कर दिया है और वह समानांतर रूप से अपने ही पुत्र के साथ अपना नाम उम्मीदवारी के लिए चला रहे हैं। पिता की हट पुत्र की सशक्त दावेदारी में रूकावट बनने का प्रयास कर ही है। 

 करैरा विधानसभा में प्रत्याशी चयन को लेकर भाजपा हाईकमान किसी भी निर्णय को करने की स्थिति में नहीं है। इसकी वजह साफ है कि शिवपुरी जिले में भाजपा के प्रत्याशी चयन को लेकर जो निर्णय करने की प्रक्रिया चालू होगी उसमें यशोधरा राजे ङ्क्षसंधिया महत्वपूर्ण कडी हैं और करैरा विधानसभा क्षेत्र उनके वर्तमान लेाकसभा क्षेत्र में आता है। इसलिए करैरा और उसके साथ में पोहरी ऐसे दो विधानसभा क्षेत्र हैं जिनमें यशोधरा राजे सिंधिया की पसंद ही अंतिम निर्णय होगा। संगठनात्मक दृष्टि से उसमें किसी भी तरह का फेरबदल होने की गुंजाइश कम रहेगी। वर्तमान विधायक रमेश खटीक को लेकर भाजपा के जिलाध्यक्ष रणवीर सिंह रावत की जो कैमिस्ट्री है वह उन्हें भाजपा हाईकमान के सामने मुस्तैदी से दावेदार बनाए हुए है। 

करैरा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी को विजयश्री हासिल करने के लिए आज के हालात में जिलाध्यक्ष रणवीर रावत की मंशा को भी ध्यान में रखना भाजपा की जीत के लिए जरूरी है। जनपद और मण्डी के अध्यक्ष उनके स्वयं के परिवार के सदस्य होने के कारण उनकी मर्जी के खिलाफ किया गया निर्णय चुनाव में निराशा जनक परिणाम का कारण भी बन सकता है। वर्तमान विधायक रमेश खटीक को लेकर पार्टी में टिकिट परिवर्तन की बात शुरू से चल रही है लेकिन टिकिट परिवर्तन की दिशा में आ रही रूकावटों को रमेख खटीक ने अपने सकारात्मक प्रयासों से काफी हद तक सुधारा है। फिर भी उनको उम्मीदवार बनाए रखने  के लिए यह प्रयास न काफी दिखाई देते हैं। दूसरी तरफ ओमप्रकाश खटीक की दावेदारी भाजपा के जिलाध्यक्ष रणवीर रावत को नगवार गुजर रही है। 

चूंकि रणवीर रावत करैरा से पूर्व विधायक हें और पूरा क्षेत्र उनका देखा हुआ है तो विधानसभा को लेकर वह समानांतर सत्ता ओमप्रकाश खटीक के रूप में अपने क्षेत्र में काबिज नहीं कराना चाहते इसीलिए ओमप्रकाश से उनकी पटरी बैठना संभव नहीं है। लेकिन गगन खटीक जो कि जिला परिषद उपाध्यक्ष और वर्तमान में जनपद अध्यक्ष रहने के बाद संगठनात्मक दृष्टि से भी युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं और उनकी कार्य प्रणाली से भाजपा के जिलाध्यक्ष भी प्रभावित रहते हैं और गगन की उम्मीदवारी को जिलाध्यक्ष यशोधरा राजे सिंधिया के साथ-साथ भाजपा हाईकमान की मर्जी समझकर स्वीकार्य कर भी सकते हैं।

 इसके अलावा संगठन के लोग भी गगन खटीक को आगे लाना चाहते हैं और गगन खटीक को लेकर यशोधरा राजे सिंधिया भी अपनी सांकेतिक सहमति शिवपुरी यात्रा के दौरान जता चुकी हैं। चूंकि पिछले विधानसभा में गगन खटीक ने टिकिट मांगा था लेकिन यशोधरा राजे ङ्क्षसधिया ने उन्हें उम्मीदवारी के लिए मुनासिव नहीं समझा। लेकिन वर्तमान में उनकी उम्मीदवारी पर यशोधरा राजे सिंधिया पूर्व सहमत दिखाई देती हैं। यदि पिता की हट बरकरार रही और रमेश खटीक की जगह ओमप्रकाश खटीक को प्रत्याशी भाजपा ने घोषित किया तो दोहरी मार ओमप्रकाश खटीक को आगामी विधानसभा चुनाव में करैरा क्षेत्र से झेलनी पड़ सकती है। एक तो यशोधरा राजे सिंधिया की नाफरमानी और दूसरा भाजपा के जिलाध्यक्ष रणवीर रावत के राजनैतिक सत्ता क्षेत्र करैरा में दखलंदाजी के विरोध के रूप में सामने आ सकती है।